Madhyamik LIFE SCIENCE Notes

 Madhyamik LIFE

 SCIENCE Notes

Lesson-1










HORMONE


3-Important Full Forms

IAA - Indole Acetic acid.

IBA - Indole Butyric acid

IPA - Indole propionic acid

NAA- Naphthalene acetic acid

 2.4D - 2-4 D Chlorophenoxy acetic acid

ACTH - Adrenocorticotrophic Hormone 

STH - Somato Trophic Hormone (Growth Hormone GH) 

TSH - Thyroid Stimulating Hormone 

GTH - Gonadotrophic Hormone

ADH- Anti Diuretic Hormone

FSH - Follicle Stimulating Hormone 

LH - Luteinizing Hormone
 Or,
I.C.S.H. - Interstitial Cell Stimulating Hormone

 GH- Growth Hormone

MSH - Melanocyte Stimulating Hormone


4. पिट्यूटरी को मास्टर ग्रंथि कहा जाता है, क्यों?
Pituitary gland को master gland कहते हैं क्योंकि यह अपने स्राव द्वारा  अन्त स्रावी ग्रन्थियों के स्राव को प्रभावित करती है तथा अनेक कार्यों को भी नियंत्रित करने में सहायता करती है ;अतः इसे मास्टर ग्रंथि(master gland )कहा जाता है|

5.पीनियल ग्रंथि(Pineal gland)को जीवन घड़ी(life watch)कहा जाता है,क्यों?

पीनियल ग्रंथि को जीवन घड़ी कहते हैं इसका कारण यह है कि इस gland द्वारा स्रावित hormone एक निर्धारित समय के अनुसार निद्रावस्था को भंग कर व्यक्ति को जागृत करता है । मनुष्य के लिए यह एक alarm watch की तरह कार्य करती है । अतः इसे जीवन घड़ी(life watch) कहते हैं ।


6.Adrenaline को तीन FS (FFF) का हार्मोन भी कहा जाता है,क्यों?

Adrenaline hormone को three FS (FFF) भी कहते हैं क्योंकि F =Fight (भय), F=Fight (लड़ाई) तथा F=flight (भागना) । चूंकि Adrenaline एक Emergency hormone है अतः यह भय के कारण डर कर भागने या लड़ने में सहायता करता है। अतः इसे hormone of three FS कहते हैं।


7.हार्मोन को रासायनिक दूत कहते हैं क्यों?

हार्मोन को रासायनिक दूत कहते हैं क्योंकि यह अन्तः स्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्रावित होकर अपनी उत्पत्ति स्थान से दूर जाकर किसी अन्य अंग को प्रभावित करते हैं, अतः इन्हें रासायनिक दूत कहते हैं। 


8.हार्मोन को रासायनिक संयोजक तथा नियंत्रक (regulator) कहते हैं, क्यों?

हार्मोन को रासायनिक संयोजक तथा नियंत्रक (regulator)कहते हैं क्योंकि ये शरीर के विभिन्न अंगों में
समन्वय स्थापित करते हैं तथा शारीरिक क्रियाओं को नियमित रूप से संचालित होने में सहायता प्रदान करते हैं; अतः इसे chemical coordinator or regulator कहते हैं|









Local Hormone - वे हार्मोन जिनकी क्रियाशीलता उत्पत्ति स्थल ग्रन्थि तक ही सीमित रहती है उन्हें local hormone कहते हैं। जैसे- testosterone (Testis से स्रावित) , Gastrin (Stomach से सावित) ,Secretin (duodenum से सावित)

अंतर लिखें





Nervous system(तंत्रिका तंत्र)








36-सिनेप्स (Synapse)की परिभाषा लिखो|
सिनेप्स (Synapse) - एक न्यूरान के डेन्ड्राइट्स दूसरे न्यूरान के एक्सान के एण्ड ब्रुश (end brush) या शाखाओं द्वारा क्रियात्मक रूप (Functionally) से जुड़े रहते हैं। इस मिलापस्थान को सिनेप्स कहते है ।

37-गैंग्लियान (Ganglion)की परिभाषा लिखो|
Ans-गैंग्लियान  (Ganglion) - न्यूरान के साइटान के समूह को Ganglion कहते हैं।

38-साइटान (Cell body or cyton)की परिभाषा लिखो|

Ans-साइटान (Cell body or cyton) - न्यूरान का भाग जिससे प्रवर्धन निकलते है उसे कोशिका देह,साइटान(cyton), न्यूरोसाइटान (neurocyton), सोमा (soma) तथा सेन्ट्रान(centron) भी कहते हैं|

39-मेनिनजेज की परिभाषा लिखो|

Ans-मेनिनजेज (Meninges) - मस्तिष्क तथा रीढ़ रज्जू को घेरने वाली झिल्लियों के संयुक्त रूप को मेनिनजेज (Meninges) कहते हैं ।

Note:- ये क्रमशः डूरामेटर (Duramater) सबसे बाहरी, पायामेटर (Piamater) सबसे भीतरी तथा दोनों के मध्य में आर्कन्वायड मेटर (Archnoid mater) हैं। 

40-Foramen magnum की परिभाषा लिखो|

Ans-Foramen magnum- खोपड़ी के आधार पर जिस छिद्र द्वारा brain तथा spinal cord आपस में संयुक्त रहते हैं उस छिद्र को फॅरामेन मैगनम कहते हैं।


41-कार्पस कैलोसम की परिभाषा लिखो|

Ans-कार्पस कैलोसम (Corpus callosum) - सेरीब्रम के दोनों अर्द्धगोलकों को जोड़ने वाले संयोजी तन्तुओं (Connecting fibres) को कार्पस कैलोसम कहते हैं ।

42-कार्पस स्ट्रेटम की परिभाषा लिखो|

Ans-कार्पस स्ट्रेटम (Corpus striatum) - सेरीब्रम के मेडूला भाग में कार्टेकस का कुछ भाग उपस्थित रहता है इस भाग को कार्पस स्ट्रेटम कहते हैं । अर्थात White mater में उपस्थित gray mater को कार्पस स्ट्रेटम कहते हैं ।

43-मेडूला ओवलांगाटा की परिभाषा लिखो|

Ans-मेडूला ओवलांगाटा (Medulla Oblongata) - यह पश्च Brain का अन्तिम शंक्वाकार (conical) भाग है जिसका आधार पोन्स से तथा शीर्ष भाग रीढ़ रज्जू से सम्बंधित
रहता है।

44-तंत्रिका तंत्र के मुख्य भाग लिखो|

Ans-तंत्रिका तंत्र के मुख्य भाग - Spinal cord तथा Brain 

45-की परिभाषा लिखो|

Ans-ऑर्गन आफ कोट्टी (Organ of Corti) - काकलिया के अन्दर बेसिलर झिल्ली के ऊपर तंत्रिका तन्तुओं द्वारा गठित रचना को organe of corti कहते हैं । 

Note:-इसी से अडिटोरी तंत्रिकायें जुड़ी रहती हैं । 

46-कर्ण अस्थियाँ की परिभाषा लिखो|

Ans-कर्ण अस्थियाँ (Ear ossicles) - मध्य कान में तीन अस्थियां पायी जाती हैं जिन्हें कर्ण अस्थियां कहते हैं । यह शरीर की सबसे छोटी अस्थियां होती हैं ।

47-राड्स की परिभाषा लिखो|

Ans-राड्स   (Rods ) - रेटिना पर उपस्थित संवेदी कोशिकायें जिसके द्वारा  प्रकाश के अंधेरे तथा उजाले होने का ज्ञान होता है,राड्स कहते हैं ।


48- कोन की परिभाषा लिखो|

Ans-कोन(cones)-रेटिना पर उपस्थित संवेदी कोशिकायें जिसके द्वारा प्रकाश के रंग भेद का ज्ञान होता है ,कोन कहते हैं ।

49-संयुक्त नेत्र की परिभाषा लिखो|

Ans-संयुक्त नेत्र (Compound eye) - अनेक स्वतंत्र दृष्टि इकाइयों से निर्मित नेत्र को संयुक्त नेत्र कहते हैं । 

50-ओमेटिडिया की परिभाषा लिखो|


Ans-संयुक्त नेत्र में उपस्थित स्वतंत्र दृष्टि इकाइयों को ओमेटिडिया(ommutidia) कहते हैं।















*Very important*
1.प्रतिवर्ती चाप का चित्रण करें तथा उनके निम्न भागों का नामांकन करें : (Draw a diagram of a reflex arc and label the following parts :)

(3+2=5)

(a) ग्राही अंग (Receptor) (b) संवेदी तंत्रिका (Sensory nerve) (c) तंत्रिका केन्द्र (Nerve centre)
(d) चालक तंत्रिका (Motor nerve)






2.न्यूरॉन का चित्र बनाकर सभी भागों को अंकित करो ।



3. मनुष्य की आँख के लम्बप्रस्थ काट का स्वच्छ तथा नामांकित चित्र बनाओ । 
अथवा, मनुष्य को आँख के लम्ब काट का चित्र बनाकर इसके मुख्य भागों के नाम लिखो। 
अथवा, मानव नेत्र के नेत्र गोलक के अनुप्रस्थ काट स्वच्छ चित्र बनाकर निम्नलिखित भागों का नाम लिखिए। (i) कार्निया, (ii) लेंस (ili) विट्रियस ह्यूमर (iv) रेटिना

(3+2)




Lesson-2

1.कोशिका विभाजन की परिभाषा लिखो|

Ans-कोशिका विभाजन (Cell division)-मातृ कोशिका (Mother cell) से पुत्री कोशिकाओं (Daughter cell) के उत्पन्न होने की प्रक्रिया को cell division कहते हैं ।

2.प्रोकेरियोटिक सेल की परिभाषा लिखो|

Ans-प्रोकेरियोटिक सेल (Prokaryotic Cell )- 
 वह कोशिका जिसका केन्द्रक सुसंगठित नहीं होता तथा कोशिकांग (Cellulor organelles ) अनुपस्थित रहते हैं, प्रोकेरियोटिक सेल कहते हैं ।
 जैसे-Bacteria, Blue-green algae आदि।

Note:Prokaryotic Cell का अर्थ-ग्रीक भाषा में Pro का अर्थ आदि तथा Karyon का अर्थ केन्द्रक अर्थात् आदि केन्द्रक । 

3.यूकेरियोटिक सेल की परिभाषा लिखो|

Ans-यूकेरियोटिक सेल (Eukaryotic Cell)- वह कोशिका जिसका केन्द्रक सुसंगठित होता है, अर्थात् केन्द्रक के सभी अवयव उपस्थित रहते हैं तथा साइटोप्लाज्म में सभी कोशिकांग (Cell organelles ) उपस्थित रहते हैं उसे आदर्श या यूकेरियोटिक कोशिका कहते हैं ।
 जैसे मानव शरीर की कोशिकाएं, उच्च श्रेणी के जन्तु तथा पादप कोशिकाएँ आदि ।

Note:-यूकेरियोटिक सेल (Eukaryotic Cell)का अर्थ- ग्रीक भाषा में Eu का अर्थ आदर्श तथा Karyon का अर्थ केन्द्रक है अर्थात् आदर्श केन्द्रक ।

4-प्रोकैरियोटिक सेल और यूकेरियोटिक सेल के बीच अंतर लिखो|
Ans-


5-क्रोमोजोम की परिभाषा लिखो|
Ans-परिभाषा- क्रोमोजोम कोशिका विभाजन के समय न्यूक्लियर रेटिकूलम अर्थात् क्रोमेटिन धागों से उत्पन्न निश्चित संख्या वाले जीन युक्त सूत्रवत रचनायें हैं जो कोशिका विभाजन के समय स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं तथा ये न्यूक्लियो प्रोटीन D.N.A. द्वारा गठित होते हैं ।

6-*DNA -डिआक्सीराइबोज न्यूक्लीक अम्ल (Deoxyribose Nucleic Acid)- 
*Note:- DNA में डिआक्सी राइबोज शर्करा (Deoxyribose sugar) तथा नाइट्रोजनीय कार्बनिक भस्म एडीनीन, ग्वानीन, साइटोसीन एवं थाइमीन होते है ।


7-DNA का महत्व/कार्य लिखो|
Ans-DNA का महत्व (Significance of DNA) -

(1) Genes DNA के बने होते हैं ,DNA का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कार्य अनुवांशिकी सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भेजना है ।(2) यह प्रत्यक्ष रूप से कोशिका की समस्त जैविक क्रियाओं (Vital activities) का नियमन करता है । (3) DNA,RNA का संश्लेषण करता है जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए अति महत्वपूर्ण है।

8-*RNA-राइबोन्यूक्लीक अम्ल(Ribonucleic Acid)- 
*Note-:इसके सूत्र का निर्माण राइबोज शर्करा फास्फेट तथा नाइट्रोजनीय भस्म एडीनीन, ग्वानीन, साइटोसीन एवं सूरैसिल होते हैं । RNA का संश्लेषण DNA द्वारा होता है।

9-RNA के कार्य लिखो|
Ans-RNA के कार्य- ( i) यह संदेशवाहक का कार्य करता है । (ii) प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करता है ।

10-क्रोमेटिड्स की परिभाषा लिखो|
(a) क्रोमेटिड्स (Chromatids)- क्रोमोजोम दो सर्पिलाकार अक्ष तन्तुओं से बना होता है । प्रत्येक तन्तु को Chromatids कहते हैं।

11.क्रोमोनिमेटा की परिभाषा लिखो|
(b)क्रोमोनिमेटा (Chromonemata)- प्रत्येक क्रोमेटिड अत्यन्त सूक्ष्म सर्पिलाकार तन्तुओं से बने होते है । इन तन्तुओं को क्रोमोनिमेटा (chromonemata) कहते हैं ।

12.सेन्ट्रोमियर की परिभाषा लिखो|
(c) सेन्ट्रोमियर (Centromere)- क्रोमेटिड जिस स्थान पर आपस में जुड़े रहते हैं उस स्थान को सेन्ट्रोमीयर (centromere) कहते हैं ।

13.जीन की परिभाषा लिखो|
V.I**जीन (Gene) - क्रोमोजोम पर उपस्थित वे विशिष्ट कण जो अनुवांशिक लक्षणों के वाहक होते हैं उन्हें जीन कहते हैं । 

Note:-V.I.**जीन को अनुवांशिकता की इकाई माना जाता है ।** ये DNA द्वारा गठित होते है ।**

14.कोशिका विभाजन का महत्व लिखो|
 Ans-कोशिका विभाजन का महत्व (Significance of cell division)
  1. जीव के आकार तथा आयतन में वृद्धि तथा विभिन्न अंगों के विकास के लिए । 
  2. बहुकोशकीय जीवों में zygote से भ्रूण का निर्माण तथा विकास के लिए ।
  3. टूटी - फूटी या नष्ट कोशिकाओं के मरम्मत के लिए ।   4. प्रजनन तथा वंश विस्तार के लिए कोशिका विभाजन आवश्यक है।

15.कोशिका विभाजन के कितने प्रकार है?उनके नाम लिखिए|
 Ans-
कोशिका विभाजन के प्रकार (Types of cell division )-पौधों तथा जन्तुओं में तीन प्रकार की कोशिका विभाजन सम्पन्न होता है।
1. एमाइटोसिस (Amitosis) 
2. माइटोसिस (Mitosis)
3. मियोसिस (Meiosis)


16-एमाइटोसिस की परिभाषा लिखो|
एमाइटोसिस (Amitosis) or Direct cell division - विभाजन की वह सीधी या प्रत्यक्ष (Direct) विधि जिसमें मातृ कोशिकाओं का केन्द्रक सीधे रूप से दो भागों में विभाजित होकर दो पुत्री कोशिकाओं (daughter cells) का निर्माण करता है।

17-एमाइटोसिस की क्रिया निम्न श्रेणी के पौधों एवं जन्तुओं में होती है,
 जैसे निम्न श्रेणी के पौधों में (In lower plants)- चारा (Chara), यीस्ट(yeast), वैक्टीरिया (bacteria) आदि ।

जन्तुओं में (In animals) - अमीबा (Amoeba), अस्थि कोशिकाएं(Bone cells),W.B.Cआदि ।


18-माइटोसिस की परिभाषा लिखो|
Ans-माइटोसिस (Mitosis) या समसूत्र विभाजन (Equational division) - सोमेटिक सेल के विभाजन की वह सामान्य विधि जिसमें एक मातृ कोशिका के केन्द्रक के केवल एक बार विभाजन के फलस्वरूप समरूप तथा समान क्रोमोजोम वाली दो पुत्री कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है, उसे समसूत्र विभाजन (mitosis) कहते हैं । 

19.माइटोसिस कहाँ होता है?
Ans-
माइटोसिस विभाजन निम्नलिखित जन्तुओं एवं अंगो में होती है ।

(i) प्रायः सभी बहुकोशकीय जन्तुओं की शारीरिक कोशिकाओं (somatic cell) में|
(ii) Plants- सभी वर्धी भागों में जैसे जड़, तना, पत्तियों, फूल कलिकाओं, पार्श्व कलिकाओं आदि में । 
(iii) Animal - नर्भ सेल (Nerve cell) तथा जम्म सेल (germ cell) को छोड़ कर सभी सोमेटिक कोशिकाओं (somatic cells) में|
(iv) एक कोशकीय प्राणियों तथा जन्तुओं में वृद्धि तथा वर्धी प्रजनन में माइटोसिस (mitosis) की क्रिया होती है|

20-माइटोसिस का महत्व लिखो|

Ans-माइटोसिस का महत्व (Significance of mitosis) 
(i) यह विभाजन शारीरिक कोशिकाओं (Somatic cell) में होती है ।
(ii) इस विभाजन से उत्पन्न पुत्री कोशिकाओं (daughter cell) में क्रोमोजोम की संख्या बराबर तथा अपरिवर्तित रहती है । 
(iii) माइटोसिस के फलस्वरूप अंगों में वृद्धि एवं विकास होता है 
(iv)इस विभाजन द्वारा कोशिका की प्रकृति तथा आयतन समान बना रहता है ।
(v) RNA तथा DNA का संतुलन बना रहता है । 
(vi)इस विभाजन के फलस्वरूप शरीर की टूटी-फूटी तथा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की नये कोशिकाओं द्वारा मरम्मत होती है । 
(vii) एक कोशिकीय जीव प्रायः माइटोसिस विभाजन द्वारा गुणित (multiply) होकर अलैगिक प्रजनन करते हैं।

21-मियोसिस की परिभाषा लिखो|

Ans-मियोसिस (Meiosis)- जनन अंगों की कोशिकाओं (Germ cell) की विभाजन की वह विधि जिसमें एक मातृकोशिका के केन्द्रक के लगातार दो बार विभाजन के फलस्वरूप मातृ कोशिका के आधे क्रोमोजोम की संख्या वाली चार पुत्री कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है ।उसे अर्धसूत्रण विभाजन (Meiosis) कहते हैं । 

22-मिओसिस कहाँ होता है?
Ans-(i)मिओसिस की क्रिया गोनाड्स (gonads) में गैमेट (gametes) स्पर्म तथा ओभम (Sperm and ovum) में होती है । (ii) निम्न पौधों एवं जन्तुओं के जाइगोट में होती है। जैसे-स्पाइरोगाइरा (Spyrogyra), म्यूकर (mucur) आदि ।

23-मिओसिस का महत्व (Significance of meiosis) - मिओसिस का निम्नलिखित महत्व है -

(1) मिओसिस विभाजन द्वारा किसी भी समुदाय के कोशिकाओं में क्रोमोजोम की संख्या स्थिर (Constant) बनी रहती है । 
(2) जन्तु जगत में मियोसिस लैंगिक गैमिट ओभम (ovum) तथा स्पर्म( Sperm )के निर्माण में सहायक है ।
(3) वनस्पति जगत में मियोसिस लैंगिक गैमिट तथा अलैंगिक स्पोर्स (spores) के निर्माण में सहायता करता है (4) इस क्रिया में क्रासिंग ओवर (Crossing over) होता है जिससे जीनों को आदान-प्रदान होने का अवसर प्राप्त होता है।
(5) जीनों के आदान प्रदान से अनुवांशिक विभिन्नतायें (Hereditory Variations) उत्पन्न होती हैं।
(6) मियोसिस की क्रिया निषेचन (Fertilization) क्रिया का पूरक है ।

24-कोशिका चक्र की परिभाषा लिखो|

Ans-माइटोटिक साइकिल या कोशिका चक्र(Mitotic cycle or cell cycle) - लगातार कोशिका विभाजन में सेल दो अवस्थाओं से गुज रती है जिसे कोशिका चक्र कहते हैं ।

25-Spindle fibres की परिभाषा लिखो|

Ans-Spindle fibres - Metaphase में ध्रुवीय क्रोमोजोम तथा Centromere को जोड़ने वाली तन्तुनुमा रचना को Spindle fibres कहते हैं । 

Note:-
यह Centriole को एक दूसरे से दूर रखता है तथा centriole को Centromere से सटने नहीं देता तथा दोनों धुवों को जोड़ कर रखता है।



28-किसको little nucleus कहते हैं ?
या,
Little nucleus की परिभाषा लिखो|
Ans-
Nucleolus को little nucleus कहते हैं ।

29-Incipient nucleus की परिभाषा लिखो|
Ans-
Incipient nucleus - Prokaryotic केन्द्रक को Incipient nucleus कहते हैं ।

30-K.P.R(Kerm plasma relation)की परिभाषा लिखो|
Ans-
K.P.R- केन्द्रक तथा साइटोप्लाज्म के बीच स्थापित रचनात्मक सम्बन्ध को Kerm plasma relation कहते हैं ।

31-Interphase की परिभाषा लिखो|
Ans- कोशिका विभाजन की वह विधि जिसमें की Cell अपने विभाजन तैयारी करती है तथा परिपक्व होती है । इसे Interkinesis या Interphase कहते हैं ।

32-Cytokinesis की परिभाषा लिखो|
Ans- Cytokinesis -कोशिका विभाजन में Cyctoplasm के विभाजन की विधि को Cytokinesis कहते हैं| Cytokinesis की क्रिया न होने पर बहू केन्द्रीय कोशिका का निर्माण होगा।

33-Karyokinesis की परिभाषा लिखो|
Ans-Karyokinesis - केन्द्रक के विभाजित होने की क्रिया को Karyokinesis कहते हैं।

34-Somatic cell( दैहिक कोशिका)की परिभाषा लिखो|

Ans-दैहिक कोशिका- जननांगों को छोड़ कर शरीर के सम्पूर्ण भागों में पायी जाने वाली वे कोशिकायें जो लैंगिक जनन के अतिरिक्त अन्य सभी कार्यों में भाग लेती हैं, उन्हें Somatic cell कहते हैं। इनमें माइटोसिस (Mitosis) विभाजन की क्रिया सम्पन्न होती है|

35-Germ cell की परिभाषा लिखो|

Ans-Germ cell- जननांगों में उपस्थित वे कोशिकायें जो लैगिक जनन में भाग लेती हैं ये मिओसिस विभाजन द्वारा गैमिट(Gametes) का निर्माण करती हैं। इन्हें germ cell कहते हैं|

36-Equatorial plate  की परिभाषा लिखो|

Ans-Equatorial plate-क्रोमोजोम Spindle के मध्य रेखीय क्षेत्र (equatorial plane) में सज कर एक प्लेटनुमा रचना का निर्माण करते हैं, जिसे equatorial or metaphase plate कहते हैं।

37-Spiralization  की परिभाषा लिखो|

Ans-Spiralization- क्रोमोजोम के दोनों क्रोमेटिड आपस में कुण्डलित रहते हैं।क्रोमेटिड के इस दशा को Spiralization कहते हैं ।


38-Stembody or Interzonal fibre की परिभाषा लिखो|

Ans-Stembody or Interzonal fibre - जन्तु कोशिका में spindle fibre आपस में संयुक्त होकर क्रोमोजोम के मध्य में जिस रचना का निर्माण करते हैं उसे Stembody कहते हैं ।

39-Homologous chromosome की परिभाषा लिखो|


Ans-Homologous chromosome - डिप्लायड कोशिकाओं (2n) में समान आकृति एवं प्रकृति वाले एक जोड़ पितृ ( Father) तथा मातृ (Mother) क्रोमोजोम जोड़ा को होमोलोगस क्रोमोजोम कहते हैं|

40-Synapsis की परिभाषा लिखो|


Ans-Synapsis - मियोसिस विभाजन के प्रथम प्रोपोज के जाइगोटीन अवस्था में मातृ तथा पितृ क्रोमोजोम के परस्पर मिलने की क्रिया को साइनेप्सिस कहते है ।


41-Bivalent Chromosome की परिभाषा लिखो|


Ans-Bivalent Chromosome- होमोलोगस क्रोमोजोम के जोड़ा को अर्थात साइनेप्सिस युक्त क्रोमोजोम को वाई भैलेन्ट कहते हैं ।

42-Sister chromatids की परिभाषा लिखो|


Ans-Sister chromatids - किसी क्रोमोजोम के दोनों क्रोमेटिड्रस को sister क्रोमेटिड्स कहते हैं ।


43-Non sister chromatids की परिभाषा लिखो|


Ans-Non sister chromatids - वाई मैलेन्ट क्रोमोजोम के चारों क्रामेटिड में किन्हीं दो क्रोमेटिड को Non sister chromatids कहते हैं ।

44-Tetrad की परिभाषा लिखो|


Ans-Tetrad वाई भैलेन्ट क्रोमोजोम के प्रत्येक क्रोमोजोम में दो क्रोमेटिड्स होते हैं इस प्रकार चार क्रोमोटिड्स युक्त वाईमैलेन्ट क्रोमोजोम को Tetrad कहते हैं।


45-Chiasma or chiasmata की परिभाषा लिखो|


Ans-Chiasma or chiasmata- वाई मैलैन्ट क्रोमोजोम के जोड़े परस्पर विकर्षण द्वारा एक दूसरे से दूर हटने लगते हैं उस समय non sister chromatids जिन स्थानों पर एक 'दूसरे के साथ X रूप में संयुक्त रहते हैं उसे कायज्मा (बहुवचन में कायज्मेटा) कहते हैं । 

46-Crossing over की परिभाषा लिखो|


Ans-Crossing over - मियोसिस विभाजन के प्रथम प्रोफेज के पाकिटीन (Pachytene) अवस्था में वाईभैलेन्ट क्रोमोजोम के कायज्मा पर non-sister chromatidके क्रोमेटिड खण्डों(Chromatid Segments) का आदान प्रदान होने की क्रिया को Crossing over कहते हैं।

47-Terminalization की परिभाषा लिखो|


Ans-Terminalization-Crossing over के पश्चात् कायज्मा क्रोमेटिड के सिरों की ओर गतिशील होने लगता है जिसे टर्मिनलाइजेशन कहते हैं।

48-


49-माइटोसिस को equational divisionया समरूप विभाजन कहते हैं,क्यों?
 
Ans-इसका कारण यह है कि माइटोसिस विभाजन के फलस्वरूप उत्पन्न दो पुत्री कोशिकाओं में क्रोमोजोम की संख्या मातृ कोशिका के समान ही रहती है अतः इसे समरूप या समीकरणीय विभाजन कहते हैं।

50-मियोसिस विभाजन को ह्रास विभाजन कहते हैं,क्यों?

Ans-मियोसिस विभाजन को ह्रास विभाजन कहते हैं । इसका कारण यह है कि मियोसिस विभाजन के फलस्वरूप चार पुत्री कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं जिनमें क्रोमोजोम की संख्या घटकर मातृ कोशिका के क्रोमोजोम की संख्या के आधी हो जाती है; अतः इसे ह्रास विभाजन कहते हैं।

51-तंत्रिका कोशिका ( न्यूरान )विभाजित नहीं होती है,क्यों?

न्यूरान या Nerve cellमें विभाजन की क्रिया नहीं होती इसका कारण यह है कि न्यूरान में सेन्ट्रोसोम नहीं पाया जाता जिससे सेन्ट्रियोल का निर्माण नहीं होता और न तो Spindle तथा ऐस्टर rays का निर्माण होता है; अतः कोशिका विभाजन की क्रिया नहीं हो पाती ।

52-कोशिका का विभाजन क्यों होता है?

प्रत्येक Cell के केन्द्रक तथा Cytoplasm के बीच एक घनिष्ट सम्बन्ध होता है जिसे कर्ण प्लाज्मा सम्बन्ध (Kern plasma relation) कहते हैं । केन्द्रक विभिन्न कोशकीय क्रियाओं को संचालित करने में तभी तक सक्षम बना रहता है जब तक साइटोप्लाज्म के साथ इसका सम्बन्ध बना रहता है । जीव द्रव्य में लगातार वृद्धि के फलस्वरूप यह सम्बन्ध भंग होने की अवस्था (Stages) में आ जाता है। अतः इस सम्बन्ध को बनाये रखने के लिये केन्द्रक तथा साइटोप्लाज्म विभाजित होकर कोशिका का विभाजन कर देते हैं ।

53- निम्नलिखित के बीच अंतर लिखें:













54-माइटोसिस का वर्णन करें |
Ans-
माइटोसिस
यह विभाजन Somatic cell में होता है। यह दो अवस्थाओं में पूरी होती है। 
1-Karyokinesis- केन्द्रक विभाजन की विधि है जिससे केन्द्रक दो पुत्री केन्द्रक में विभाजित हो जाता है। इसकी चार अवस्थायें होती हैं । 

(a) Prophase -
 (i) क्रोमोजोम की सृष्टि होती है ।
(ii) क्रोमोटिड कुण्डलित रूप धारण करता है। अर्थात (Spiralization)
 (iii) केन्द्रक झिल्ली तथा न्यूक्लिओलस गायब होने लगता है ।

(b) Metaphase 
(i) Spindle तथा Spindle fibre का निर्माण । 
(ii) क्रोमोजोम Equatorial zone में Spindle fibre द्वारा युक्त या अंटके रहते हैं ।
(iii) केन्द्रक झिल्ली तथा न्यूक्लिओलस पूर्ण रूप से विलुप्त हो जाते हैं।
 (iv) क्रोमोजोम अधिक स्पष्ट हो जाते हैं जिन्हें सरलता पूर्वक गिना जा सकता है । 
 
(c) Anaphase
 (i) प्रत्येक क्रोमोजोम दो पुत्री क्रोमोजोम में टूट जाता है।
(ii) आधी पुत्री क्रोमोजोम उत्तरी ध्रुव पर तथा आधी दक्षिणी ध्रुव की ओर गतिशील हो जाती हैं जिसे Chromosomal movement कहते हैं ।
(iii) स्टेम वाडी ( Stem body ) का गठन होता है।

(d) Telophase 
(i) Spindle fibres धुवों पर उपस्थित पुत्री क्रोमोजोम को घेर लेते है।
(ii) केन्द्रक झिल्ली का पुनः hum निर्माण हो जाता है।
 (iii) न्यूक्लिओलस पुनः प्रकट हो जाता है।
(iv) दो पुत्री केन्द्रक का निर्माण हो जाता है। 
2- Cytokinesis : (i) साइटोप्लाज्म की विभाजन की विधि है। 
(ii) दो पुत्री कोशिकाओं का निर्माण होता है।


55- एक वनस्पति कोशिका या एक प्राणी कोशिका के माइटोसिस कोशिका विभाजन मेटाफेज अवस्था का स्वच्छ चित्र अंकन करके निम्नलिखित अंशों को चिह्नित कीजिए। (a) क्रोमोजोम (Chromosome) (b) स्पिंडल तन्तु (Spindle fibre) (c) ध्रुव क्षेत्र (Polar region) (d) सेन्ट्रोमीयर (Centromere) 
(3+2=5)

Ans-

पादप माइटोसिस के मेटाफेज



प्राणी कोशिका में समसूत्री विभाजन की दूसरी अवस्था (मेटाफेज)

























Long question -5 marks
V.I.1)पुष्पीय पौधा में दोहरा निषेचन का वर्णन कीजिये।

उत्तर : निषेचन (Fertilization) : (i) Stigma पर के द्रव को शोषित करके परागकण फूल कर बड़ा हो जाते हैं। परागकण दो केन्द्रक विभाजित होता जाता है। दूसरी बाहरी भिति exine फट जाती है। अन्दर की intine एक नली के रूप में स्टाइल में प्रवेश करता है। 
(ii) Pollen tube लम्बाई में बढ़ने लगता है तथा style द्वारा होता हुआ माइक्रोपाइल छिद्र के माध्यम से बीजाण्ड में प्रवेश करता है।
(iii) Pollen का जेनेरेटिव केन्द्रक (Generative nucleus) विभाजित होकर दो नर गैमिट का निर्माण करता है।

(iv) Pollen tube, न्यूसेलस (Nucellus) कोशिकाओं को छेदकर भ्रूण कोष के सम्पर्क में आ जाता है। यहाँ पर pollen tube का अग्र भाग फट जाता है जिससे दोनों नर गैमिट भ्रूण कोष में प्रवेश कर जाते हैं। इस समय tube nucleus गायब हो जाता है।
* (v) दोनों नर गैमिट्स में एक नर गैमिट Ova या Egg से संयोग कर जाइगोट का निर्माण करता है। इस क्रिया को निषेचन कहते हैं। दूसरा नर गैमिट definitive nucleus से संयोग कर त्रिगुणित (3n) इन्डोस्पर्मिक केन्द्रक का निर्माण करता है।
(vi) चूँकि इस निषेचन में मादा गैमिट अलग-अलग स्थानों पर पुष्पी पौधे में निषेचन मादा तथा definitive nucleus से संयोग करता है, अतः इसे दोहरा निषेचन double fertilization भी कहते हैं।


2. एक सजीव में वृद्धि कैसी होती है ? मनुष्य में शारीरिक वृद्धि की तीन अवस्थाओं का संक्षिप्त वर्णन करो ।

उत्तर : जीवद्रव्य क्रियाशील होकर सम्पूर्ण शारीरिक क्रियाओं की सहायता से नए अंगों के निर्माण, शुष्क भार और आयतन में वृद्धि करते हैं। फलस्वरूप सजीवों को वृद्धि प्राप्त होती है। मनुष्य में शारीरिक वृद्धि की कई अवस्थायें होती हैं जो निम्न हैं:-

(a) शिशुकाल (Childhood) : मनुष्य के जन्म से लेकर 12 वर्ष तक की अवस्था को शिशुकाल कहते हैं। इस अवस्था में वृद्धि की दर कम होती है। इस अवस्था में STH हार्मोन द्वारा वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। इस अवस्था के अन्त में STH तथा थाइरोक्सिन हार्मोन का स्राव अधिक होने लगता है।

(b) व्यस्क अवस्था (Adult Stage) : यह अवस्था 18 से 25 वर्ष की आयु तक रहती है। व्यस्क अवस्था में पुरुष तथा स्त्री के जनन अंग पूर्ण रूप से विकसित हो जाते हैं तथा प्रजनन की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। 18 वर्ष की आयु के बाद वृद्धि की दर कम हो जाती है तथा 25 वर्ष की आयु के बाद वृद्धि प्रायः बन्द हो जाती है।

(c) मेनोपॉज (Menopause) : मेनोपॉज अवस्था के पश्चात् जनन क्षमता बन्द हो जाती है। स्त्रियों में 45 वर्ष की आयु के बाद डिम्बाणु (Ova) का बनना बन्द हो जाता है तथा मेनुसुरेशन (Mensuretion) की क्रिया बन्द हो जाती है। पुरुषों में शुक्राणु (Sperm) का बनना बन्द हो जाता है। इस अवस्था के बाद बुढ़ापा आरम्भ हो जाता है।

V.I.3.पीढ़ी का एकान्तरण क्या है? फर्न का उदाहरण देकर समझाइए (What is alternation of generation? Explain with the example of Fern plant.)

Ans. पीढ़ी का एकान्तरण (Alternation of generation) :- लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के जीवन चक्र (life cycle) में गैमिटोफाइटिक (Haploid) और स्पोरोफाइटिक ( diploid) अवस्था का एकान्तर क्रम से एक दूसरे के बाद आते रहने की घटना को पीढ़ी का एकांतरण (alternation of generation) कहते हैं। • जैसे- फर्न का मुख्य पौधा स्पोरोफाइट होता है, जिसके बीजाणुधानियों में मियोसिस कोशिका विभाजन के फलस्वरूप बीजाणु का निर्माण होता है। बीजाणु के अंकुरण से गैमिटोफाइट पौधा प्रोथैलस बनता है। इसके नर अंग ऍथेरिडियम (Antheridium) में नर युग्मक ऐन्थ्रोज्वाएड (Antherozoids) तथा मादा अंग आर्किगोनियम (Archegonium) में मादा युग्मक अण्ड कोशिका (ova) का निर्माण होता है, जो आपस में संयोग करके द्विगुणित जाइगोट का निर्माण करते हैं, जो विकसित होकर स्पोरोफाइट पौधे का निर्माण करता है।

पीढ़ी का एकान्तरण पुष्पीय पौधे, हाइड्रा, मनुष्य आदि जन्तुओं में भी देखा जाता है। 
**4. बहुविभाजन एवं रिजेनरेशन का संक्षिप्त विवरण दीजिए। (Describe in brief multiple fission and regeneration.)

Ans. बहुविभाजन (Multiple fission) :- कोशिका केन्द्रक अनेक केन्द्रकों में माइटॉसिस द्वारा विभाजित होकर असंख्य केन्द्रक बनाता है। ये स्पोर बाहर निकलकर वयस्क प्राणी में बदल जाता है; जैसे- प्लाज्मोडियम, अमीबा आदि में।

रिजेनरेशन (Regeneration) :-- हाइड्रा, प्लेनेरिया आदि जन्तुओं का शरीर कई खण्डों में विभाजित होकर प्रत्येक भाग अपना खोया हुआ अंश का निर्माण कर लेता है एवं पूर्ण वयस्क नये प्राणी में बदल जाता है। इसे रिजेनरेशन कहते हैं।

5. पौधों में कलम लगाना एवं रोपण विधियों का वर्णन कीजिए। (Describe the process of cutting and Grafting in plants.)

Ans. (i) कलम लगाना (Cutting) :- इस विधि में पौधे के तने का एक छोटा टुकड़ा (4-10 ईंच) काट लिया जाता है और इसे खाद युक्त गीली मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। कुछ दिनों के बाद इसकी पर्वसन्धियों (Nodes) के निचले भाग से अपस्थानिक जड़ें (adventitious roots) तथा ऊपरी भाग से प्ररोह (shoot) का विकास होता है। प्रकार प्रत्येक पर्वसन्धि (node) से एक नये पौधे का विकास होता है। जैसे- गन्ना, गुलाब आदि में।

(ii) रोपण (Grafting) :- इस विधि में एक जड़ युक्त पौधे की शाखा (तना) को समान मोटाई वाले घटिया किस्म की शाखा के साथ विभिन्न आकार जैसे- V. T या तिरछा (Oblique) काटकर एक साथ जोड़ दिया जाता है। दोनों शाखाओं की जोड़ पर खाद युक्त नम मिट्टी रखकर उसे कपड़े से बाँध दिया जाता है। समय-समय पर उसके ऊपर पानी डाला जाता है। कुछ दिनों बाद वे दोनों शाखाएँ जुड़ जाती हैं तथा सियॉन (Scion ) से नई-नई शाखाएँ निकलने लगती हैं। इस विधि द्वारा घटिया किस्म से बढ़िया किस्म के पौधे तैयार किए जाते हैं। इस रोपण (grafting) में जड़युक्त पौधे के तना को स्टॉक (stock) कहा जाता है। यह घटिया किस्म का होता है। जो तना (शाखा) ऊपर रहता है, उसे सियॉन (scion) कहते हैं। यह उच्चकोटि का होता है। इस विधि का उपयोग आम, लीची, आदि पौधों में किया जाता है।

6. प्रजनन क्रिया को अनियमित वृद्धि क्यों कहा जाता है ? (Why reproduction is called discontinuos growth?)

Ans. प्रजनन क्रिया के अन्तर्गत जनक तथा भावी सन्तान के बीच एक ऐसी अवस्था आती है, जिसमें वृद्धि कुछ समय के लिये रुक जाती है और प्रजनन के बाद उत्पन्न सन्तानों में वृद्धि पुनः शुरू हो जाती है। इसलिए प्रजनन को अनियमित वृद्धि (Discontinuous growth) कहते हैं।


7. पुष्पीय पौधों में निषेचन को दोहरा निषेचन क्यों कहते हैं? (Why fertilization in flowering plants is termed as double fertilization?)

Ans. परागकण द्वारा उत्पन्न दो नर युग्मकों में से एक नर युग्मक भ्रूणकोष में उपस्थित अण्डकोष से तथा दूसरा नर युग्मक पोलर केन्द्रिका से अलग-अलग संयोग करता है। अतः पुष्पीय पौधों में निषेचन की क्रिया दो बार होती है, इसलिए इसे दोहरा निषेचन कहते हैं।

8. अलैंगिक प्रजनन की अपेक्षा लैंगिक प्रजनन अधिक उत्तम हैं, क्यों? (Why sexual repro duction is much better than asexual reproduction?)

Ans. लैंगिक प्रजनन में एक नर तथा एक मादा युग्मक का संयोग होता है, फलस्वरूप इस विधि द्वारा उत्पन्न सन्तान में माता तथा पिता दोनों के गुणों का समावेश होता है। परन्तु अलैंगिक प्रजनन में नर तथा मादा युग्मकों का समावेश नहीं होता है, बल्कि यह प्रजनन बीजाणु द्वारा होता है, जिसके कारण उत्पन्न सन्तान में नर तथा मादा दोनों के लक्षण नहीं पाये जाते हैं। लैंगिक प्रजनन द्वारा सन्तानों के गुणों में विभिन्नता आती है, जिससे क्रम विकास होता है। अतः अलैंगिक प्रजनन की अपेक्षा लैंगिक प्रजनन अधिक महत्वपूर्ण हैं।

9. वृद्धि की अवस्थाओं की विशेषता लिखिए। (Write the characteristics of stages of growth.)

Ans. वृद्धि की तीन अवस्थाएँ होती हैं : (i) कोशिका विभाजन की अवस्था (Phase of Cell Division) :- इस अवस्था में पौधों में वृद्धि प्रदेश की कोशिकाएँ एवं जन्तुओं में शिशु की शारीरिक कोशिकाएँ माइटोसिस (Mitosis) विभाजन द्वारा विभाजित होकर अपनी संख्या में वृद्धि करती हैं।

(ii) दीर्घीकरण की अवस्था (Phase of elongation) :- कोशिका विभाजन के फलस्वरूप उत्पन्न पुत्री कोशिकाओं का आकार एवं आयतन बढ़ता है तथा ये परिपक्व हो जाती हैं। कोशिकाओं के आकार एवं आयतन में वृद्धि होती है।

(iii) कोशिका विभेदन की अवस्था (Phase of cell differentiation) :- पुत्री कोशिकाएँ पूर्ण आकार प्राप्त कर परिपक्व हो जाने के बाद ये कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के ऊत्तकों तथा ऊत्तक तंत्रों का निर्माण करती हैं। अर्थात् कोशिकाएँ विभिन्न स्थायी ऊत्तकों में विभेदित हो जाती हैं। इनसे विभिन्न अंगों एवं अंग-तंत्रों का विकास होता है।


10. मनुष्य के वृद्धि में किशोरावस्था का क्या महत्व है? इस अवस्था के दौरान मनुष्य में देखे जाने वाले किन्हीं तीन संकेत को लिखिए।(2+3)

उत्तर : किशोरावस्था (Puberty Stage) : 12 से 18 वर्ष तक की आयु की अवस्था किशोरावस्था (Puberty Stage) कहलाता है। इस अवस्था में वृद्धि की दर अधिक होती है, जिसके फलस्वरूप शरीर के प्रत्येक भाग में समूचित विकास प्रारम्भ हो जाता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) तथा स्त्रियों में एस्ट्रोजन (Estrogen) तथा प्रोजेस्टेरॉन (Progesterone) हार्मोन का स्राव उत्पन्न होने लगता है, जिसके फलस्वरूप Secondary Sexual Character का विकास होने लगता है।
इस अवस्था के दौरान मनुष्य में देखे जाने वाले संकेत : इस अवस्था में कई परिवर्तन होने लगते हैं (1) गुप्त अंगों पर बालों का उगना, (2) पुरुषों में दाढ़ी तथा मूँछों का निकलना, (3) औरतों की बोली में मिठास, पुरुषों के गले की आवाज में मोटापन आदि लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं तथा मनुष्य पूर्ण वयस्क का रूप धारण करने लगता है।


Short question -1 mark


1-गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं? (Where chromosomes are found ?)

Ans. कोशिका के केन्द्रक में। 
2-. DNA अणु की इकाई क्या है? (What is the unit of DNA molecule?)
Ans. न्यूक्लिओटाइड (Nucleotide) ।

3. ऑटोसोम क्या है? (What Autosomes?) 
Ans. किसी जीव के दैहिक लक्षणों को निर्धारित करने वाले गुणसूत्रों के समूह को ऑटोसोम्स (Autosomes)कहते हैं।

4. जीन कहाँ स्थित होता है? (Where are genes located?)
 Ans. गुणसूत्र पर (On Chromosome ) I

5. कोशिका क्या है? (What is Cell?)
Ans. सजीवों के शरीर की रचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं। 

6. किस यूकैरियॉटिक गुणसूत्र की सहायता से गुणसूत्र स्पिंडल तन्तु से संयुक्त होते हैं? (By which eukaryotic chromosomes remain attached with the "spindle-fibres"?)
Ans. प्रत्येक यूकैरिओटिक गुणसूत्र के सेन्ट्रोमियर से स्पिंडल तन्तु संयुक्त रहता है।

 7. किस प्रकार की पादप कोशिकाओं में कोशिका विभाजन की क्रिया नहीं होती है ? (In which types of plant cell cell division does not take place?)
Ans. फ्लोएम उत्तक की चालनी नलिकाएँ तथा इडिओब्लास्ट (Idioblast) की कोशिकाओं में कोशिका विभाजन की क्रिया नहीं होती है।

8. गुणसूत्र क्या है? (What is Chromosome?)
Ans. केन्द्रक द्रव्य में उपस्थित वह तन्तुमय जीन (Gene) धारक रचना जो क्रोमेटिन की बनी होती है तथा कोशिका विभाजन में भाग लेती है, उसे गुणसूत्र कहते हैं। 

9.मानव शरीर के शारीरिक कोशिका में गुणसूत्र की संख्या क्या है? (What is the number of chromosome in human somatic cell?)
Ans. मानव शरीर के शारीरिक कोशिका में गुणसूत्र की संख्या 23 जोड़ी होती है।

 10. जीनोम क्या है? (What is genome?)
Ans. गुणसूत्र की आधी संख्या (Haploid number) को जीनोम कहते हैं।

***11. सेन्ट्रोमियर कहाँ स्थित है? (Where is centromere situated?)
Ans. सेन्ट्रीमियर गुणसूत्र पर स्थित होता है।

**12. माइटॉसिस क्रिया कहाँ होती है? (Where does mitosis occur?)
Ans. माइटॉसिस क्रिया सजीवों के शारीरिक कोशिकाओं में होती है।

* 13. ऑटोसोम क्या है? (What is Autosome?) 
Ans. वह गुणसूत्र जिसके द्वारा सजीवों के शारीरिक लक्षणों का निर्धारण होता है, उसे ऑटोसोम कहते हैं।

**14. कोशिका चक्र क्या है? (What is cell cycle?)
Ans. वह चक्र जिसके द्वारा एक कोशिका से दो कोशिकाओं का निर्माण होता है, उसे कोशिका चक्र कहते हैं।

*15. एक कोशिका चक्र की समयावधि क्या है? (What is the span period of a cell cycle?)

Ans. लगभग 10-30 घंटे।

16. ऐलोसोम क्या है? (What is Allosome?)
Ans. वह गुणसूत्र जिसके द्वारा सजीव के लिंग का निर्धारण होता है, उसे ऐलोसोम कहते हैं जैसे :- एक जोड़े मादा में XX अथवा XY गुणसूत्र नर में।

17. किस प्रकार की कोशिका में मिओसिस होती है ? (In which type of cell meiosis exists?)
Ans. जनन कोशिका में मिओसिस क्रिया होती है।

18. गुणसूत्र की द्विगुणित संख्या से आप क्या समझते हैं ? (What do you mean by diploid number of chromosome?)
Ans. जब गुणसूत्र की संख्या जोड़े में होती है, तो उनकी संख्या को द्विगुणित संख्या (diploid number) कहते हैं। 

19. क्रॉसिंग ओवर क्या है? (What is crossing over?)
Ans. मिओसिस कोशिका विभाजन के प्रथम प्रोफेज अवस्था में समजात गुणसूत्र ( mologous chrome some) के क्रोमैटिड्स के बीच जीन (Gene) के आदान-प्रदान की क्रिया को क्रॉसिंग ओवर कहते हैं।

20. सिनैप्सिस क्या है? (What is Synapsis?)
 Ans. मिओसिस कोशिका विभाजन में समजात गुणसूत्रों के जोड़े बनने की किस को सिनैप्सिस कहते हैं।

21. कैरिओकाइनेसिस क्या है? (What is Karyokinesis?) Ans. कोशिका विभाजन के समय पहले केन्द्रक (Nucleus) का विभाजन सेना है, जिसे कैरिओकाइनेसिस कहते हैं।

22. साइटो-काइनेसिस क्या है? (What is Cytokinesis?)

Ans. कोशिका विभाजन की क्रिया में केन्द्रक के बाद कोशिका द्रव्य में विभाजन की क्रिया होती है, जिसे साइटोकाइनेसिस कहते हैं?

23. कोशिका के किस भाग में साइटोकाइनेसिस की क्रिया होती है? (Cytokinesis takes place in which portion of the cell?) 
Ans. साइटोकाइनेसिस की क्रिया कोशिका के कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) में होती हैं।

*24. सेन्ट्रोसोम किस कोशिका में पाया जाता है ? (In which cell centrosome is found?)
 Ans. सेन्ट्रोसोम जन्तु कोशिका में पाया जाता है।

**25. मानव शरीर में ऑटोसोम की संख्या कितनी है? (What is the number of autosomes in human body?)
Ans. मानव शरीर में ऑटोसोम की संख्या 22 जोड़ी अर्थात् 44 है। 

26.मानव शुक्राणु में कितने ऑटोसोम होते हैं ? (What is the number of autosomes present in human sperm?)
Ans. मानव शुक्राणु में 22 ऑटोसोम होते हैं।

27.किस कोशिका विभाजन को प्रत्यक्ष कोशिका विभाजन कहते हैं? (Which cell division is called direct cell division ?)

Ans. असमसूत्रण (Amitosis) विभाजन को प्रत्यक्ष कोशिका विभाजन कहते हैं।

 28. माइटॉसिस को सम विभाजन क्यों कहा जाता है? (Why mitosis is called equational cell division?)

Ans. माझ्टॉसिस कोशिका विभाजन के बाद उत्पन्न पुत्री कोशिकाओं में गुणसूत्र की संख्या मातृ कोशिका के बराबर होती है, इसलिए माइटॉसिस को सम विभाजन (Equational division) कहते हैं।

29. एकगुणित गुणसूत्र कहाँ देखा जाता है? (Where is haploid chromosome seen?)

Ans. एकगुणित गुणसूत्र युग्मक (Gamete) में देखा जाता है।

 30. क्रॉसिंग ओवर का परिणाम क्या है? (What is the result of crossing over ? )
Ans. क्रॉसिंग ओवर के परिणामस्वरूप भिन्नताएँ उत्पन्न होती है।

 31. उस नाइट्रोजन बेस का नाम बताइए जो आरएनए में उपस्थित है किन्तु डीएनए में अनुपस्थित है। (Give the name of nitrogen base present in RNA but absent in DNA.)
Ans. यूरासिल (Uracil) 

32. किस कोशिका विभाजन में केन्द्रक दो बार विभाजित होती है? (Nucleous devide twice which cell-division?)
Ans. अर्द्धसूत्रण विभाजन (Meiosis cell division)

***33. संपर्कयुक्त शब्दों का जोड़ा नीचे दिया गया है। पहले जोड़े के आधार पर दूसरे जोड़े के खाली स्थान को उपयुक्त शब्द से भरो (A pair of related terms is given below. On the basis of the relationship in the first pair write the suitable word in the gap of second pair.)

माइटोसिस: भ्रूणमूल :: _____________:स्पोर (जनन) मातृ कोशिका ।

(Mitosis: Radicle :: ____________: Spore Mother cell.)

Ans. मियोसिस

***34.लैंगिक प्रजनन की इकाई क्या है? (What is the unit of sexual reproduction?) 
Ans. युग्मक (Gametes) |

**35.किस जन्तु में लैंगिक एवं अलैंगिक प्रजनन दोनों होता है ? (In which animal sexual and asexual reproduction occurs?)
Ans. हाइड्रा में (In Hydra) |

*36. एक द्विलींगी पौधे का नाम बताइए। (Give the name of a bisexual plant) 
Ans. मटर का पौधा (Pea plant)

**37. कलिका द्वारा प्रजनन करने वाले एक पौधे का नाम बताइए। (Give an example of a plant which reproduces by budding.)
Ans. यीस्ट (Yeast) ।

38. क्या भ्रूण एक गुणित या द्विगुणित होता है? (Is embryo haploid or diploid?)
Ans. द्विगुणित (Diploid) !

39. निषेचन के बाद बीजाण्ड से क्या बनता है? (What is formed by ovule after fertilization?) 
Ans. निषेचन के बाद बीजाण्ड से बीज का निर्माण होता है।

***40. पौधों में अलैंगिक प्रजनन की इकाई क्या है? (What is the unit of asexualo reporduction in plants?)
Ans. पौधों में अलैंगिक प्रजजन की इकाई स्पोर या बीजाण्ड (spores) है। 

***41. जाइगोट (Zygote) क्या है? (What is Zygote ?)
Ans. निषेचन के बाद उत्पन्न द्विगुणित कोशिका को जाइगोट कहते हैं।

42. जर्मप्लाज्म क्या है? (What is germplasm ?)
Ans. युग्मक में उपस्थित कोशिका द्रव्य को जर्मप्लाज्म कहते हैं। 

43.सिनगैमी क्या है? (What is Syngamy?)
Ans. एक प्रकार का लैंगिक प्रजनन जिसमें नर युग्मक तथा मादा युग्मक का मिलन पूर्ण तथा स्थायी रूप से होता है, उसे सिनगैमी कहते हैं।

***44. अलैंगिक प्रजनन करने वाले एक अमेरूदण्डी बहुकोशिकीय प्राणी का नाम बताइए। (Name a multicellular invertebrate animal which reproduce by asexual method.)
Ans. हाइड्रा (Hydra) I

45. एक एकलिंगी पौधे का नाम बताइए। (Give the name of an unisexual plant)

Ans. पपीता (Papaya) |

****46. एक अमेरूदंडी प्राणी का नाम बताइए, जिसमें पार्थीनोजिनेसिस द्वारा प्रजनन होता है। (Name an animal which reproduces only by Parthenogenesis method.)

Ans. मधुमक्खी (Bees) ।

47.जाइगोस्पोर क्या है? (What is zygospore?)
Ans. आकार में समान नर तथा मादा युग्मकों के आपस में मिलने से बनी रचना को जाइगोस्पोर कहते हैं। 

48. निषेचन किस प्रकार के प्रजनन में होता है ? (In which type of reproduction fertilization is found?)
• Ans. लैंगिक प्रजनन ।

49. चित्र की सहायता से हाइड्रा में अलैंगिक प्रजनन दिखाइए। [Show assexual reproduction of Hydra with diagram.]
Ans. हाइड्रा में अलैंगिक प्रजनन का चित्र :



50. जननांग क्या है? (What is gonads?)
Ans. प्रजनन क्रिया में भाग लेने वाले एवं युग्मक उत्पन्न करने वाले अंग को जननांग (gonads) कहते हैं। 

*51. नीचे सम्बन्धित जोड़े दिए दिए गए हैं : पहले जोड़े के सम्बन्ध के आधार पर दूसरे जोड़े के सम्बन्ध के रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Given below a pair of related terms. Write suitable word in the first pair.)
ब्रायोफाइलम : पत्र कलिका :: जलकुम्भी :_______
(Bryophylium: Leafbud:: Water hyacinth:_______.. 
Ans:-Stem( तना)

**52. मुकुलन (Budding) द्वारा प्रजनन करने वाला एक पौधा एवं एक प्राणी का नाम लिखिए। (Mention one plant and one animal that reproduce through budding.)
Ans. मुकुलन द्वारा प्रजनन करने वाला पौधा -यीस्ट (yeast)
मुकुलन द्वारा प्रजनन करने वाला प्राणी -हाइड्रा (Hydra) | 

53. ओल (सूरन) में किस प्रकार का प्रजनन पाया जाता है ? [What type of reproduction is found in ol(amorphophallus )? ] 
Ans. सूरन या ओल में वर्धी प्रजनन होता है।

★54. मनुष्य की पीढ़ी एकान्तरण में होने वाले एक परिवर्तन का उदाहरण दीजिए। (Give an example of a variation inherited in man along the generation.).
Ans. मनुष्य के पीढ़ी के एकान्तरण में हैपल्वॉयड (n) अवस्था शुक्राणु (नर युग्मक) एवं अण्डाणु (मादी युग्मक) के निषेचन के फलस्वरूप डिपल्वॉयड अवस्था (2n) जाइगोट का निर्माण होता है। 

55. जीवन चक्र की दो अवस्थाओं का नाम बताइए। (Give the name of two phases of life cycle.)

Ans. (a) स्पोरोफाइटिक पीढ़ी (Sporophytic  generation
(b) गैमेटोफाइट पीढ़ी (Gametophytic generation) |


*56.युक्रोमैटिन से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by Euchromatin?) 
Ans. युक्रोमैटिन (Buchromatin) :- कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन तन्तु कसा हुआ कुण्डलित तथा मोटा हो जाता है, इसे युक्रोमैटिन हैं। इसमें अधिक मात्रा में DNA होता है। इसी भाग में क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) की क्रिया होती है।

**57.माइटाँसिस कोशिका विभाजन को सोमैटो जिनेसिस क्यों कहा जाता है ? (Why mitosis cell division is called somato genesis?)
 Ans. समसूत्रण (Mitosis) कोशिका विभाजन की क्रिया शरीर की समस्त कोशिकाओं में होती है। चूंकि समसूत्रण कोशिका विभाजन शारीरिक कोशिकाओं में होती है, इस कारण इसे सोमैटों जिनेसिस कहते हैं।

*58. मानव के लाल रक्त कणिका में कोशिका विभाजन की क्रिया क्यों नहीं होती है? (Why there is no cell division in human R.B.C.)
 Ans. किसी भी कोशिका विभाजन के लिए केन्द्रक का होना अति आवश्यक होता है। मनुष्य के लाल रक्त कणिका में केन्द्रक का अभाव रहता है। केन्द्रक की अनुपस्थिति के कारण ही मनुष्य के लाल रक्त कणिका में कोशिका विभाजन क्रिया नहीं होती है।

59. जनन कोशिका में समसूत्रण कोशिका विभाजन की क्रिया क्यों नहीं होती है? (Why mitosis does not take place in germ cell?)
Ans. प्रत्येक जीवधारी अपने ही समान शिशु उत्पन्न करता है। यह तय है कि हर जीव के गुणसूत्र की संख्या एक दूसरे से भिन्न होती है, लेकिन वह संख्या पूर्व निर्धारित होती है। यदि जनन कोशिका में समसूत्रण कोशिका विभाजन क्रिया होती तो उस जीव से उत्पन्न संतति की कोशिकाओं में गुणसूत्र संख्या दुगूनी हो जाती, फलस्वरूप सन्तान माता-पिता की तरह न होकर कल्पना से परे होता। क्योंकि समसूत्रण कोशिका विभाजन में गुणसूत्र की संख्या में कमी नहीं होती। इसलिए माता-पिता के समान संतान होने के लिए जनन कोशिकाओं में समसूत्रण कोशिका विभाजन नहीं होती है।

60. माता-पिता तथा संतान के बीच अर्धसूत्री कोशिका विभाजन के फलस्वरूप विभिन्नताएँ होती है,क्यों ? (Why differences take place in between parents and childs during reductional cell division ?)
Ans. अर्धसूत्री कोशिका विभाजन में काएज्माटा का निर्माण होता है, जहाँ क्रॉसिंग ओवर होती है। क्रासिंग ओवर में जीन पदार्थ का आदान-प्रदान होता है, फलस्वरूप गुणसूत्र की रचना में परिवर्तन हो जाता है। गुणसूत्र की रचना में परिवर्तन के कारण माता-पिता तथा संतान के बीच विभिन्नताएँ आ जाती है। जो क्रमविकास के लिए आवश्यक है।

*61. जीन पूल क्या है? (What is gene pool?) 
Ans. किसी जीव विशेष में उपस्थित सम्पूर्ण जीन समूह को जीन पूल कहते हैं।

62. न्युक्लिओटाइड क्या है? (What is nucleotide?) 
Ans. DNA की इकाई को न्युक्लिओटाइड कहते हैं। DNA का गठन इसके द्वारा होता है। न्युक्लियोटाइड पेंटोज शर्करा, फॉस्फोरिक अम्ल तथा नाइट्रोजन युक्त क्षार प्यूरिन तथा पिरिमिडीन द्वारा निर्मित होता है।

63. यूक्रोमैटिन की दो विशेषताएँ लिखें। (Write two characteristics of Euchromatin.) 
Ans. युक्रोमैटिन (Euchromatin) :- कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन तन्तु कसा हुआ कुण्डलि तथा मोटा हो जाता है, इसे युक्रोमैटिन कहते हैं। इसमें अधिक मात्रा में DNA होता है। इसी भाग में क्रॉसिंग ओवर(Crossing Over) की क्रिया होती है।

64. त्रिसमेकन क्या है ? (What is triple fusion ? 
Ans. आवृत्तबीजी पौधों में द्वितीयक केन्द्रक (2n) को नर युग्मक (n) से मिलकर भ्रूणपोष केन्द्रक (3n) उत्पन्न करने की विधि को त्रिसमेकन कहते हैं।

*65. निम्न लक्षणों के आधार पर दैहिक गुणसूत्र तथा लैंगिक गुणसूत्र के बीच अन्तर लिखो : प्रकृति संख्या (Distinguish between autosome and sex chromosome of human based on the following features: Nature Number)

Ans. दैहिक गुणसूत्र तथा लैंगिक गुणसूत्र के बीच अन्तर :




**66. अनुक्रम तालिका (फ्लोचार्ट) की सहायता से फर्न में पीढ़ी एकांतरण को समझाओ। "प्रोफेज तथा टीलोफेज में विपरीत प्रकृति में बदलाव होता है।" ऐसे दो बदलावों को लिखो। (Depict the alternation of generation in a fern with the help of a flowchart.. "In case of Prophase and Telophase changes of opposite nature happens"- Write two such changes.) 
Ans. फर्न में पीढ़ी एकांतरण:




          प्रोफेज (Prophase) तथा टीलोफेज (Telophase) में होनेवाले दो बदलाव -
 (i) प्रोफेज के दौरान केन्द्रिका तथा केन्द्रक झिल्ली लुप्त हो जाते हैं जबकि टेलोफेज में केन्द्रिका एवं केन्द्रक झिल्ली का पुनर्निमाण हो जाता है।
 (ii) प्रोफेज में क्रोमैटिन धागे संघनित होकर क्रोमोजोम में परिवर्तित हो जाते हैं, परन्तु टिलोफेज में क्रोमोजोम असंघनित होकर पुनः क्रोमैटिन धागों में परिवर्तित हो जाते हैं।

***67. पीढ़ी का एकान्तरण किसे कहते हैं? (What is alternation of generation?)

Ans. पीढ़ी का एकान्तरण (Alternation of generation) - लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के जीवन चक्र (life cycle) में गैमेटोफाइटिक (Haploid) और स्पोरोफाइटिक (diploid) अवस्था का एकान्तर क्रम से एक दूसरे के बाद आते रहने की घटना को पीढ़ी का एकांतरण (alternation of generation) कहते हैं।

68. मनुष्य के शिशु अवस्था के बारे में आप क्या जानते हैं? (What do you mean by childhood of a man?)
Ans. शिशु अवस्था (Childhood) :- 5 वर्ष से 12 वर्ष की अवस्था शैशव काल (Childhood) कहलाती है। इस अवस्था में वृद्धि दर कुछ कम रहती है। इस अवस्था को STH एवं थाइरॉक्सिन हार्मोन नियंत्रित करता है। इस अवस्था के अन्त में STH तथा थाइरॉक्सिन हार्मोन का स्राव अधिक होने लगता है।

***★69. नीचे दिये पौधों में कौन कारक परागण का कार्य करते हैं: (Which agents perform the function of pollination in the following plants?)

• धान (Paddy) हाइड्रिला (Hydrilla)

. शिमूल (Shimul) आम (Mango)
Ans. 
   पौधा    परागण कारक

(i) धान - वायु, कीट, 
(ii) शिमूल- पक्षी
(iii) हाइड्रिला-जल
(iv) आम-वायु,कीट, पक्षी


**70.स्वपरागण से क्या लाभ है? (What are advantages of self-pollination?)
Ans. स्वपरागण से लाभ :- (i) यह द्विलिंगी फूलों में प्रजनन की सबसे अधिक सम्भावित प्रक्रिया है। (ii) माता-पिता के लक्षणों का समावेश होता है। (iii) जनकों के गुण निश्चित रूप से संतति में सुरक्षित रहते हैं। (iv) फूलों को आकर्षक एवं बड़ा होना आवश्यक नहीं है। (v) फूलों में सुगन्ध तथा रसीला (Nector) होना आवश्यक नहीं है। (vi) परागकोष एवं अण्डाशय एक ही समय परिपक्व होता है।

*71. परपरागण से क्या हानि है ? (What are disadvantages of cross-pollination ?)
Ans. परपरागण से हानि - (i) पीढ़ी दर पीढ़ी स्वपरागण होने से वह प्रजाति कमजोर हो जाती है। (ii) कमजोर एवं दोषयुक्त लक्षण उस प्रजाति से मुक्त नहीं हो पाता है। (iii) नये गुणों या नये लक्षणों का समावेश नहीं होता है। 

*72. परागण किसे कहते हैं? (What is pollination? )
Ans. परागण (Pollination) :- परागकणों का परागकोष से गर्भमुण्ड (वर्तिकाग्र) तक स्थानान्तरित होने की क्रिया को परागण (Pollination) कहते हैं।

73.कंजूगेशन किसे कहते हैं? (What is conjugation?)
Ans. लैंगिक प्रजनन की वह विधि जिसमें एक ही जाति के दो भिन्न युग्मकों का अस्थाई संयोग होता है। संयोग करने वाले युग्मकों के जीव द्रव्य का आदान-प्रदान होता है तथा द्विगुणित रचना जाइगोस्पोर का निर्माण होता है, उसे कंजूगेशन कहते हैं।

**74. लैंगिक प्रजनन का दो महत्व बताइए। (Mention two importance of Sexual reproduction)
 Ans. लैंगिक प्रजनन का महत्त्व :- (i) दो लैंगिक युग्मकों के आपस में मिलने से उत्पन्न सन्तान के गुणों में भिन्नता आती है और भिन्नता के कारण ही क्रम विकास होता है। (ii) इस प्रजनन द्वारा अच्छी नश्ल के सजीव उत्पन्न होते हैं।

****75. पार्थेनोजिनिसिस क्या है? इसका उदाहरण दीजिए? (What is parthenogenesis? Give its example.) 
Ans. प्रजनन की वह विधि जिसमें बिना निषेचन के ही अण्ड कोशिका (Egg cell) से नये जीव की उत्पत्ति होती है, उसे पार्थेनोजेनिसिस कहते हैं।
उदाहरण- पौधो में - केला, अंगूर । जन्तुओं में- मधुमक्खी, चींटी।

**76.कोशिका चक्र के दो महत्व लिखिए। (Write two importances of cell cycle.) Ans. कोशिका चक्र के दो महत्त्व - (i) एक कोशीय जाइगोट से बहुकोशीय जीव का निर्माण होता है। (ii) शरीर की वृद्धि, टूटे-फूटे अंगों का मरम्मत एवं घाव भरता है।
77. वर्धी प्रजनन क्या है? (What is vegetative reproduction?) Ans. पौधों के वर्धी भाग में होने वाली प्रजनन की वह विधि जिसमें पौधे का कोई अंग पौधे से स्वतः या कृत्रिम विधि से अलग होकर नये पौधे के रूप में जन्म लेता है, उसे वर्धी प्रजनन कहते हैं।

78. लैंगिक प्रजनन की परिभाषा दीजिए। (Define sexual reproduction.)

Ans. प्रजनन की वह विधि जिसमें दो भिन्न प्रकृति के नर युग्मक तथा मादा युग्मक के मिलने से बनी रचना जाइगोट द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक प्रजनन कहते हैं |

79. जन्तुओं में अलैंगिक प्रजनन की कौन-कौन विधियाँ हैं ? (What are the different types of asexual reproduction in animal?)
 Ans. (i) विखण्डन द्वारा - अमीबा, पैरामिसियम
(ii) बहुविखण्डन द्वारा - प्लाज्मोडियम ।
(iii) कलिका द्वारा - हाइड्रा ।
(iv) पुनर्जनन द्वारा - प्लैनेरिया, हाइड्रा ।

* 80. बीजाण्ड किसे कहते हैं?
Ans. अण्डाशय के अन्दर कुछ अण्डाकार रचनाएँ हैं, जिन्हें बीजाण्ड कहते हैं। 

V.I.81. पार्थेनोकार्पी क्या है ? (What is parthenocarpy?)
Ans. बिना निषेचन के ही अण्डाशय के फल में बदलने की क्रिया को पार्थेनोकार्पी कहते हैं। इस फल में बीज नहीं पाये जाते हैं। जैसे- केला, शहतूत, अंगूर इत्यादि

82. अन्त: निषेचन से आप क्या समझते हैं ? (What do you mean by internal fertilization?) 
Ans. जब निषेचन की क्रिया मादा के जनन अंग के अन्दर सम्पन्न होती है, तब उस निषेचन को अन्तः निषेचन कहते हैं। इस प्रकार के निषेचन में नर युग्मक का मिलन मादा युग्मक से मादा के जनन अंग में होता है। जैसे- पक्षी, सरिसृप, मनुष्य इत्यादि ।

**83. बाह्य निषेचन किसे कहते हैं? (What is external fertilization?) Ans. वह निषेचन जिसमें मादा युग्मक का संयोग नर युग्मक से मादा के शरीर के बाहर होता है, उसे बाह्य निषेचन कहते हैं। जैसे - टोड, मेढ़क इत्यादि

84. आइसोगैमी क्या है? (What is isogamy?)

Ans. लैंगिक प्रजनन में भाग लेने वाले आकार तथा रचना में समान नर तथा मादा युग्मकों को आइसो गैमीट कहते हैं तथा इनके संयोग को आइसोगैमी कहते हैं। जैसे स्पाइरोगाइरा मोनोसिस्टिस । 

85. एनआइसोगैमी क्या है? (What is anisogamy?)
Ans. लैंगिक प्रजनन में भाग लेनेवाले नर तथा मादा युग्मक जो आकार, आयतन तथा प्रकृति में भिन्न होते हैं,उन्हें एनआइसोगेमिट कहते हैं तथा उनके सयोग को एनआइसोगेमी कहते हैं।

86. ऊगैमी किसे कहते हैं ? (What is oogamy?) 
Ans. अन्तः निषेचन की वह विधि जिसमें दो असमान युग्मक परस्पर संयोग करके जाइगोट या ऊस्पोर की रचना करते है, उसे ऊगैमी कहते हैं। इस प्रकार का प्रजनन उच्च श्रेणी के पौधे या जन्तुओं में पाया जाता हैं।

Vvi.87. बुल्बिल क्या है? (What is bulbil?)
Ans. यह एक प्रकार की बहुकोशिकीय रचना है, इसका निर्माण वर्धीय पुष्पकलिका के सम्परिवर्तन से होता है। यह परिपक्व अवस्था में जनक पौधे से टूटकर जमीन पर गिर जाती है और अनुकूल परिस्थिति में नए स्वतन्त्र पौधों को जन्म देती है। जैसे- लहसुन, अनन्नास इत्यादि

**88. ओवोटेस्टिस क्या है? (What is ovotestis ? )
Ans. वह जनन अंग जो अकेले अण्डाशय और वृषण दोनों का कार्य करता है, उसे ओवोटेस्टिस कहते हैं। यह उभयलिंगी जन्तुओं में पाया जाता है। जैसे- घोंघा|

* 89. विषम युग्मक किसे कहते हैं? (What is heterogametes?)
Ans. जब युग्मक का निर्माण दो ऐसे युग्मजों से होता है, जो गुणसूत्र तथा जीन की संरचना में भिन्न होते हैं, उसे विषम युग्मक कहते हैं।

 ***90. स्वपरागण का कोई एक लाभ तथा एक हानि लिखिए। (Mention one merit and one demerit of self-pollination.)
 Ans. स्वपरागण से लाभ -
 (i) जनकों के गुण संतति में सुरक्षित रहते हैं। 
(ii) परागकोष और अंडाशय एक ही समय परिपक्व होते हैं।
स्वपरागण से हानि-
 (i) पौढ़ी दर पीढ़ी एकान्तरण होने से वह प्रजाति कमजोर हो जाती है। 
(ii) नए गुणों या लक्षणों का समावेश नहीं होता है। 

**91. पर परागण का एक लाभ और एक हानि लिखिए। (Mention one advantage and one disadvantage of cross-pollination.)
Ans. पर परागण से लाभ -
(i) इससे उत्पन्न संतति पौधा स्वस्थ तथा उसके जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है।
 (ii) इससे नए किस्म या नए लक्षणों वाले पौधे उत्पन्न हो सकते हैं। 
हानि :- (i) इसके लिए किसी वाहक या कारक का होना आवश्यक है, जो कभी-कभी उपयुक्त समय पर अनुपस्थित हो सकता है।
 (ii) इसमें परागण की संभावना कम रहती है। 

**92. लैंगिक प्रजनन का दो महत्त्व लिखिए। (Mention two merits of Sexual Reproduction.)
 Ans. लैंगिक प्रजनन का महत्त्व - 
(i) इससे संतति में जनकों के गुणों का समावेश होता है। 
(ii) इस प्रजनन से संतानों में विभिन्नता उत्पन्न होती है।
 (iii) संतान अधिक स्वस्थ होती है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता इनमें अधिक होती है। 

*93. स्पाइरोगाइरा तथा प्लैनेरिया में कौन से विधि से अलैंगिक प्रजनन होता है? (What are the processes of asexual reproduction in Spirogyra and Planaria ?)
 Ans. स्पाइरोगाइरा - विखण्डन (Fragmentation)
 प्लेनेरिया - पुर्नजनन (Regeneration) |

****-कुछ महत्वपूर्ण अंतर ***





Lesson-3


आनुवंशिकता



Vvi 1.F2 पीढ़ी तक क्या परिणाम होगा यदि एक लम्बे मटर के पौधे (प्रभावी TT) का संकरण बौना मटर के पौधे (अप्रभावी tt) के साथ कराया जाये ? 




**2.  काले गिनीपिग एवं सफेद गिनीपिग के मध्य संकरण को चेकर बोर्ड की सहायता से दिखाओ। 



Vvi.3. लम्बा पौधा - लाल फूल तथा बौना पौधा- सफेद फूल के बीच द्वि संकर संकरण कराने पर F2 पीढ़ी तक क्या परिणाम प्राप्त होगा?
Ans-


Vvi. 4. गोल-पीला (प्रभावी)(RRYY) तथा झुर्रीदार-हरा (अप्रभावी)(rryy)के मध्य द्वि संकर संकरण कराने पर F2 पीढ़ी तक क्या परिणाम प्राप्त होगा?




**5. आंशिक प्रभाविता क्या है ? उदाहरण सहित समझाइए। (What is incomplete dominance ? Explain with example. (3) 







Vvi.6)मानव में बच्चों के लिंग निर्धारण की अभिक्रिया को समझाएँ।
अथवा, बच्चों के लिंग निर्धारण में पिता की क्या भूमिका है ? 
अथवा, मनुष्य में शुक्राणु या अण्डा में से कौन उत्तरदायी है लिंग निर्धारण में, कारण सहित उत्तर दीजिये।

Ans-
मानव में लिंग निर्धारण
(Sex determination in human) :
 ( मानव का लिंग निर्धारण XY प्रकार का होता है। कुल 23 जोड़े क्रोमोसोम में से 22 जोड़े नर और मादा में बिल्कुल एक जैसे होते हैं, इन्हें अलिंग क्रोमोसोम (Autosome) कहते हैं । मादा में X क्रोमोसोम का एक जोड़ा ही होता है और नर में X के अतिरिक्त एक क्रोमोसोम Y होता है जो नर लक्षण का निर्धारक होता है)। नर में शुक्रजनन के समय दो प्रकार के युग्मक बनते हैं। कुल उत्पन्न शुक्राणु संख्या का 50 प्रतिशत X युक्त होता है और शेष 50 प्रतिशत Y युक्त, इसके साथ अलिंग क्रोमोसम तो होते ही हैं। मादा में केवल एक ही प्रकार के अंडाणु बनते हैं जिनमें X क्रोमोसोम होता है। अंडाणु के X या Y धारी क्रोमोसोमों से निषेचित होने की संभावना बराबर-बराबर रहती है। यदि अंडाणु का निषेचन X धारी शुक्राणु से हो गया तो युग्मज (जाइगोट) मादा (XX) में परिवर्धित हो जाता है। इसके विपरीत Y क्रोमोसोम धारी शुक्राणु से निषेचन होने पर नर संतति जन्म लेती है। स्पष्ट है कि शुक्राणु की आनुवंशिक संरचना ही शिशु के लिंग का निर्धारण करती है। यह भी साफ है कि प्रत्येक, गर्भावस्था में शिशु के बालक या बालिका होने की संभावना 50 प्रतिशत रहती है। यह हमारा दुर्भाग्य है कि समाज लड़की पैदा करने के लिए माता को दोष देता है। 


Vi.7)सामान्य मनुष्य के लड़का और लड़की का जीनोटाइप क्या होगा जो हिमोफीलिया वाहक महिला से विवाह करता है? वर्णाधिता से महिलाओं की अपेक्षा पुरुष जयादा प्रभावित क्यों होते हैं? (What will be the genotype of son and daughter of a normal man who marries a female who is carrier of heamophilia. Why males are more affected by colour blindness than females in a population?)(3+2=5)
 Ans. वर्णांध माता से उत्पन्न सभी सन्ताने (लड़का एवं लड़की) वर्णांध होंगे जबकि पिता सामान्य हो, तो लड़का और लड़की में वर्णांधता नहीं होगी, केवल वर्णांध जीन के वाहक होंगे।
वर्णांधता का वाहक X गुणसूत्र है, जो माता या पिता किसी से भी प्राप्त होता है। लड़का को पिता से गुणसूत्र प्राप्त होता है किन्तु माता से लड़का-लड़की दोनों को X गुणसूत्र प्राप्त होता है। अतः वर्णाध माता लड़का लड़की दोनों को वर्णांधता का वाहक बनाती है। यदि पिता सामान्य हो, तो लड़की वर्णांध जीन की वाहक होगी किन्तु लड़का वर्णांध होगा। अतः पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा वर्णांधता अधिक देखी जाती है।

8. थैलासिमिया से ग्रसित शिशु के क्या लक्षण हैं? इन विषयों में अनुवांशिक काउन्सेलिंग परामर्श के दौरान क्या सुझाव दिये जाते हैं? (What symptoms are expressed in a child affected with Thalassaemia? What suggestions are given at the time of genetic counselling in such cases?)

Ans. थैलासिमीया के लक्षण :- कमजोर, पेट की तिल्लां बाहर निकलना हड्डिया कमजोर और विकास रूक जाना पीलिया होना फिर शरीर सफेद पड़ जाता है। बिमारियाँ बार-बार होती हैं। यह होमोग्लोबिन (हीम + ग्लाबिन) से जुड़ी जेनेटिक बीमारी है। हीमो बनाने वाले ग्लोबिन प्रोटीन की कभी से रक्त कणिकायें बनना बन्द हो जाती है। इससे बचाव के लिये रक्त संबंधों में शादी न करने और शादी पूर्व थैलासिमिया का टेस्ट कराना चाहिये। क्योंकि यह आटोसोम पर आधारित लाइलाज वंशागत बिमारी है।

9. वर्णांधता किसे कहते हैं? वर्णांधता के कारण का विस्तार से उल्लेख कीजिए। (What is colour blindness? Briefly discuss the reason behind colour blindness.) 2+3 
Ans. वर्णांधता - मनुष्य की आँख के रैटिना की शंकु कोशिकाओं (Conc cells) में वर्णक नहीं रहने के कारण रंग भेद की जानकारी नहीं हो पाती है। इस रोग को वर्णांधता (Colour blindness) कहते हैं।

वर्णांधता के कारण यह X गुणसूत्र से सम्बन्धित एक आनुवंशिक रोग है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को आंखों रैटिना में शंकु कोशिकाओं की संख्या कम तथा वर्णक नहीं होते हैं। मनुष्य में इस रोग का एक विशेष कारक (Trait) होता है, जो मनुष्य को लाल एवं हरा रंग में विभेद करने में असमर्थ कर देता है। लाल हरा रंग के वर्णांधता का जीन X गुणसूत्र पर स्थित होता है। वर्णांधता सामान्य दृष्टि के प्रति अप्रभावी होता है। एक पिता (वर्ण) इस रोग को अपनी पुत्री में से संचारित करता है।

वर्णांध माता द्वारा इस रोग का संचरण पुत्र एवं पुत्री दोनों में होता है। वर्णांध माता द्वारा उत्पन्न सभी संतानें वर्णांध होती हैं। यदि पिता की सामान्य दृष्टि है, तो सभी लड़कियों की सामान्य दृष्टि होगी, चाहे माता को वर्णांधता क्यों न हो। यदि एक वर्णाध पुरुष किसी वर्णांध स्त्री से विवाह करता है, तो इनसे उत्पन्न केवल लड़कियों में वर्णांधता होगी, लड़कों में नहीं।

10)



12)एक संकर संकरण क्रिया से क्या समझते हो? मेण्डल के आनुवांशिकता के दो नियमों को लिखो ।

उत्तर : एक संकर संकरण क्रिया (Monohybrid Cross) : वह संकरण जिसमें केवल एक जोड़ी विरोधी लक्षण भाग लेते हैं, एक संकर संकरण क्रिया कहलाती है। जैसे- लम्बा (TT), बौना (tt) । मेण्डल का आनुवांशिकता का नियम :

प्रथम नियम :- पृथक्करण का नियम (Law of segregation) : जब किसी क्रॉस में एक जोड़ी विकल्पी लक्षण भाग लेते हैं तब ये विकल्पी लक्षण आपस में नहीं मिलते हैं बल्कि ये दोनों अगली पीढ़ी में एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। 

दूसरा नियम :- स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त (Law of dependant assortment) : जब किसी क्रॉस में दो जोड़ी विरोधी लक्षणों के कारक भाग लेते हैं तो वियोजन के समय दोनों जोड़े एक दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र होते हैं। यह नियम द्विसंकर संकरण क्रिया (Dihybrid Cross) पर आधारित है।


(13) मेण्डल ने अपने प्रयोग में मटर के पौधे का ही चुनाव क्यों किया ? (Why Mendel selected pea plant for his experi ment) : मेण्डल ने मटर के पौधे का चुनाव निम्न कारणों से किया 1

1. मटर का फूल द्विलिंगी होता है जिससे स्व-परागण एवं पर-परागण (कृत्रिम) दोनों संभव है ।

2. इसके प्रजनन अंग बड़े होते हैं जिससे प्रयोग करने में सुविधा होती है ।

 3. इसका आसानी से प्रसंकरण कराया जा सकता है ।

4. यह आसानी से अधिक संख्या में उपलब्ध हो जाता है ।

5. कृत्रिम रूप से पर-परागण के बाद भी यह आसानी से वृद्धि करता है ।

6. मटर का पौधा एक वर्षीय होता है। जिसके कारण वंश वृद्धि की अवधि कम होने के कारण परीक्षण शीघ्र होता है ।

7. इसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के लक्षण उपलब्ध होते हैं जो आनुवंशिकता सम्बन्धी प्रयोगों हेतु उपयोगी हैं।




Short question 

1. पौधे के नर जनन अंग का नाम क्या है? (What is the name of male reproductive organ of plants ? ) 
Ans. पुंकेशर (Stamen)।

2.पौधे के मादा जनन अंग को क्या कहते हैं? (What is called the female reproductive organ of plants?)
Ans. गर्भकेशर (Pistil) |

3, परागकण कहाँ पाया जाता है? (Where do pollengrains are found?) 
Ans. परागकोष में (In Anther) |

4. एक संकरण अनुपात क्या है? (What is Monohybrid ratio?)
Ans. Phenotypic ratio - 3:1
 Genotypic ratio - 1: 2:1 

5. द्विसंकरण अनुपात क्या है? (What is Dihybrid ratio?)
Ans. Phenotipic ratio - 9:3:3:1
 Genotypic ratio - 1:2:2 : 4:1:2:1:2:1 

6. मनुष्य के शारीरिक कोशिका में कितने गुणसूत्र पाये जाते हैं ? (How many chromosomes are found in Somatic cell of man?)

Ans. 46

7. मेण्डल के एकसंकरण क्रिया में F2 पीढ़ी के जीनोटाइप का अनुपात क्या है? (What is the genotypic ratio of Mendel's Monohybrid cross in F2 generation ?)

Ans. 1:2:1

8. उत्परिवर्तन क्या है? (What is mutation?)

Ans. किसी जीव के आनुवंशिक लक्षण में परिवर्तन को उत्परिवर्तन कहते हैं।

9. एक संकरण क्रिया में जीनोटाइप का अनुपात क्या है? (What is the genotypic ratio in Monohybrid cross ? )
Ans. 1:2:1

10. वंशागति क्या है? (What is inheritance?)
Ans. वंशागति (Inheritance) आनुवंशिक लक्षणों के माता-पिता से सन्तानों में जाने की क्रिया को वंशागति कहते हैं। 

11. जीन पूल क्या है? (What is gene pool?)

Ans. जीन पूल (Gene pool) किसी जीव विशेष में उपस्थित सम्पूर्ण जीन समूह को जीन पूल कहते हैं।

12. जीनोटाइप किसे कहते हैं? (What is genotype?)
Ans. समान जीन्स संरचना वाले जीवों को genotype कहते हैं, जैसे-लम्बा (TT) बौना (tt).

13. स्त्रियों को समयुग्मक क्यों कहते हैं? (Why woman is called homogametic sex?) 
Ans. स्त्रियों में दोनों (Sex Chromosome) लिंग गुणसूत्र XX होते हैं जो एक समान हैं।

14. फोनोटाइप और जीनोटाइप में क्या सम्बन्ध है? (What is the relation between phenotype and genotype?)
Ans. किसी भी सजीव के फीनोटाइप और जीनोटाइप आनुवांशिक लक्षण हैं।

15, 44A + XY मनुष्य में किसका लिंग निर्धारण करता है? (Which sex of human is determined by 44A + XY?)
Ans. 44A + XY मनुष्य में नर (पुरुष या लड़का) का लिंग निर्धारण करता है।

16. 9:3:3:1 किस प्रकार का अनुपात है? (What type of ratio is 9:3:3:12)
 Ans. द्विगुण संकरण में F2पीढ़ी (दूसरी पीढ़ी) में फिनोटाइप अनुपात 9:3:3:1 है।

17. मेण्डल के द्विसंकर-संकरण में F2 पीढ़ी में उत्पन्न संतान एक जैसी (Selfed) हो, तो F2 पीढ़ी में कितने फिनोटाइप उत्पन्न होंगे ?

Ans. F2 पीढ़ी में चार फिनोटाइप (दृष्ट रूप) उत्पन्न होंगे।

18.हेटरोजाइगस जीनोटाइप का उदाहरण दीजिए। (Give an example of a heterozygous genotype.) 
Ans. हेटरोजाइगस जीनोटाइप का उदाहरण संकर लम्बा (Tt) है। 

19. 44A + XY : हेटरोगैमेटिक पुरुष (नर) : 44A + XX : ____________ (44A + XY : Heterogametic Male:: 44A+XX:____________)

Ans. 44A + XY : हेटरोगैमेटिक (नर) : 44A + XX : होमोगैमेटिक स्त्री (मादा)।

 20. किसी जोड़े ने लगातार चार लड़कियों को जन्म दिया। इससे आप
क्या निष्कर्ष निकालते हैं ? (A couple gave birth to four daughters consecutively. What you infer from this.) 

Ans. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि पिता (पुरुष) के शुक्राणुओं में लड़का उत्पन्न करने वाला युग्मक (22A + y) अति दुर्बल है या इसकी संख्या पर्याप्त नहीं है।

21. मनुष्य में एक प्रभावी लक्षण का उदाहरण दीजिए। (Give an example of dominant character of man.)
Ans. आँख का भूरा (brown) रंग।

22. जीन्स के उस जोड़े का नाम बताइए जो लक्षण के लिए उत्तरदायी है ? (Give the name of the pair of gene which is response for character.)
Ans. एलील्स (Alleles)

23. गिनिपिग के क्षेत्र में bbRR एवं bbRr दोनों जिनोटाइप के फिनोटाइप क्या समान है ? (In case of guineapig whether the phenotype of the two genotypes bbRR and bbRr is same?)
Ans. हाँ। गिनिपीग के क्षेत्र में bbRR एवं bbR दोनों जिनोटाइप के फिनोटाइप समान हैं।

24. मेंडेल के द्विसंकर संकरण के प्रयोग में पाये जाने वाले फिनोटाइप अनुपात को लिखो। (Write the phenotypic ratio obtained in the F2 generation of Mendel's Dihybrid cross experiment.)
Ans. मंडल के द्विसंकर प्रयोग में पाये जानेवाले फिनोटाइप अनुपात 9:3:3: 1 है। 

25. मनुष्य की शारीरिक कोशिका में ऑटोसोम की संख्या कितनी होती है ? (How many Autosomes are in somatic cell of man?)
Ans. 44

26. X गुणसूत्र से सम्बन्धित एक आनुवांशिक रोग का नाम लिखिए। (Name one hereditory disease born with X - chromosome.)
Ans. हिमोफिलिया (Haemophilia) ।

27. हीमोग्लोबिन के बनावट में दोष के कारण उत्पन्न एक आनुवांशिक बीमारी का नाम लिखिए।
Ans. थैलासीमिया

28. ऑटोसोमीय रोग का एक नाम लिखिए। (Write the name of an autosomal disease.
Ans. थैलासीमिया एक ऑटोसोमीय आनुवांशिक रोग है।

29. थैलासीमिया रोग के लिए उत्तरदायी जीन मनुष्य का किस प्रकार का क्रोमोजोम वहन करता है? (Which type of chromosome in human carries gene responsible for the disease thalassemia?)
Ans. थैलासीमिया रोग के लिए उत्तरदायी जीन मनुष्य का ऑटोसोम गुणसूत्र वहन करता है। 

30. बेमेल को चुनो और लिखो (Choose the odd one and write it :) बौनापन (Dwarfism), घेंघा (Goiter), थैलासिमिया (Thalassaemia), डायबिटिस मैलिटस
(Diabetes Mellitus)

Ans. थैलासिमिया

सही या गलत चुनें:-

1. मटर पौधे के फूल में स्व-परागण या पर-परागण आवश्यकतानुसार किया जा सकता है।[T]
★ 2.हरे-गोल मटर के पोधे का जीनोटाइप yVRr होगा।(T)
★ 3. (T) और (t) युग्मक के संयुग्मन द्वारा समयुग्मज का निर्माण होता है। (Homozygote is produced from the union of (T) and (t) gametes.)(F)

★ 4. गुणसूत्र पर जीन का निर्धारित स्थान लोकस कहलाता है। (The position of gene on the chromosome is called locus.)(T)

★ 5. मनुष्य की सामान्य शारीरिक कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या 23 जोड़ी है। (The number of chromosome in normal somatic cell of human beings is 23 pairs.) [T]

★ 6. गुणसूत्र के निश्चित जगह पर जहाँ ऐलील उपस्थित रहता है जीन अवस्थिति कहलाता है। (The particular place of chromosome where alleles are present is known as locus.) [T]

★ 7. गिनिपिग के खुरदरे बाल का जीन प्रभावी प्रकृति का होता है। (The gene responsible for rough hairs in Guineapig is dominant in nature.) [T]
8): मंण्डल का दूसरा नियम "वियोजन का सिद्धान्त" है।[F]
★ 9 हेटरोजाइगस अवस्था में अप्रभावी लक्षण नहीं प्रकट होते हैं। (Recessive characters do not appear in Heterozygous condition.)[T]
10)अधिक उम्र (उम्रदराज) होने का सामान्य लक्षण बुढ़ापा (Senessence) है। (The normal result of ageing is senescence.)[T]
11)वर्णाधता रक्त का एक आनुवांशिक रोग है।[F]
12. हिमोफीलिया और वर्णाधता अप्रभावी जीनों द्वारा होने वाला अनुवांशिक रोग है।[T]

13. थैलासिमिया ऑटोसोम से सम्बन्धित आनुवांशिक रोग है।(T]

14. मानव शुक्राण में 22 जोड़े ऑटोसोम होते हैं।(F)

15. स्त्रियों में लिंग गुणसूत्र XY प्रकृति का होता है।[F]

16. यदि पिता वर्णाध एवं माता सामान्य हो, तो सभी लड़के वर्णांध होंगे। (All sons will be colour blind if their father is colour blind and mother is normal.)(T)

रिक्त स्थान भरें:-



1.मटर के पौधे के भिन्न-भिन्न __________एक ही फिनोटाइप दर्शा सकता है। (The different______________ of Pea Plant may show same Phenotype.) [M.P. 2018]

Ans. जिनोटाइप

2.आँखों का एक आनुवांशिक रोग.________है। (A hereditory disease of eye is_________.. .)

Ans. वर्णाधता (Colour blindness)

3. X- गुणसूत्र से सम्बन्धित आनुवांशिक रोग _______है (The hereditory disease related with X - chromosome is ....................)

Ans. हिमोफिलिया (Haemophilia)

MCQ








पाठ -4

क्रम -विकास एवं अनुकूलन

 (EVOLUTION AND

 ADAPTATION) 


*1.कोएसरवेट (Coacervates ) क्या हैं? (What are coacervates ? )

Ans. कई दिनों तक हाइड्रोजन, अमोनिया, मिथेन, जलवाष्प से भरे कक्ष में स्फुलिंग किया गया, तब इससे कई प्रकार के कार्बनिक यौगिकों का संश्लेषण हुआ। इन कार्बनिक वृहद् अणुओं (macromoleculus) से बड़े कोलायडल (Colloidal) कणों की उत्पत्ति हुई, जिन्हें कोएसरवेट (Coacervates) कहा गया। इसमें प्रोटीन, न्युक्लिओ प्रोटीन एवं अन्य कार्बनिक - अकार्बनिक अणु विभिन्न संगठनों में उपस्थित थे, जैसा कि जीवद्रव्य में रहता है। इस कोएसरवेट को पूर्व जैविक रचना (Prebiotic structure) कहा गया।

***2. समजात अंग किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। (What is Homologous organ? Give Example.) 
Ans. जन्तुओं में कुछ अंग ऐसे होते हैं, जिनकी मूल रचना एवं उत्पत्ति में समानता होती है, किन्तु उनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं। इन अंगों को समजात अंग (Homologous organs) कहते हैं। जैसे- मनुष्य, घोड़ा, पक्षी, टोड आदि के अग्रपाद (Fore limbs) समजात अंग हैं।

***3. समवृत्ति अंग किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। (What is Analogous organ? Give example.) 
Ans. वे अंग जिनकी मूल संरचना एवं उत्पत्ति (fundamental structure & origin) अलग-अलग, लेकिन कार्य एक समान (similar) होती हैं, समवृत्ति अंग (analogous organs) कहलाते हैं। तितली (Butterfly) और पक्षियों (Birds) के पंख समवृत्ति अंग (analogous organs) हैं।

*4. जीवाश्म किसे कहते हैं? (What are fossils?)

Ans. जीवाश्म (Fossils) : पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के अवशेष या चिह्न, जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाए जाते हैं, उन्हें जीवाश्म (Fossils) कहा जाता है। जीवाश्मों के अध्ययन को जीवाश्म विज्ञान (Palaentology) कहते हैं।

*5. योजक कड़ी किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए। (What is connecting link? Write with example.)

Ans. संयोजक कड़ी (Connecting link) : कुछ ऐसे जन्तु हैं, जो जन्तुओं के दो वर्गों के बीच की स्थान की पूर्ति करते हैं। इन जन्तुओं में दोनों वर्गों के जन्तुओं के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे जन्तुओं को योजक कड़ी कहते हैं। जैसे - प्रोटोप्टेरस। यह एक फुस्फुस मछली (Lung fish) है, जिसमें कुछ लक्षण मछली के तथा कुछ लक्षण उभयचरों के होते हैं। इसी प्रकार डकबिल स्तनधारी तथा सरिसृप के बीच की कड़ी है। इससे प्रमाणित होता है कि स्तनधारियों का विकास सरीसृपों से हुआ।

6.मध्यवर्ती जीव (Intermediate Organism) से क्या समझते हो ?

उत्तर : ऐसा सजीव जो वर्गों के जीवों के लक्षण को धारण करता है उसे उस वर्ग के बीच का मध्यवर्ती जीव कहते हैं। संयोजक कड़ी ही मध्यवर्ती जीव कहलाता है।


*7. ‘“अस्तित्व के लिए संघर्ष" के क्या कारण हैं? (What are the causes of struggle for existence?)
Ans. अस्तित्व के लिए संघर्ष के चार कारण हैं :

(i) जनसंख्या वृद्धि। (ii) भोजन की कमी। (iii) वासस्थान की कमी। (iv) सुरक्षा ।

8.मनुष्य के अपेंडिक्स को अवशेषी अंग क्यों कहा जाता है ?

उत्तर : मनुष्य के लिए यह निष्क्रिय अंग है। जिस कारण इसे अवशेषी अंग कहा जाता है।

9.] विभिन्नता क्या है? (What is variation?)

Ans. प्रत्येक प्राणी में कुछ लक्षण ऐसे होते हैं, जो अपनी ही जाति के प्राणी से भित्र होते हैं। यहाँ तक कि सगे भाई-बहन हू-बहू एक समान नहीं होते हैं, उनमें कुछ-न-कुछ अन्तर होता है। उपयोगी भिन्नताओं की वंशागति हो जाती है । इस अन्तर को ही विभिन्नता (variation) कहा जाता है।
10.] क्रम-विकास के इतिहास में 1859 ई० को क्यों सुनहले अक्षरों में लिखा जाता है ? (Why the year 1859 is written in golden letters in the history of evolution ?)

Ans. 1859 ई० में चार्ल्स डार्विन ने अपने क्रम-विकास सम्बन्धी विचारों को अत्यधिक सशक्त तरीके से अपनी पुस्तक “ऑरिजन ऑफ स्पिसिज' में रखा था। इसलिए उक्त वर्ष को सुनहले अक्षरों में लिखा जाता है। 
*11. लैमार्कवाद के दोष क्या हैं? (What are the demerits of Lamarckism ?) 
Ans. लैमार्कवाद के निम्नलिखित दोष हैं : (i) लैमार्क के द्वारा प्रतिपादित अंगों के उपयोग तथा अनुपयोग की व्याख्या ठीक नहीं है। (ii) अंगों के उपयोग तथा अनुपयोग के कारण उत्पन्न विभिन्नताएँ आनुवंशिक नहीं है। (iii) आनुवंशिकी के आधार पर यह सिद्ध हो गया है कि शारीरिक रचना में होने वाले परिवर्तन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित नहीं होते हैं। (iv) लैमार्क ने अपने द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त का कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। 

***12. विलुप्त कड़ी (Missing link) से क्या समझते हो? एक उदाहरण दो।

उत्तर : ऐसा संयोजक कड़ी जो जीवाश्म के रूप में मिलती है तथा अत्यन्त दुर्लभ होती है, विलुप्त कड़ी कहलाती है। जैसे - आर्केयोप्टेरिक्स सरीसृप तथा पक्षियों के बीच की विलुप्त कड़ी है।

***13. आर्केयोप्टेरिक्स क्या है?

उत्तर : यह एक जन्तु जीवाश्म है। इसमें पक्षी तथा सरीसृप वर्ग के लक्षण पाये जाते हैं। वर्तमान समय में यह एक विलुप्त कड़ी है। यह जीवित अवस्था में नहीं मिलता है।

*14. म्यूटेशन से क्या समझते हो?

उत्तर : जीन्स की रचना में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप सजीवों के गुण में होने वाले अचानक परिवर्तन को म्यूटेशन (Mutation) कहते हैं।

***15.] अवशेषी अंग क्या है? क्रम विकास में इसकी भूमिका क्या है?

उत्तर : अवशेषी अंग : सजीवों के शरीर में उपस्थित निष्क्रिय तथा अनुपयोगी अंगों को अवशेषी अंग कहा जाता है। जैसे- मनुष्य का अपेन्डिक्स ।

क्रम विकास में अवशेषी अंग की भूमिका : अवशेषी अंग जिन सजीवों में सक्रिय अवस्था में पाया जाता है। उससे यह प्रमाणित होता है कि अवशेषी अंग वाले सजीवों का विकास उन्हीं सजीवों से हुआ है जिनमें ये सक्रिय होते हैं।
*16 . डार्विनवाद के दोष क्या हैं? (What are the demerits of Darwinism?)

Ans. डार्विनवाद के निम्नलिखित दोष हैं : (i) प्राकृतिक चुनाववाद विभिन्नताओं की सर्वव्यापकता के कारणों की व्याख्या नहीं करता, बल्कि इसे तथ्य मानता है।
 (ii) प्राकृतिक चुनाववाद को जाति-उद्भव का एकमात्र कारण नहीं माना जा सकता क्योंकि उत्परिवर्तन से भी नई जाति का उद्भव हो सकता है।
 (iii) डार्विन ने कहा है कि छोटी-छोटी विभिन्नताएँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी अधिक स्थापित तथा प्रबल होती जाती है। लेकिन इस क्रिया से आवश्यकता से अधिक विशिष्टता आ सकती है। फलस्वरूप प्राणियों को लाभ के बदले हानि हो सकती है और उसका विलोपन भी हो सकता है।
 (iv) प्राकृतिक चुनाववाद क्रम विकास के कारणों की व्याख्या नहीं कर सकता।

17. कुछ जन्तुओं के अवशेषी अंग होते हैं, क्यों? (Some animals possess vestigeal organ why?)

Ans. जिन जन्तुओं में अवशेषी अंग मौजूद हैं, वे अंग उनके पूर्वजों से विरासत में प्राप्त होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि ये अंग उन पूर्वजों में सक्रिय होंगे। वातावरण के प्रभाव से अनुपयोग के कारण निष्क्रिय हो गए, फिर भी आज इन जन्तुओं में मौजूद हैं। अत: वे अवशेषी अंग के नाम से जाने जाते हैं।

*18. क्यों लैमार्कवाद ख्याति नहीं पा सका? (Why Lamackism could not be given credit?) 
Ans. लैमार्क अपने सिद्धांत में उपार्जित लक्षणों की वंशागति की बात कही है, लेकिन वे इस सन्दर्भ में कोई ठोस प्रमाण नहीं दे सके। वाइजमैन महोदय ने स्पष्ट कर दिया है कि उपार्जित लक्षणों की वंशागति नहीं होती है। अगर ऐसा होता, तो एक पहलवान का बेटा पहलवान होता, पर ऐसा नहीं होता है। उपार्जित लक्षणों का सम्बन्ध तो सोमैटोप्लाज्म से होता है। इस कारण लैमार्कवाद ख्याति नहीं प्राप्त कर सका।

*19.चिम्पैंजी के दो व्यावहारिक अनुकूलन को लिखिए।

उत्तर : (i) किसी पौधे के डण्ठल को तोड़कर उनके पत्तों को साफ कर उस डण्ठल को छड़ी बनाकर उसे दीमक घरों में प्रवेश कराकर अपने खाद्य अर्थात् दीमक को बाहर निकालते हैं।
 (ii) दूसरी अनुक्रिया में वे काठ के किसी टुक को हथौड़ी और निहाई (hammer and anvil) के रूप में प्रयोग कर बादाम (nuts) फोड़ते हैं।

***[20. अनुकूलन तथा जैव विकास में क्या संबंध है?

उत्तर : अनुकूलन तथा जैव विकास निम्न प्रकार से एक दूसरे से संबंधित हैं-

(a) अनुकूलन के कारण ही क्रम विकास में विभिन्नताएँ पाई जाती है। 
(b) अंगों के उपयोग तथा अनुपयोग द्वारा जीव अपने को वातावरण के अनुरूप बनाता है।
(c) जब अनुकूलन के बिना जीवन ही सम्भव नहीं है तो उसमें क्रम विकास का प्रश्न ही नहीं उठता।

***21.नागफनी में होने वाले दो अनुकूलन को लिखो।

उत्तर : नागफनी में होने वाले अनुकूलन:-
 (i) नागफनी में मूल तंत्र विकसित होता है। जल की खोज में जड़ गहराई तक चली जाती है।

(ii) इसकी वाह्य त्वचा पूर्ण विकसित होती है। यह क्यूटिकल की मोटी परत से ढका रहता है जिससे वाष्पोत्सर्जन क्रिया अत्यन्त धीमी गति से होती है।

**22. वैगल या वायगल नाच क्या है ?
उत्तर : मधुमक्खियाँ भोजन के स्रोत्र की खोज में सफल होकर जब अपने छत्ते में वापस लौट आती है, तो छत्ते के 8 अंक की तरह अपने उदर' को इधर-उधर घुमाते हुए नाचती हैं। इसे वायगल नाच कहते हैं।

**[23] ऊँट के दो आकर्षक अनुकूलन क्या हैं?

उत्तर : (i) ऊँट की टाँगे लम्बी तथा पंजे गद्दीदार होती हैं।
 (ii) पेट में जल संचय के लिए water cells (hunch) होते हैं।

*24. वायुथैलियों से क्या समझते हो ?

उत्तर-हवा में उड़ने वाले पक्षियों या कबूतर के फेफड़े से लगी वायुथैलियाँ पाई जाती हैं। ये वायुथैलियाँ ऊँचाई पर उड़ पक्षियों को उत्प्लावकता तथा Oxygen प्रदान करती है तथा शरीर के ताप को नियंत्रित करती है। 

*25)यदि मछली के पूँछ का पखना काट दिया जाय तो प्रचलन में क्या कठिनाई होगी?

उत्तर- मछलियों के पूँछ का पखना मछलियों के तैरते समय जल को पीछे की ओर ढकेलता है जिससे मछली की ओर बढ़ती है। साथ ही साथ यह नाव के पतवार की तरह दिशा परिवर्तन में भी सहायक होता है। इसलिए यदि मछलियों के पूँछ का पखना काट दिया जाय तो मछली ठीक से तैर नहीं पायेगी।

***26. नागफनी की पत्तियाँ काँटे में रूपान्तरित हो जाती हैं, व्याख्या करो।

उत्तर : नागफनी एक जीरोफाइट है। वातावरण बिल्कुल शुष्क होने के कारण अपने शरीर से जल खर्च को नियंत करना इसका एक अनिवार्य कार्य होता है ताकि वाष्पोत्सर्जन द्वारा जलवाष्प बाहर न निकल सके। जब पत्तियाँ कटको बदल जाती हैं तो स्टोमेटा समाप्त हो जाते हैं और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया रुक जाती है।

27. रात में खिलने वाले पौधे रंगहीन पर सुगंधित होते हैं, क्यों?

उत्तर: कीट परागण के लिए फूल विभिन्न प्रकार से उपायोजित होते हैं। इसके लिए अधिकांश फूलों की पंखडिग चटकीले रंग को होती है। पर रात में चटकीले रंग कीटों को दिखाई नहीं पड़ता है। अतः तीव्र गंध ही इन्हें आकर्षित कर है। सफेद रंग रात में दिखाई भी पड़ जाता है। इस प्रकार के फूल रात में कीटों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफ होते हैं जिससे इन पौधों में कीट परागण आसानी से हो जाता है।

*28.उभयचर और स्तन्यपायी प्राणी के हृदय का रचनागत परिवर्तन जैवविकास में कैसे सहायक होता है ? (How does structural changes of amphibian and mammalian heart support the evolution ?)

Ans. उभयचर के हृदय में तीन कक्ष होते हैं- दो अलिन्द तथा एक निलय। सरीसृपों के हृदय में 3½ कक्ष होते हैं- दो आलिन्द तथा एक असम्पूर्ण विभाजित निलय, जो यह प्रमाणित करता है कि उभयचर से सरीसृप का विकास हुआ है जबकि स्तनपायी के हृदय में 4 कक्ष पाये जाते हैं- दो आलिन्द तथा दो पूर्व निलय, यहाँ निलय का विभाजन क्रम विकाश को दर्शाता है और प्रमाणित करता है कि सरीसृप से ही स्तनपायी का विकास हुआ है।

29. प्राकृतिक चुनाववाद विभिन्नता के मूल की व्याख्या नहीं कर सका, क्यों? (Why Natural selection could not explain the origin of variation ?)

Ans. डार्विन जिस समय अपना सिद्धांत "प्राकृतिक चुनाव' दिया था, उस समय अनुवंशिकता तथा साइटोलॉजी का ज्ञान नहीं था। नतीजा यह हुआ कि प्राकृतिक चुनाववाद विभिन्नताओं की सर्वव्यापकता के कारणों की व्याख्या नहीं कर सका, बल्कि इसे तथ्य मान लिया। यही कारण है कि विभिन्नता के मूल तक नहीं पहुँच सका।

**30. क्रम विकास के अध्ययन में जीवाश्म का दो महत्त्व बताइए। (Mention two significances of fossils in evolutionary studies.)

Ans. क्रम विकास के अध्ययन में जीवाश्म का महत्त्व : (i) जीवाश्मों द्वारा चट्टानों के विभिन्न परतों के विषय में जानकारी मिलती है। (ii) जीवाश्मों द्वारा प्राचीन वातावरण तथा जलवायु की जानकारी मिलती है। (iii) जीवाश्मों से यह जानकारी मिलती है कि सरल जीवधारियों से क्रमशः जटिल जीवधारी उत्पन्न होते गए।
**31. मेरुदण्डी प्राणियों के हृदय के आन्तरिक रचना का अध्ययन कैसे हमारे organic evolution (क्रम विकास) को आगे बढ़ाता है ?

Ans. . मेरुदण्डीय प्राणियों के हृदय की रचना का प्रमाण - ( Evidences from structure of vertebrate heart) :- मेरुदण्डीय प्राणियों (Vertebrate animals) के हृदय का तुलनात्मक अध्ययन करने पर हम पाते हैं कि उच्च प्राणियों (Higher animals) के हृदय का क्रमबद्ध विकास, निम्न एवं सरल प्राणियों के हृदय से अनुकूलन (Adpatation) के कारण हुआ है। इनका विकास सरलता से जटिलता की तरफ हुआ है तथा इस क्रमिक परिवर्तन के फलस्वरूप ही नयी प्रजातियों का विकास हुआ है।

**32. मनुष्य के रीढ़ रज्जु तथा खाद्यनली में उपस्थित एक-एक अवशेषी अंग के नाम लिखो । (Write the names of one each vestigeal organ present in vertebral column and alimentary canal in human body.)

Ans. मनुष्य के रीढ़रज्जु में उपस्थित अवशेषी अंग कॉकिक्स (Coccyx) तथा खाद्य नली में उपस्थित अवशेषी अंग वर्मीफार्म अपेंडिक्स हैं।

*33. घोड़े के क्रमविकास में चार मुख्य जीवाश्म पूर्वजों का क्रमविकास के क्रमानुसार नाम लिखो। (Write in chronological sequence the names of four main fossil ancestors during the course of evolution of the horse.) 
Ans. घोड़े के क्रम विकास में चार मुख्य जीवाश्म पूर्वजों के नाम क्रमशः इयोहिप्पस, मेसोहिप्पस, मेरीचिप्पस और प्लीयोहिप्पस है।

**34. मछलियों की वायु थैली (Swim bladder) की अनुकूलन में क्या भूमिका है? (What is the role of swim bladder of fishes in adaptation?)

Ans. मछलियों में वायु थैली की भूमिका (Role of swim bladder in fishes) :- मछलियों के उदर गुहा में वायु से भरा एक थैला (Swim bladder) होता है, जो जल स्थैतिक अंग (Hydrostatic organ) का कार्य करता है। मछलियाँ इस वायु थैली का आपेक्षिक महत्त्व घटा या बढ़ा कर इच्छानुसार क्रमशः जल की सतह या अधिक गहराई में तैर सकती हैं। शार्क (Shark) में वायु थैली नहीं होती, अतः यह जल की सतह पर ही तैरती है। 

**35. कैक्टस के काँटों की अनुकूलन में भूमिका लिखिए। (Write the role of spines of cactus in adaptation.)

Ans. कैक्टस के काँटो की अनुकूलन में भूमिका (Role of spines of cactus in adaptation) :- पत्तियाँ छोटे-छोटे काँटो (Spine) में रूपान्तरित हो जाती हैं, जिससे वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) द्वारा जल का क्षय बहुत कम होता है। कुछ पौधों की पत्तियाँ मोटी तथा स्पंजी होती हैं एवं मोम की परत द्वारा ढकी रहती हैं। पत्तियों पर पर्णरन्ध्र (Stomata) बहुत कम पाए जाते हैं तथा रक्षक कोशिका (Guard cells) छोटी होती हैं। पत्तियों की संख्या बहुत कम होती हैं।

*36. चिम्पैंजी के व्यवहारिक (बर्ताव) अनुकूलन से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by behavioural adaptation of chimpanzees?)

Ans. चिम्पांजियों में व्यवहारिक अनुकूलन (Behavioural adaptation in chimpanzees) :- चिम्पैंजी किसी वृक्ष की पतली शाखा को तोड़कर उसकी पत्तियाँ हटा देते हैं एवं उस छड़ी (Stick) को दीमक (Termites) के बिल (छिद्र - Hole) में घुसेड़कर दीमकों को निकालते हैं और उसे खा जाते हैं। वे लकड़ी के टुकड़ों का हथौड़ा एवं निहाई (Hammer and anvil) की तरह प्रयोग कर नारियल को फाड़कर खोलते हैं। नारयिल को खोलकर उसका जल एवं भ्रूणपोष (नारियल के भीतर का सफेद भाग ) का उपयोग भोजन के रूप में करते हैं। इस प्रकार चिम्पैंजी जंगलों में रहकर अपने भोजन की पूर्ति कर जीवन-यापन करने के लिए अनुकूलित होते हैं। वे जब- किसी परजीवी (Parasites) से संक्रमित (Infected) हो जाते हैं, तब औषधीय पौधों (Medicinal plants) के पत्तों को भी खाते हुए देखे गए हैं, जिससे उनका रोग दूर हो जाता है।

**37. न्युमैटोफोर क्या है? (What is pneumatophore?) Ans. नमकीन स्थानों पर उगने वाले पौधों को श्वसन के लिए भरपूर ऑक्सीजन चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इन पौधों की जड़ें गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध मिट्टी के ऊपर शंक्वाकार रचना का निर्माण करती हैं, जिन्हें न्यूमैटोफोर (Pneumatophore) कहते हैं। जैसे-सुन्दरी पौधा। जिनपर छोटे-छोटे छिद्र पाये जाते हैं। जिनसे O2 तथा CO2 का आदान प्रदान होता है।

*38. विविपेरस अंकुरण से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by viviparous germination?) बीज फल के अन्दर ही

Ans. हैलोफाइट्स जैसे मैंग्रोव पौधा में एक विशेष प्रकार का अंकुरण होता है। इसके अंकुरण करते हैं। इस प्रकार के अंकुरण को विविपेरस अंकुरण कहते हैं।


**39.मछली के दो जलीय अनुकूलन लिखिए। (Write two aquatic adaptation of fish?) 
Ans. मछली में अनुकूलन:
 (i) मछली में जलीय अनुकूलन श्वसन के लिए गलफड़ (Gills) होता है। 
(ii) मछली में जल के अन्दर प्रचलन के लिए विभिन्न प्रकार के पखने (Fins) होते हैं।

•** 40. एक पक्षी में तथा एक एयर बौर्न बीज में अनुकूलन का एक-एक उदाहरण दीजिए। प्रत्येक का एक-एक लक्षण बताइए (Write one adaptive example each from a bird and an air born seed.Give one character of each.)

Ans. पक्षी-कबूतर इसका शरीर उड़ते समय नौकाकार हो जाता है, ताकि वायु का अवरोध कम हो सके।
Air born seed – सुन्दरी पौधा- इसमें बीज का अंकुरण फल के अन्दर ही हो जाता है। इस कारण नमकीन मिट्टी में गिरने पर आसानी से पौधा विकसित हो जाता है। 

**41. पर्णकाय स्तंभ क्या है? (What is phylloclade?)
Ans-नागफनी जैसा कैक्टस का तना गोल, चिपटा पत्ती की तरह हरा और काफी मांसल होता है। पत्तियाँ काँटे का रूप धारण कर लेती हैं। तने का यह रूपान्तरण जल संचय करने के लिए होता है। ऐसे रूपान्तरण को पर्णकाय स्तंभ (Phylloclade) कहते हैं।

**42. नमकीन मिट्टी को फिजिओलॉजिकली शुष्क मिट्टी क्यों कहते हैं ? (Why the saline soil is called physiologically dry soil?)

Ans. नमकीन मिट्टी में अकार्बनिक लवण जैसे – सोडियम क्लोराइड, मैगनेशियम क्लोराइड, मैग्नेशियम सल्फेट आदि की अधिक मात्रा की उपस्थिति के कारण मिट्टी के जल की सान्ध्रता मूलरोम के कोशिका द्रव की सान्ध्रता से अधिक हो जाती है, जिसके कारण पौधे को जल अवशोषण में बाधा पहुँचाता है। इसलिए नमकीन मिट्टी को फिजिओलॉजिकली शुष्क मिट्टी कहते हैं।

 43. सुन्दरी पौधे में श्वासमूल के विकास की आवश्यकता क्या है? (What is the necessity of developing breathing roots in Sundri plant?)

Ans. सुन्दरी पौधा नमकीन दलदली मिट्टी में उगता है, जहाँ ऑक्सीजन की कमी होती है। उसकी जड़ों से खूँटी के समान छोटी-छोटी श्वास मूल निकलती हैं, जिनपर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। ये जड़े वातावरण से ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति करती हैं।

**44. फाइलोक्लेड किस पौधे में दिखाई पड़ता है? उस पौधे के अनुकूलन में इसका क्या योगदान है ? (In which plant is phylloclade seen ? What is its adaptive role in that plant? )

Ans. फाइलोक्लेड नागफनी में पाया जाता है। फाइलोक्लेड का अनुकूलन में योगदान -
 (i) जल संचय में सहायता करना।
 (ii) जल के वाष्पोत्सर्जन को कम करना। 
(iii) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में सहायता करना। 

45. विविपेरस अँकुरण सुन्दरी पौधा में क्यों उत्पन्न होता है? (Why viviparous germination develop in sundari plants?)

Ans. सुन्दरी के पौधे नमकीन मिट्टी में समुद्र के किनारे उगते हैं। यह मिट्टी दलदली होती है तथा इसमें लवण की अधिकता के कारण जड़ द्वारा जल का अवशोषण नहीं हो पाता है। यदि इसका फल नमकीन मिट्टी में गिरता तो सड़ जाता। अतः इसकी वंश वृद्धि हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाती। इसलिए वंश वृद्धि को बनाए रखने के लिये फल पौधे से अलग होने के पहले ही बीज अंकुरित हो जाता है तथा नये पौधे के रूप में वृद्धि करता है।

46. ऑपुन्सिया के तने चौड़े क्यों होते हैं ? (Why the stem of opuntia are broader in shape?) 
Ans. ऑपुन्सिया के पौधे जल की कमी वाले स्थानों में उगते हैं। इसकी पत्तियाँ काँटों का रूप ले लेती है। अतः प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करने के लिए इसके तने चौड़े, चपटे, हरे होते हैं। जिससे अधिक से अधिक मात्रा में सूर्य के प्रकाश को ग्रहण कर सकें और प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण कर सकें।

**47. ऊँट को मरूभूमि का जहाज क्यों कहा जाता है? (Why camel is called the ships of desert.)

Ans. ऊँट में मरूभूमि का अनुकूलन पाया जाता है। ऊँट के पैर में गद्दी होती है। बालू पर पैर रखने पर गद्दी फैलकर अधिक आयतन दे सकती है, फलस्वरूप ऊँट तेजी से चल सकता या दौड़ सकता है। ऊँट के आँख तथा कान पर लम्बे तथा घने बाल होते हैं, जो बालू से रक्षा करने में सहायक होते हैं। ऊँट के अमाशय में जल संचय का कार्य होता है। इस कारण ऊँट को जल कई दिनों तक नहीं मिलने पर वह जीवित रह सकता है। इन्हीं सब कारणों से ऊँट को मरूभूमि का जहाज कहा जाता है। 
**48. कैक्टस (ऑपुन्सिया) की पत्तियाँ काँटों के रूप में क्यों रूपान्तरित हैं? (Why leaves of cactus are modified in the form of spines?)
 Ans. कैक्टस (आपुन्सिया) मरूभूमि में या जल की कमी वाले स्थानों पर उगने वाले पौधे हैं। स्वाभाविक है कि जल कमी की समस्या इसके लिए गंभीर है। जल की कमी की पूर्ति के लिए इसकी जड़ों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। अगर कैक्टस (ऑपुन्सिया) की पत्तियाँ साधारण पत्तियों की तरह होती तो वाष्पोत्सर्जन की क्रिया सामान्य पत्तियों की तरह होती। अतः वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में रूकावट डालने के लिए कैक्टस (ऑपन्टिया) की पत्तियाँ काँटों का रूप ले लेती है।

****49. ऊँट के अनुकूलन में RBC की भूमिका क्या है? (What is the role of RBC in adaptation of camel?)

Ans. ऊँट का RBC (लाल रक्त कणिका) अण्डाकार एवं केन्द्रक युक्त होता है। यह उभय उत्तलाकार (Biconvex) होता है, जिसमें अन्य कोशिकांग (Cell organell) अनुपस्थित होते हैं। यह केवल ऑक्सीजन एवं CO2 का परिवहन करता है। इसका जीवन काल अधिक होता है। यह रक्त की सान्द्रता को बनाए रखता है।

**50. कबूतर के वायुथैली का क्या लाभ है? (What is the advantage of having air-sac in pigeon ?) 
Ans. कबूतर के वायुथैली से लाभ :- पक्षियों में वायु थैली (Air sacs) होती है जो फेफड़ों से जुड़ी रहती है। अधिक ऊँचाई पर उड़ते समय अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे श्वसन दर बढ़ जाती है। श्वसन के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति वायु थैली (Air sacs) द्वारा होती है। साथ ही साथ वायु थैलियाँ शरीर को हल्का बनाए रखती हैं। कबूतर में इसकी संख्या 9 (Nine) होती है।

**51.शरीर में अधिक जल की माँग की पूर्ति के लिए ऊँट के दो शारीरिक अनुकूलनों का उल्लेख करो |
(Write two physiological adaptations of camel to meet the demand of excess water in their body.)

Ans. ऊँट का शारीरिक अनुकूलन :- जल की कमी की पूर्ति के लिए इसकी पीठ के नीचे चर्बी (Fats ) की जालिका स्थित रहती है जो चयापचय द्वारा जल उत्पन्न करती है। इसके अमाशय में जल संग्रह कोशिकाएँ पायी जाती हैं जो जल संग्रह करती हैं जिससे ऊँट को प्यास बहुत कम लगती है। ऊँट की त्वचा के नीचे अनेक उभार- धँसाव (Folds) होते हैं जिसकी कोशिकाएँ जल संग्रह करती हैं। ऊँट लगभग 10-15 दिनों तक पानी पीए बिना रह सकता है। त्वचा में रन्ध्र नहीं पाए जाते, जिससे वाष्पीकरण द्वारा जल का क्षय नहीं होता है

**52. कमल की पत्ती के दो अनुकूलन लिखिए | (Mention two adaptive features of leaves of Lotus) 
Ans. कमल की पत्ती का अनुकूलन :- (i) पत्तियाँ बड़ी एवं गोल होती हैं जो जल के ऊपर तैरती रहती है। (ii) पत्तियों के ऊपरी सतह पर मोम की परत होने से चिकनी बनी रहती है जिससे जल का प्रभाव नहीं पड़ता है। 

53. चिम्पांजी का केनाइन क्यों इतना तेज होता है? (Why are the canines of chimpanzees are so sharp?) Ans. चिम्पांजी वन्य प्राणी हैं, जो सर्वाहारी होता है। तना तथा कड़े फलों को काटने, कड़े बीजों को फाड़ने एवं औषधीय पौधों को चबाने के लिए इनका केनाइन तेज होता है।

54. सुन्दरी का पौधा किस प्रकार अतिरिक्त लवण का उत्सर्जन करता है ? (How Sundari plant excretes the excess salt of its body?)

Ans. सुन्दरी का पौधा अतिरिक्त लवण का उत्सर्जन छालों (Bark) एवं पत्तियों द्वारा करता है। इसकी छाल, पत्तियों में अतिक्ति लवण जमा होता रहता है, जो समय-समय पर छालों के गिरने अथवा पत्तियों के झड़ने से उत्सर्जित हो जाता है।

**55.कबूतर के वायुकोषों के अनुकूलन में दो महत्त्वों का उल्लेख कीजिए। (What are the two adaptive significances of air-sacs of pigeon ?)
 Ans. कबूतर के वायुकोषों के अनुकूलन में महत्त्व 
-(i) अतिरिक्त ऑक्सीजन का संग्रह करना। (ii) विशिष्ट गुरुत्व (Specific gravity)को कम कर शरीर को हल्का बनाना ।

(b) रोहू मछली की मायोटोम पेशी का महत्त्व :- मेरुदण्ड के दोनों तरफ 'V' आकार की पेशियाँ होती हैं जिन्हें मायोटोम पेशी कहते हैं। ये पेशियाँ रोहू मछली को तैरने के समय मेरुदण्ड को इधर-उधर घुमाने में सहायता करती हैं।

(c) सुन्दरी का न्यूमैटोफोर्स का महत्त्व • नमकीन मिट्टी के प्रभाव से इसकी जड़ें जमीन के सतह के ठीक नीचे स्थित रहती हैं। जड़ों से छोटी-छोटी खूँटी के समान रचनाएँ जमीन के सतह पर निकलती हैं, जिन्हें न्युमैटोफोर (Pneu- matophores) कहते हैं। ये ऑक्सीजन की पूर्ति करती हैं। मुख्य तना (stem) से जटामूल (stilt root) निकलकर जमीन में प्रवेश करती है तथा दलदली भूमि में पौधे को सहारा प्रदान करती है। पौधों के निचले तने (stein) से अपस्थानिक जड़ें (Adventitious roots) निकल कर पौधा को सीधा खड़ा रहने में सहारा प्रदान करती हैं, जिन्हें अधिमूल (Root Buttresses) कहते हैं। पत्तियाँ छोटी, मोटी, रसदार, मोम तथा क्युटिकल युक्त होती हैं, जिसकी निचली सतह पर स्टोमैटा (stomata) अनुपस्थित होता है। ऊपरी सतह पर कम संख्या में धँसा हुआ (Sunken) स्टोमैटा होता है जिससे वाष्पोत्सर्जन कम होता है। इनके बीज पेड़ की शाखा से लगे फल के अन्दर ही अंकुरित होते हैं, जिसे विविपेरस अंकुरण (Viviparous germination) कहते हैं। इनमें यांत्रिक तथा संवहन ऊत्तक अधिक विकसित होते हैं।

***56. घोड़े के ज्ञात जीवाश्म की सहायता से विभिन्न विकास के चरणों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। अथवा, जीवाश्म विज्ञान की सहायता से क्रम-विकास की व्याख्या कीजिए। (Describe in brief the different evolutionary stages of horse with the help of known fossil of horse.)

Ans. क्रम विकास के बहुत सारे मुख्य तथ्यों की जानकारी जीवाश्मों से प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए हमें घोड़े के विभिन्न चरणों के जीवाश्मों के अध्ययन से इसके क्रम- विकास की पाँच अवस्थाएँ मिलती हैं -

(1) इओहिप्पस (Eohippus) - घोड़े का यह प्राचीनतम जीवाश्म है। इसका आकार बिल्ली जैसा था।

 (2) मिजोहिप्पस (Mesophippus) – यह ओलगोसिन युग का जीवाश्म है। इसका आकार भेड़ की तरह था। इसके पैरों में तीन नखयुक्त अँगुलियाँ थी।

(3) मेरिचिप्पस (Merycheppus) यह मायोसिन युग का जीवाश्म है। अब इसका आकार टट्टू जैसा हो गया था। पैरों में तीन अँगुलियाँ थी। बीच की अँगुली खुर जैसी हो गई थी।

(4) प्लियोहिप्पस (Pliohippus) यह प्लियोसिन युग का जीवाश्म है। इसकी ऊँचाई लगभग 50 इंच की - थी। अँगुलियाँ घटकर एक रह गई थी।

(5) इक्वस (Equus) यह आधुनिक घोड़ा है। इसका विकास प्लीस्टोसिन युग में हुआ था। अब इसकी ऊँचाई पाँच-साढ़े पाँच फीट की है। बीच की अँगुली खुर में बदल गयी है। जो तेज दौड़ने के अनुकूलित है।

57.व्यावहारिक अनुकूलन क्या है ? **मधुमक्खियों में वार्तालाप (Communication in honey- bees) से क्या समझते हो ? अथवा, किसी मधुमक्खी के छत्ते की मधुमक्खी दुसरी मधुमक्खी को भोजन के श्रोत एवं स्थिति की जानकारी कैसे देती है।

उत्तर : आवश्यकता की पूर्ति हेतु किसी जीव द्वारा अपनायी गयी युक्ति को व्यावहारिक अनुकूलन कहते हैं। मधुमक्खियों में वार्तालाप : मधुमक्खियाँ भोजन की तलाश में अपने मधुछत्ते से बाहर जाती हैं। भोजन की खोज के बाद वह अपने मधुछत्ते में वापस आकर एक विशेष प्रकार का शारीरिक प्रदर्शन करती है जो देखने में अंग्रेजी की 8 संख्या की तरह होता है इस समय इनका पेट हिलता रहता है । वह कैसे और कितने समय तक यह नाच करती है उस आधार पर उस मधुछत्ते की अन्य मधुमक्खियाँ बाहर निकलती हैं और अपने खाद्य के स्रोत पर शीघ्रतापूर्वक पहुँच जाती हैं।



***58.प्राकृतिक चुनाववाद का प्रतिपादन किसने किया? इसके सिद्धान्त के अनुसार अस्तित्व संघर्ष का वर्णन करो।

उत्तर : प्राकृतिक चुनाववाद का प्रतिपादन चार्ल्स डार्विन ने किया था। चार्ल्स डार्विन के अनुसार जीवों में प्रजनन की प्रचूर क्षमता होती है, जिसके कारण जीवों की संख्या रेखा गणित के नियम से बढ़ती है। परन्तु इस बढ़ी हुई संख्या के लिए आवश्यक अधिक से अधिक अनाज, निवास स्थान तथा जीवन की अन्य सुविधाएँ अंक गणित के नियम से बढ़ती हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आपस में संघर्ष होता रहता है जो अस्तित्व संघर्ष कहलाता है। यह संघर्ष तीन प्रकार का होता है-

(क) अन्त: जातीय संघर्ष (Intra specific struggle) : अपनी रक्षा के लिए जब संघर्ष एक ही जाति के जीवों
के बीच होता है, तो इसे अन्त: जातीय संघर्ष कहते हैं। जैसे- मनुष्य तथा मनुष्य के बीच संघर्ष ।

(ख) अन्तरजातीय संघर्ष (Inter specific struggle) : जब दो विभिन्न जातियों के बीच अपनी रक्षा के लिए संघर्ष होता है, तो इसे अन्तरजातीय संघर्ष कहते हैं। जैसे- कुत्ता तथा बिल्ली के बीच का संघर्ष।

(ग) वातावरण संघर्ष (Environmental struggle) : प्राकृतिक कारक जैसे- बाढ़, भूकम्प, सूखा, तूफान, हिमपात, अनावृष्टि, अतिवृष्टि आदि प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए प्राणियों को संघर्ष करना पड़ता है। यह संघर्ष वातावरणीय संघर्ष कहलाता है।


**59.'हॉट डाइलुट सूप' एवं 'कोएसरवेट' क्या है ? लवणोद्भिद सुन्दरी पौधे की तीन अनुकूलन की विवेचना कीजिए।

2+3=5 (Board Sample Paper)

उत्तर : (i) हाट डाइलुट सूप: समुद्र के गर्म जल को जिसमें विभिन्न प्रकार की रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप जटिल कार्बनिक यौगिकों का निर्माण होता है और जिसके फलस्वरूप प्रोटोसेल जैसी रचनाएँ उत्पन्न होती है, उसे 'हाट डाइलुट सपू' कहते हैं।

(ii) कोएसरवेट : जटिल यौगिकों को लिपिड झिल्ली से ढंकने से उत्पन्न रचना को कोएसरवेट कहते हैं।

सुन्दरी पौधों की अनुकूलन :

(a) इसकी कोशिकाएँ अत्यधिक लवणों की सांद्रता को सहन करने में समर्थ हैं।

(b) तना और पत्ती के जल की सहायता से कोशिकाओं में ये आयन्स की सांद्रता को कम करते हैं।

(c) इनमें लवण ग्रंथियाँ पायी जाती हैं, जिसकी सहायता से लवण का उत्सर्जन होता है।

(d) लवण की कुछ मात्रा जड़ के द्वारा भी बाहर की मिट्टी और जल में वापस लौटा दी जाती है।


***Vi60. लैमार्क का "उपयोग तथा अनुपयोग सिद्धान्त" कार्बनिक क्रम-विकास को समर्थन करता है, कैसे ? (Justify the theory of Lamarck's Law of Use and Disuse, which supports the Organic Evolution.) 

Ans. उपयोग तथा अनुपयोग सिद्धान्त :-लैमार्क के अनुसार जिन अंगों का उपयोग ज्यादा होता है, वे अंग अधिक विकसित और मजबूत हो जाते हैं। इसके विपरीत जिन अंगों का उपयोग किसी वातावरण के सापेक्ष कम होता है, वे अंग धीरे-धीरे निष्क्रिय (functionless) तथा कमजोर हो जाते हैं और अन्त में नष्ट हो जाते हैं। इस प्रकार किसी जीव में नये अंगों का विकास होता है या पुराना अंग निष्क्रिय होकर नष्ट हो जाता है। लैमार्क ने इस नियम के
समर्थन में निम्नलिखित उदाहरण प्रस्तुत किया-
(a) जिराफ की गर्दन का लम्बा होना - (लैमार्क के अनुसार वर्तमानकाल के लम्बी गर्दन वाले जिराफों के पूर्वज छोटी गर्दन एवं छोटी टॉंग वाले थे। उनका आकार (size) भी अपेक्षाकृत छोटा था और वे घास चरते थे। धीरे- धीरे वातावरण में परिवर्तन आया और जलवायु के शुष्क हो जाने से घासें समाप्त हो गईं। अब उन्हें ऊंचे पेड़ों की पत्तियाँ और टहनियाँ ही खाने के लिए प्राप्त हो सकती थीं। अतः वातावरण के अनुसार भोजन प्राप्त करने में जिराफ को अपनी गर्दन तथा अगली टांगों का अधिक उपयोग करना पड़ा। अतः गर्दन तथा अगली टाँगें लम्बी होती चली गईं। गर्दन तथा अगली टाँगों के अधिक उपयोग का प्रभाव उपार्जित लक्षण (Acquired characters) बनकर पीढ़ी-दर पोढ़ौ संतानों में पहुँचने लगा। इस प्रकार जिराफ की गर्दन और टाँगें लम्बी हो गई ]

(b) लैमार्क के अनुसार सर्पों (snakes) के पूर्वजों में गिरगिट की तरह चार पैर होते थे। बिल (dwell) में घुसते समय ये पैर बाधा उत्पन्न करते थे। अतः सर्पों ने अपने पैर का उपयोग करना छोड़ दिया। वे रेंगकर बिल में घुसने लगे। अनुपयोग (disuse) का प्रभाव यह हुआ कि उनके पैर धीरे-धीरे निष्क्रिय होकर कमजोर होते गए और अन्त में नष्ट हो गए। आजकल सर्पों के पैर नहीं होते हैं

Vvi **61. उपयुक्त उदाहरण द्वारा डार्विन के प्राकृतिक चयन प्रक्रिया को समझाएँ। रोहू मछली के जलीय अनुकूलन में पटिका (स्विम ब्लैडर) का भूमिका क्या है ? (Explain the process of Natural Selection as proposed by Darwin with the help of a suitable example. What are the roles of swim bladder in the aquatic adaptation of rohu fish?)
3+2=5

Ans. डार्विन के प्राकृतिक चयन सिद्धान्त को छोटी गर्दन एवं छोटी अगली टॉंग वाले जिराफ से लम्बी गर्दन एवं लम्बी अगली टोंग वाले जिराफ की उत्पत्ति को समझाया जा सकता है। डार्विन के मतानुसार सजीवों में सन्तान उत्पत्ति की प्रचुर क्षमता के कारण आवास, भोज्य पदार्थ एवं जीवन को अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संघर्ष छिड़ जाना है। वे सजीव जिनमें वातावरण के अनुकूल विभिन्नताएँ होती हैं, वे इस संघर्ष में विजयी होते हैं। वातावरण के परिवर्तन के फलस्वरूप जिराफ अपनी अगली टाँगों और गर्दन का उपयोग ऊँचे-ऊंचे वृक्षों की पत्तियों को खाने के लिए करते गये जिससे उनकी अगली टाँगें लम्बी एवं गर्दन लम्बे होते गये जो पीढ़ी एकान्तरण द्वारा अगली पीढ़ी तक पहुँचते गये और प्रकृति ने इनको चुन लिया और क्रमशः छोटी गर्दन एवं छोटी टाँग वाले जिराफ से लम्बी टाँग एवं लम्बी गर्दन वाले जिराफ विकसित हुए।

रोहू मछली के जलीय अनुकूलन में स्विम ब्लैडर की भूमिका - 
(i) स्विम ब्लैडर का आपेक्षिक घनत्व घटा या बढ़ाकर रोहू मछली पानी की सतह पर या पानी की गहराई में आसानी से तैर सकती है। (ii) जल में किसी भी तल पर स्थिर रहने के लिए स्विम ब्लैडर सहायक होता है।

62. हैलोफाइट से आप क्या समझते हैं? सुन्दरी पौधा के अनुकूलन को लिखिए। (What do you mean by halophyte? Write adaptation of sundary plants.)

Ans. नमकीन या दलदली मिट्टी में उगने वाले पौधे हैलोफाइट कहलाते हैं। 

सुन्दरी पौधा में अनुकूलन (Adaptation in Sundari plant) : (i) जड़ (Root) : जड़ तन्त्र सुविकसित होता है, इस पौधे में जटामूल पाया जाता है, जो पौधे को दलदल में सँभाले रहता है। इसकी जड़ों से छोटी-छोटी खूँटी. के समान रचनाएँ बाहर निकलती हैं, जिनपर छोटे-छोटे छिद्र पाये जाते हैं, जिन्हें न्युमैटोफोर्स (Pneumatophores) कहते हैं। इन छिद्रों से श्वसन गैसों का आदान प्रदान होता है। ये जड़े ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति करती हैं, इसलिये इन्हें श्वसन जड़े कहते हैं। 
(ii) तना (Stem) : तना बड़ा काष्ठीय तथा शाखा प्रशाखा युक्त होता है। यान्त्रिक ऊतक एवं संवहन ऊतक पूर्ण विकसित होता है।
(iii) पत्तियाँ (Leaves) : पत्तियों की ऊपरी सतह पर क्यूटिकल पायी जाती है। stomata अन्दर की ओर धँसे रहते हैं। जिससे वाष्पोत्सर्जन कम से कम हो।
(iv) बीज (Seed) : सुन्दरी पौधे में एक विशेष प्रकार का अंकुरण होता है। इसके बीज फल के अन्दर ही अंकुरण करते हैं। इस प्रकार के अंकुरण को विविपेरस अंकुरण कहते हैं। फल के अन्दर से मोटा मूलांकुर निकलता है, जो भ्रूण के साथ नीचे दलदल में गिरकर नन्हें पौधे का निर्माण करता है। इस कारण समुद्र का ज्वार-भाटा आसानी से फल को बहाकर नहीं ले जा सकता। इस प्रकार इनकी जातियाँ कभी खत्म नहीं होती हैं।




**Note:-रोहू मछली की मायोटोम पेशी का महत्त्व :- मेरुदण्ड के दोनों तरफ 'V' आकार की पेशियाँ होती हैं जिन्हें मायोटोम पेशी कहते हैं। ये पेशियाँ रोहू मछली को तैरने के समय मेरुदण्ड को इधर-उधर घुमाने में सहायता करती हैं।

***VI.64.पानी के बृहत् क्षय को सहने की क्षमता ऊँटों में किस प्रकार (RBC) के विशिष्ट लक्षण संबंधित है ? खाद्य संग्रह तथा रोगों से बचने के लिए समस्या निवारण हेतु तरीके जो चिंपाजी अपनाते हैं उनके उदाहरण दो। (How the special feature of RBC in camels is related to their ability to withstand extreme loss of water? Give examples of the ways Chimpanzees solve their prob- lems for procuring food and preventing disease.) 2+3=5

Ans. ऊँट के रक्त में उपस्थित R.B.C. अण्डाकार एवं केन्द्रकयुक्त होती हैं। जल की कमी होने से RBC सिकुड़ जाती हैं जिससे उनके शरीर से जल का क्षय कम होता है। शरीर में सामान्य जल होने पर RBC पुन: फैल जाती है। 

खाद्य संग्रह के लिए चिम्पैन्जी किसी पौधे की टहनी तोड़कर, पत्तियों को साफ कर टहनी को छड़ीनुमा बना लेते हैं, और दीमक के बिल में डालकर खाद्य को बाहर निकाल लेते हैं। चिम्पान्जी जब किसी तरह घायल हो जाते हैं या किसी परजीवी द्वारा रोगग्रस्त हो जाते हैं तो औषधीय पौधों की पत्तियों को खाते हैं जिससे उनका घाव या रोग ठीक हो जाता है।

5. वातावरण एवं इसके

 संसाधन तथा उनका संरक्षण


Vvi. **1)नाइट्रोजन स्थिर करने वाले स्वंतत्र जीवाणुओं की भूमिका का वर्णन करें। किन्हीं दो मृदा प्रदूषकों का नाम और स्रोत लिखिये।
अथवा, 
दो दलहन जाति के और दो अदलहन जाति के पौधों का नाम बताइए जो नाइट्रोजन को यौगिकीकरण कर सकते हैं। वातावरण में स्वतंत्र नाइट्रोजन को यौगिकों में बदलने में जीवाणुओं की भूमिका का व्याख्या कीजिए।
अथवा, मिट्टी में मुक्त नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में स्वतंत्र जीवन निर्वाह करने वाले सहजीवी बैक्टीरिया भूमिका की संक्षेप में चर्चा कीजिए। अथवा, वायुमण्डल में नाइट्रोजन के मिट्टी में स्थिरीकरण के विभिन्न पदों को लिखिए।

उत्तर : वातावरण के स्वतंत्र नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने में जीवाणुओं की भूमिका :

जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन का यौगिकीकरण : नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने वाले जीवाणु के तीन वर्ग होते हैं :
 (i) सहजीवी : राइजोबियम लेगुमिनोसारियम नामक सहजीवी जीवाणु दलहन जाति के पौधों की जड़ों में पाये जाते हैं। वो वायुमंडलीय नाइट्रोजन का नाइट्राइट के रूप में यौगिकीकरण कर देते हैं। जैसे-दलहन जाति के पौधे-मटर, चना ।  अदलहन जाति के पौधें (i) अलनस, (ii) गिंगो। (ii) मृतोपजीवी : मिट्टी में स्वंतत्र रहने वाले एजोटोबैक्टर एवं क्लास्ट्रिडियम जीवाणु वायुमंडल को नाइट्रोजन को ग्रहण कर अपने शरीर में इसे नाइट्राइट एवं नाइट्रेट में बदल देते हैं। जब इनकी मृत्यु होती है तो इनके शरीर में उपस्थित नाइट्रोजनयुक्त (nitrogenous) यौगिक मिट्टी में मिल जाते हैं।

(ii) स्वयंपोषी जीवाणु : रोडोमाइक्रोबियम (रंगीन) और डिसल्फ्यूरिकेन (रंगहीन) स्वयंपोषी तथा अनॉक्सी श्वसन करने वाले जीवाणु हैं। ये वायुमंडल की नाइट्रोजन को वायुमंडल से सीधे अवशोषित कर उसे नाइट्रेट में बदल देते हैं।

दो मृदा प्रदूषक के नाम :

(i) रोग कारक जीवाणु (Pathogenic Organisms),
 (ii) रसायन (Chemicals) |

Vvi *2)वायु प्रदूषण क्या है? वायु-प्रदूषण के कारणों एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।(2+3=5)

उत्तर : वायु प्रदूषण : वायू प्रदूषण में प्रदूषक मुख्यतया गैसें होती हैं तथा कुछ ठोस सूक्ष्म कण होते हैं, जो घरेलू ईंधन के दहन, वाहन से निकलने वाले उत्सर्ग (Exhaust), सड़े-गले पदार्थों तथा कूड़े-करकट से निकलने वाली गैसें तथा विभिन्न प्रकार के उद्योगों के संयंत्रों की चिमनियों से निकलने वाले धुएँ के रूप में निकलते हैं। इन विभिन्न प्रदूषकों की संख्या अनगिनत है और यह अलग-अलग प्रकार से स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं। 
वायु प्रदूषण के कारण एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव :

(i) ग्रीन हाउस गैंसे (Green House Gases) : मानवीय क्रिया-कलापों के द्वारा वायुमण्डल में विभिन्न ग्रीनहाउस गैसों (Green House Gases) जैसे- कार्बन डाई ऑक्साइड (CO) एवं कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) हैं। इसका प्रभाव अम्लीय वर्षा के रूप में होता है।

(ii) SPM : दूसरा प्रमुख कारण है - कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले सस्पेन्डेड पार्टीकल्स (suspended (particulate matter - SPM) इससे भी वायु प्रदूषित होती है। इसके प्रभाव के कारण फुसफुसीय रोग से सम्बन्धित बीमारियाँ होती हैं।


**3. प्रदूषण क्या है? इसके कारणों एवं मानव पर इसके प्रभाव का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।2+3

उत्तर: ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) : ध्वनि जब हमारे कानों की सहन शक्ति से अधिक तेज हो जाती है तो हम इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।

ध्वनि प्रदूषण के कारण :
 (क) वाहन (Vehicles) : ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन के साधन भी आते है। ट्रक, कारें, स्कूटर, मोटर साईकल, मोपेड, बसें अन्य वाहन जैसे हवाई जहाज, रेलगाड़ी आदि भी ध्वनि विकार को जन्म देते हैं। 
(ख) उद्योग (Industries) : मशीनें, साइरन, जेनेरेटर्स एवं अनेक यांत्रिक उपकरणों के शोर ध्वनि प्रदूषण करते हैं।
 ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव : (i) ध्वनि-प्रदूषण से गर्भवती स्त्री के गर्भ की तंत्रिकाओं में दोष आ जाते हैं जिसका कुप्रभाव आगे चलकर संतान पर पड़ता है।

(ii) ध्वनि-प्रदूषण से निद्रा में बाधा पड़ती है और इसका कुप्रभाव शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है तथा हृदय सम्बन्धी रोग उत्पन्न होता है।

Vi.**4. श्वास रोग के क्या कारण हैं? जैव विविधता के संरक्षण में संयुक्त वन प्रबंधन की भूमिका क्या है। 2+3

उत्तर : श्वास रोग के मुख्य कारण वायुप्रदूषण है। कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जैसी गैसों से मानव में दमा, ब्रोन्काइटिस, टान्सिल, जैसी खतरनाक, फुसफुस रोग सम्बन्धित स्वास रोग होती है। राज्य के वन विभाग और वहाँ के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सुरक्षा की व्यवस्था को संयुक्त वन प्रबन्धन
(Joint forest managment) कहते है। यह भारत सरकार द्वारा सन् 1998 ई० में स्थापित किया गया। सन् 1971 ई० में पश्चिम बंगाल में इस अग्रणी प्रजेक्ट का आरंभ साल के वनों में पश्चिम बंगाल की पश्चिम मिदनापुर जिला को पुनः बचाव और प्रबंधन के लिए, अराबरी वन के स्थानीय निवासियों के द्वारा किया गया। इसका प्रारंभ वहाँ के लोगों की मांग को पूरा करने के लिए और वन को विनाश से बचाने के लिए हुआ। वन की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए सामान्य जन की भागीदारी को साथ लिया गया। इससे सामान्य जनों में चेतना जागृत हुई और उन्हें इससे आर्थिक मदद भी मिली। अराबरी जंगल में आज भी JFM व्यवस्था चल रही है।

**JFM-Joint forest managment

*5.दो अंचलों में से एक को जैव विविधता हाटस्पाट घोषित करने के लिए तुम किन-किन शर्तों की विवेचना करोगे? एक्स-सीटू संरक्षण के दो उदाहरण दीजिए।(3+2)

उत्तर : (i) जैव विविधता हाटस्पाट के लिए शर्तें :

(a) इन स्थानों का क्षेत्रफल अधिक हो।

(b) इनमें उपस्थित विभिन्न प्रजातियों की संख्या सघन रही हो किन्तु अब कम हो रही हो या विलुप्त हो रही हो।

(c) ये प्राकृतिक हैं।

(ii) एक्स सीट संरक्षण का उदाहरण :

(a) क्रायोप्रिजरवेशन

(b) जूलाजिकल गार्डेन

**6.हरितगृह गैसों एवं SPM की किसी एक स्रोत का उल्लेख करो जो वायु प्रदूषण का कारक है। पश्चिमी घाट - श्रीलंका एवं पूर्वी हिमालय के हॉट स्पॉट में पाये जाने वाले जैव विविधता का उदाहरण दो ।(2+3 )(Board Sample Paper)

उत्तर : (i) ग्रीन हाउस गैसों को स्रोत : ज्वालामुखी का विस्फोट और विभिन्न प्रकार के वाहन।
 (ii) SPM का स्रोत : कल कारखानों के चिमनियों से निकलने वाला धुँवा।

(iii) हॉट स्पॉट : भारत के पश्चिमी घाट, श्रीलंका तथा पूर्वी हिमालय है। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों और पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में स्थित घने जंगल विश्व के अत्यधिक समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं। पौधों और जंतुओं की विविध प्रजातियों के संदर्भ में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह अत्यधिक समृद्ध क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में बहुत से पक्षियों सहित जीव- जन्तुओं की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

भारत में पाये जाने वाले स्थानीय जंतुओं के 135 वंश (जीन्स) में से अकेले पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही 85 वंश (जीन्स) पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में 150 स्थानिक या विशेष क्षेत्री प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पश्चिमी घाट के वन क्षेत्र सरीसृपों के लिए, विशेषकर साँपों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में पौधों की 1500 स्थानिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा गुजरात और तमिलनाडु की खाड़ी में पाई जाने वाली मूँगे की चट्टानें कुछ अत्यधिक आकर्षक विविध मछलियों और अन्य जलीय जंतुओं के वास स्थान हैं।

**7.जैव विविधता के तीन महत्वों का उल्लेख करो। अति जनसंख्या के कारण जैव विविधता पर मानवीय प्रभाव का दो कारण बताओ।
3+2=5 (Board Sample Paper)

उत्तर : जैव विविधता के तीन महत्व निम्नलिखित हैं :

(i) भोजन उत्पन्न करना (Producing food): कृषि द्वारा अनाज का उत्पादन किया जाता है। इन अनाजों धान, गेहूँ, बाजरा, मक्का, अरहर, चना, मूँग, सरसों, नारियल इत्यादि) को ही हम भोजन के रूप में उपयोग करते हैं। फल, सब्जियाँ, दूध, मांस, मछली और अंडा का भी उत्पादन करके उसे भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है।

(ii) ड्रग्स और औषधियाँ (Drugs and medicines): एक समय था जबकि विश्व की शत-प्रतिशत औषधियों केवल पेड़-पौधों अथवा विभिन्न पशुओं और जीव-जंतुओं से ही प्राप्त होती थीं। समय के परिवर्तन के बावजूद वर्तमान समय में भी पेड़-पौधों से प्राप्त जड़ी-बूटियों का प्रयोग विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। अनेक एलोपैथिक उपचारों में केवल नाम अंग्रेजी के हैं जबकि दवाई के अन्तर्गत वस्तु (content) सभी सामान्य पौधों के तत्व हैं। निश्चित ही यह प्रभावी उपचार प्रणालियाँ जैविक विविधता की पहचान कराती हैं।

(iii) पारिस्थितिकी संतुलन को बनाये रखना (Maintenance of ecological balance) : किसी भी आबादी तथा प्रजाति का अस्तित्व तथा आवास विशेष में निर्जीव वस्तुओं से इनकी पारस्परिक संक्रिया से ही संभव है। जिससे उनके पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित होती है। जैविक विविधता इन सभी पारिस्थितिक तंत्र को नियमित रूप से चलते रहने में और उनको स्थायित्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैव विविधता को खतरा उत्पन्न करने वाले कारक :-

(i) वास-स्थान का क्षय (Habitat destruction): मानव की आबादी में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती जनसंख्या की विभिन्न क्रियाओं की पूर्ति के लिए मानव वन्य जीवों के आवासों को नष्ट कर रहा है जिससे कई देशों में मुख्यतः द्वीपों में कई कशेरुकी प्राणी विलुप्त हो चुके हैं। भारत में 80 प्रतिशत जीवों के आवास नष्ट हो चुके हैं। 
(ii) वन का विनाश आवासीय बस्तियों की स्थापना, उद्योग-धंधो की स्थापना एवं इमारती लकड़ियों के लिए वनो का सफाया होने लगा।

**Vi.8.सुन्दरवन क्षेत्र को हानि पहुंचने वाले मुख्य तीन कारणों का वर्णन करें। इससे उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करें।

उत्तर : (i) शहरीकरण के लिए मैंग्रोव पेड़ों का विनाश (Destruction of Mangrove due to ure banization) : सुन्दरवन के क्षेत्र में शहरीकरण का विकास काफी तीव्र गति से हो रहा है शहरीकरण के लिए मैंग्रोव वृक्षों को काटा जा रहा है जो आर्द्र प्रदेशों की जैव विविधिता के धारक हैं।

समस्या : जिसके फलस्वरूप वहाँ प्राकृतिक वातावरण को क्षति पहुँच रही है।
 (i) कृषि (Agriculture) : वनों को काटकर कृषि भूमि का निर्माण किया जा रहा है। सम्स्या : कृषि कार्य के लिए प्रयोग किए जाने वाले हानिकारक उर्वरक भी प्रदूषण के कारकों में से एक हैं।
 (ii) आवास की क्षति (Destruction of habitat) : वनांचलों को काटकर शहरीकरण करने, एवं कृषि भूमि प्राप्त करने के कारण प्राकृतिक आवास की क्षति हो रही है। समस्या : फलस्वरूप जैव विविधता की संतुलन में ह्रास हो रहा है।

****Vvi.9.हाट स्पाट से आप क्या समझते हैं ? यथा स्थल (In-situ Conservation) तथा बहिः स्थल (Ex-situ Conservation) संरक्षण की परिभाषा सहित एक उदाहरण लिखिये।


उत्तर:-हाट स्पाट से मतलब उन स्थानों से है जो जैव विविधता की दृष्ट से अत्यधिक संपन्न हैं किन्तु वर्तमान में संकट- ग्रस्त हो गये हैं। इसलिए इन स्थानों को संरक्षण हेतु प्राथमिकता देना अनिवार्य है। इन स्थानों को Norman (IUCN UNCP, 1986) हाट स्पाट कहा गया है। 

यथा स्थल (In-Situ Conservation) :पौधों व जन्तुओं को उनके प्राकृतिक आवासों, जैसे- वनों, चरागाहों, मैदानों में संरक्षण करने की विधि को यथा स्थल कहते हैं। इस कारण अनेक प्राकृतिक क्षेत्रों को राष्ट्रीय उद्यान (National Parks), पशुविहार, वन्यजीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanchuaries) तथा जीव मण्डल का रूप दिया गया है।

बहि: स्थल (Ex-situ Conservation) : पौधों और जंतुओं को उनके मूल वास स्थान से अलग रखकर उनका संरक्षण करने की विधि को बहि: स्थल कहते हैं। जैसे- जूलोजिकल गार्डेन, बोटानिकल गार्डेन, क्रायोप्रिजरभेशन।


***Vvi.10-लाल पाण्डा (Red Panda) एवं घड़ियाल के संरक्षण का वर्णन कीजिए। इनके दो संरक्षण केन्द्रों के नाम लिखें।

उत्तर : लाल पाण्डा (Red Panda) :- लाल पाण्डा भारत में हिमालय की चोटियों पर बाँस के जंगल वाले इलाका में पाए जाते हैं। इसकी सुंदरता के कारण इसका खूब शिकार किया गया है, जिससे यह संकटग्रस्त जीवों की श्रेणियों में आ है। यदि इसके संरक्षण के पर्याप्त उपाय नहीं किए गये, तो जल्दी ही यह लुप्तप्राय जीवों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।

संरक्षण (Conservation) :- भारत में लाल पाण्डा परियोजना का शुभारम्भ सन् 1996 में किया गया। परियोजना विश्व वन्य जीवन कोष के सहयोग से शुरू किया गया। विश्व वन्य जीवन कोष का मूल उद्देश्य पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण की क्षति को रोकना एवं भविष्य का निर्माण करना है। इसके संरक्षण एवं सुरक्षा निम्नलिखित का द्वारा किया जा सकता है।

(i) अनुसंधान एवं इनके नवीनता वितरण का नक्शा, आवासीय नक्शा, मानव आबादी का नक्शा तथा कृषि क्षेत्रों में विस्तार के नक्शों द्वारा पता लगाना।
 (ii) पहचाने गए संकटों का मूल्यांकन एवं आवारा कुत्तों, शिकारियों से बचाव, पालतू बनाने के लिए पकड़ना, लोक जागरण आदि का प्रबन्ध करना।

(iii) सुरक्षित क्षेत्रों एवं समुदाय संरक्षित क्षेत्रों में लाल पाण्डा की सुरक्षा के लिए प्राणी प्रबंधनों का हस्तक्षेप सुनिश्चित करना। इसके साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करना, जलावन की लकड़ियों की कटाई में कर्म करना, संरक्षण क्षेत्रों को आधिकारिक मान्यता प्रदान करना, रख-रखाव के लिए कार्यशाला आयोजित करना, लाल पाण्डा के पुनर्वासन कार्यक्रमों को बढ़ावा देना। इनका संरक्षण पद्मजा नायडु हिमालयन उद्यान दार्जिलिंग में किया जाता है।

घड़ियाल (Crocodile) : घड़ियाल भी एक संकटग्रस्त सरीसृप प्राणी है। भारत में इसकी केवल तीन प्रजातियाँ मिलती हैं। इसकी प्रजाति उत्तरी भारत की नदियों में मिलती है। इनके वास-स्थानों के विनाश और निर्मम हत्या के कारण इनकी संख्या बहुत ही घट गई है। घड़ियाल केरल, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं।

घड़ियाल की घटती संख्या को देखकर इनके लिए सोलह आवास केन्द्र और ग्यारह अभयवनों का निर्माण किया गया। है। इनके संरक्षण के लिए अत्यन्त संरक्षित केन्द्र चम्बल और सतकोशिया जार्ज अभ्यारण्यों हैं।

***

Short question -3 or 2 marks


**1-जैव नाइट्रोजन स्थिरीकरण की विधि में भाग लेने वाले दो सूक्ष्म जीवों का नाम लिखिए।

उत्तर : जैव नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेने वाले दो सूक्ष्म जीव एजोटोबैक्टर, एवं राइजोबियम लेग्यूमिनोसैरम(Rhizobium leguminosarum) नामक जीवाणु है।

**2. अम्ल वर्षा से होने वाली दो हानियों का उल्लेख करें।

उत्तर : (i) अम्ल वर्षा का सबसे बूरा असर फसलों पर पड़ता है। इससे फसलो की पैदावार कम हो जाती है। 
(ii) अम्ल वर्षा का जल जब झीलो और नदियों के पानी से मिलता है। तो उस जल को प्रदूषित कर देता है। जिससे उसमें मौजूद कई तरह की मछलियाँ एवं जीव जन्तु मर जाते है।
(iii) बारिश का यह पानी धरती के अन्दर स्थित जल स्रोत में मिलता है। जो उसे पीने के लायक नहीं रहने देता है।
 **3. वैश्विक उष्णता के कारण जैव-विविधता के नुकसान के चार कारण लिखिए।

उत्तर : वैश्विक उष्णता के कारण जैव-विविधता को भारी क्षति हो रही है।

(i) जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप प्रवासी पक्षीयों के साथ-साथ अनेक पशु पक्षीयों का नाश हो रहा है। 
(ii) कुछ समुद्री पक्षीयों के प्रजनन दर में अत्यधिक ह्रास हुआ है।
(iii) वैश्विक उष्णता के कारण तापमान में वृद्धि के कारण अतिवृष्टि तथा अनावृष्टि जैसे समस्याएँ उत्पन्न हो रही है।
 (iv) तापमान के औसत वृद्धि के कारण हिम क्षेत्र पिघल रहे है। जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप तटवर्ती इलाके डूबने लगे है।

Vvi4)भूमण्डलीय उष्णता (ताप) के कारण जैव विविधता में होने वाले दो क्षति का उल्लेख कीजिए |
उत्तर -(i) समुद्र के जल स्तर में वृद्धि हो रही है जिससे द्वीप समुद्र के भीतर होते जा रहे है।
 (ii) विभिन्न प्रकार के जन्तुओं एवं पौधों की जातियों विलुप्त हो गई हैं या होने के कगार पर हैं। जैसे मेडागास्कर का डोडो।

Vi*5. नाइट्रोजन चक्र क्या है?

उत्तर : जिस चक्रीय विधि द्वारा वायुमण्डलीय नाइट्रोजन मिट्टी तथा जीवों के शरीर में प्रवेश कर पुनः मिट्टी तथा जीव के शरीर से वापस वायुमण्डल में मुक्त होती है उसे नाइट्रोजन चक्र कहते हैं।

**6. कैसे N2 मिट्टी से निकलकर वायुमण्डल में जाता है ?

उत्तर : नाइट्रोजन का त्याग (Denitrification) : मिट्टी में उपस्थित नाइट्राइट या नाइट्रेट के विघटन से स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस उत्पन्न होने की क्रिया को नाइट्रोजन का त्याग (denitrification) कहते हैं। यह क्रिया denitrifying bacteria ; जैसे – Pseudomonas, Thiobacillus dentrificance आदि द्वारा होती है। स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस (N2) वायुमण्डल में मिल जाती है।

*7. नाइट्रोजन स्वांगीकरण की क्रिया क्या कहलाती है?

उत्तर : नाइट्रेट, नाइट्राइट के रूप में अकार्बनिक नाइट्रोजन के हरे पौधों द्वारा अवशोषित होकर नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित होने की क्रिया को नाइट्रोजन स्वांगीकरण कहते हैं।

**8. अमोनीकरण किसे कहते हैं ?

उत्तर : अमोनीकरण (Ammonification) : नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक पदार्थों के अमोनियम आयन में टूटने की क्रिया को अमोनीकरण कहते हैं|
भूमि में यह क्रिया अमोनीकारी जीवाणुओं (ammonifying bacteria) द्वारा होती है (जैसे- बैसिलस वलगैरिस और बैसिलस मायक्वायड जीवाणु आदि ।

Vvi**9. JFM से आप क्या समझते हैं ?
 
उत्तर : JFM (Joint Forest Management)
 संयुक्त वन प्रबंधन :-राज्य के वन विभाग और वहाँ के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर वन की सुरक्षा की व्यवस्था को ज्वाइन्ट फारेस्ट मैनेजमेंट कहते है।]

10. जैव विविधता के संरक्षण की रणनीतियों को कितने श्रेणियों में बाँटा गया है? 
उत्तर : जैव विविधता के संरक्षण की रणनीतियों को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

(A) यथा स्थल संरक्षण (B) बहि:स्थल संरक्षण।

***11. मिट्टी में रहने वाले नाइट्रोजन बंधनकारी किसी एक स्वतंत्र जीवन-निर्वाह करने वाले बैक्टीरिया का नाम लिखिए। 
उत्तर : (a) एजोटोबैक्टर (b) क्लोस्ट्रीडियम।

12.नाइट्रोजन को ग्रहण करने वाली दो शैवाल का नाम बताइए।
 उत्तर : (i) नास्टाक (ii) एनाबीना।

Vvi.13-दो नाइट्रिफाइंग जीवाणु का नाम बताइए।

उत्तर : (1) नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas) 
(ii) नाइट्रोबेक्टर (Nitrobactor)

Vi..14. मिट्टी में अमोनिया को नाइट्रेट में बदलने के लिए उत्तरदायी जीवाणुओं का नाम बताइए।

उत्तर : (i) नाइट्रोसोमोनास (ii) नाइट्रोबैक्टर। 

Imp15.दो वायु प्रदूषक का नाम बताइए ।

 उत्तर : (a) CO2 गैस (b) SPM.

**Vvi.16. SPM क्या है ?

उत्तर: वायु में उपस्थित 0.001/pum से 100pm आकार वाले कणों को SPM (Suspended Particulate Matter) कहते हैं।

*17.] जैव मंडल रिजर्व (Biosphere Reserve) क्या है ?

उत्तर : जैव मंडल रिजर्व वह निर्दिष्ट क्षेत्र है, जहाँ भूमि के बहुत उपयोग के लिए अनुमति दी जाती है। इस उद्देश्य से भूमि को कई मंडलों में बाँटा जाता है तथा एक मंडल एक विशिष्ट गतिविधि के लिए समर्पित होता है। 
18. जनसंख्या की वृद्धि दर एवं मृत्यु दर से आप क्या समझते हैं ? उत्तर : जनसंख्या वृद्धि दर प्रति हजार जनसंख्या पर जन्म दर एवं मृत्यु दर के अन्तर को 'जनसंख्या की वृद्धि' कहते हैं।
 जनगणना 2011 के अनुसार भारत में औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 2001-2011 के बीच 1.64% रही।

जनसंख्या की मृत्यु दर :- प्रति वर्ष जनसंख्या में जितने प्रतिशत की मृत्यु होती है, उसे मृत्यु दर कहते हैं। 

Imp.**19. ध्वनि प्रदूषण क्या है? ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव क्या हैं?

अथवा, मनुष्य पर ध्वनि प्रदूषण के दो दुष्परिणाम लिखिए।

उत्तर : ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) : ध्वनि जब हमारे कानों की सहन शक्ति से अधिक तेज हो जाती है तो हम इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
 ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव /दुष्प्रभाव: (i) कम सुनाई देना (ii) कान का सुन न पाना।

**20. वायु प्रदूषण से बचाव के लिए दो उपकरणों का नाम लिखिए। उत्तर: वायु प्रदूषण से बचाव के लिए दो उपकरण 
(i) नाक एवं मुँह को ढंककर रखने के लिये यातायात में वायु
फिल्टर का प्रयोग। 
(ii) मोटर गाड़ियों एवं दोपहिया वाहनों में धुआँ-फिल्टर उपकरण लगाना।

.*21. दमा (Asthma) क्या है ?

उत्तर : दमा वायु प्रदूषण के कारण होने वाला श्वाँस रोग है। इसमें श्वाँस लेने में कठिनाई होती है। इसका प्रमुख पर्यावरणीय कारण है पशुओं के सड़े-गले मृत शरीर, पौधों के परागकण, धूलकण, फफूद, गधयुक्त रसायन आदि जब वायु में उपस्थित होता है तो दमा का दौरा पड़ता है।

**22."मानवीय क्रियाकलापों से नाइट्रोजन चक्र प्रभावित होती है"- इसके पक्ष में दो तर्क उपस्थित करो।

उत्तर: मानवीय क्रिया कलापों का नाइट्रोजन चक्र पर प्रभाव:
 (i) अधिक भोज्य पदार्थों के उत्पादन के लिए किसान अपने खेतों में रासायनिक उर्वरक का उपयोग अधिक करते इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि होती है। इससे वातावरण में N2O गैस की सान्द्रता बढ़ जाती है।' जो एक Green house गैस है। इससे वायु प्रदूषण होता है।
 (ii) नाइट्रोजन के आक्साइड नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं। यह वर्षा के जल से मिलकर अम्ल वर्षा के साथ धरती पर हैं। इस अम्ल वर्षा से मिट्टी, पौधे, जन्तु और जल के साथ ही साथ मानव सम्पदा भी प्रभावित होती है। 

***23. गिर जंगल में शेरों की संख्या को बढ़ाने के लिए अपनाये जानेवाली दो संरक्षण के प्रस्ताव का उल्लेख करो।

उत्तर: गिर जंगल में सिंहों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रस्ताव :

(i) सन् 1972 ई० में शेर परियोजना का आरम्भ गुजरात के गिर वन क्षेत्र में किया गया। इस क्षेत्र में सिंह का शिकार करना पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित है। 

(ii) सिंह को प्राकृतिक रूप से भोजन मिलता रहे इसलिए यहाँ के जंगल में सांभर एवं चीतल की संख्या को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। सिंह अपनी प्रजनन क्रिया को किस प्रकार से कायम रखेंगे इसके लिए उचित कार्यवाही की जरूरत है 

[24. राष्ट्रीय उद्यान के किन्हीं दो विशेषताएँ लिखिए। अथवा, राष्ट्रीय उद्यान क्या है?

उत्तर : राष्ट्रीय उद्यान वह सुरक्षित क्षेत्र है जहाँ पर वन्य प्राणियों का उनके प्राकृतिक वातावरण के साथ संरक्षण होता है। यहाँ उन लोगों के आमोद-प्रमोद का भी साधन होता है। जैसे- उत्तर प्रदेश का कोरबेट नेशनल पार्क तथा झारख का हजारीबाग नेशनल पार्क।

***25. भारत में रेड पान्डा का कितने राज्यों में संरक्षण होता है ?

उत्तर भारत के चार राज्यों (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश) में रेड पान्डा का संरक्षण होता है।।

**26. राष्ट्रीय उद्यान का दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर : (a) कार्बोरेट राष्ट्रीय उद्यान (b) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान ।

**27.भारत की दो संकटापन्न प्रजातियों का नाम बताइए।

उत्तर : (a) घड़ियाल एवं (b) रेड पान्डा भारत की दो संकटापन्न प्रजातियों में उल्लेखनीय हैं।

*28. बाघ योजना (Tiger Project) क्या है?

उत्तर भारत सरकार ने लगातार विलुप्त हो रहे बाघों की सुरक्षा के लिए सन् 1972 ई० में एक योजना प्रस्तावित को जिसे व्याघ्र योजना कहते हैं। इस योजना के अन्तर्गत बाघों का शिकार करना एक कानूनी जुर्म माना गया है।

[.29. प्राथमिक प्रदूषक किसे कहते हैं? उदाहरण सहित बताओ।

उत्तर : प्राथमिक प्रदूषक (Primary Pollutant) : प्राकृतिक तरीकों से या मनुष्य के द्वारा जो हानिकारक पदार्थ उत्पन्न होकर वायुमण्डल को प्रदूषित करते हैं, उन्हें प्राथमिक प्रदूषक कहा जाता है। जैसे- ज्वालामुखी विस्फोट से उत्क राख, यानवाहनों के उत्सर्जन से निकलने वाली गैसें, औद्योगिक रसायन, कल-कारखानों की चिमनियों से उत्पन्न हुआ।

30.संकटग्रस्त प्राणियों के नाम बताओ। 
उत्तर: संकटग्रस्त प्राणी निम्नलिखित हैं-

शेर (Lion), गडा, बर्फीले चीते (तेन्दुआ), हुलुक गिब्बन, सुनहरे लंगूर, जंगली गधा, लाल पाण्डा, चींटी खोर गोलियन, हगुल, माउस हिरण, करो मृग, गंगा नदी के डॉल्फिन आदि। 

31. मगरमच्छ परियोजना (Crocodile Project) का संक्षिप्त वर्णन करो।

उत्तर : भारत में सर्वप्रथम सन् 1975 ई० में मगरमच्छ परियोजना का प्रारम्भ किया गया। सन् 1975 ई० में एक मगरमच्छ प्रजनन और संरक्षण कार्यक्रम बाकी मगरमच्छों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवासों में करने के लिए उनके जनन केन्द्र बनाकर शुरू किया गया। यह देश की सबसे सफल बहि: स्थली संरक्षण तथा प्रजनन परियोजनाओं में से एक है। 

32 .टीशु कल्चर क्या है?

उत्तर : टीशु बैंकों को संगठित कर सड़ने के जननिक क्षरण से बचाने के लिए इस तकनीक का उपयोग अत्यधिक लाभदायक हो सकता है। रोग मुक्त प्रविभाजी ऊत्तकों का हिम सुरक्षण द्वारा यह किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कटे हुए जड़ों एवं क्षतिग्रस्त प्ररोहों को लम्बी अवधि तक अन्तः भ्रूणीय कल्चर द्वारा पुनर्निर्माण क्षमता का ह्रास किये बिना एवं जननिक संरचना में परिवर्तन के बिना भी कैलस बनने की अवस्था को हटाते हुए यह संभव है।

Vvvi.****33.युट्रॉफिकेशन क्या है? (What is Eutrophication?)

Ans. जलाशयों में जीवधारियों के पोषण के लिए सीमाबद्ध करने वाले विशेष पोषक तत्त्व की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि की प्रक्रिया को युट्रॉफिकेशन (Eutrophication) कहते हैं।

युट्रॉफिकेशन (Eutrophication) की अवधि झील के आकार, गहराई, निक्षेपित पदार्थों की आयातित मात्रा एवं आन्तरिक रूप से निर्मित कार्बनिक पदार्थों की मात्रा पर निर्भर करता है। इस प्रक्रिया के कारण वह झील एक दलदली खाई। (Marsh Land) में परिवर्तित होकर अन्त में शुष्क भूमि में बदल जाती है।

Vi.**34. मेलैनोसिस क्या है? इसका लक्षण क्या है? (What is "Melanosis"? What are its characteristics?)

Ans. मेलैनोसिस (Melanosis) :- आर्सेनिक प्रदूषण के कारण होने वाला एक रोग "मेलैनोसिस " (Melanosis) है, जिसमें बड़े-बड़े काले धब्बे पूरे शरीर पर निकलते हैं। पैरों पर और तलवों में गाँठ (Tumors)निकल आते हैं। आर्सेनिक प्रदूषण का दुष्परिणाम दमा (Bronchities), सिरोसिस (cirrhosis), यकृत रोग, त्वचीय कैन्सर (Skin Cancer) आदि रोगों के रूप में भी देखने को मिलता है।

35. कृषि रसायनों का मिट्टी प्रदूषण पर क्या प्रभाव पड़ता है? (What are the effects of Agro- chemicals on soil pollution?)

Ans. कृषि रसायन प्रदूषण (Agro-chemical pollution) :- पोषकता बढ़ाने के लिए मानव इसमें रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का जमकर इस्तेमाल कर रहा है। इसके साथ ही फसलों एवं पौधों को रोगों तथा कीटाणुओं एवं पशु-पक्षियों से बचाने के लिए छिड़के जाने वाले मैथिलियॉन, गैमेक्सिन, डाइथेन एम-45, डाइथेन जेड़-78 और 2-4D जैसे हानिकारक तत्त्व मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता को नष्ट कर इसे दूषित कर रहे हैं।

भूमि प्रदूषण के कारण इसमें उत्पन्न होने वाले खाद्य पदार्थ विषाक्त होते जा रहे हैं और यही विषाक्त पदार्थ जब भोजन के माध्यम से मानव शरीर में पहुँचते हैं, तब उससे खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक स्तर पर विषाक्त पदार्थों की सान्द्रता बढ़ती जाती है। इसे जैविक आवर्धन (Biological magnification) कहते हैं।

***36.स्मोग क्या है? (What is smog?)

Ans. धुआँ (smoke) और कोहरा (fog) के मिश्रण से उत्पन्न पदार्थ को स्मोग कहते हैं।

 37. आर्द्रभूमि के विनाश तथा कृषिभूमि के मात्रा के निरंतर समाप्त होने की क्रिया पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करेगा ? (What would be the environmental consequences as results of recurrent destruction of wetlands and depletion of quantity of agricultural lands?)

Ans. आर्द्र भूमि के विनाश का पर्यावरण पर प्रभाव - 
(i) पीने के लिए पानी की कमी।
(ii) जैवविविधता की क्षति। 

कृषि भूमि के विनाश के पर्यावरण पर प्रभाव - कृषि भूमि के नष्ट होने से खाद्य उत्पादन में कमी आयेगी
जिसके फलस्वरूप जीवों के बीच संघर्ष बढ़ेगा और लोग भूखमरी के शिकार होंगे। 

**38. मनुष्य के कानों तथा हृदय पर ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को लिखो। (What are the harmful impacts sound pollution can exert on the ears and heart in human body?) 

Ans. ध्वनि प्रदूषण के कारण कानों को सुनने की क्षमता कम हो जाती है। आदमी पूर्ण रूप से बहरा भी हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण से हृदय गति बढ़ जाती है। रक्तचाप बढ़ जाता है जिससे हृदय आघात होने की संभावना बढ़ जाती है।

***39.मनुष्य में फेंफड़ा के कैन्सर का एक लक्षण एवं एक कारण बताइए। (Write one cause and one symptom of lung cancer in human being.)

 Ans. फेफड़े के कैन्सर का लक्षण (Symptom of lung cancer) : फेफड़ों की श्वास नलिका (Bronchus and Bronchioles) में सूजन हो जाता है, जिससे व्यक्ति को लगातार हफनी तथा खाँसी होती है।

फेफड़े के कैन्सर का कारण (Cause of Lung Cancer) : कुछ विशेष रसायनों का धुँआ, वेल्डिंग करनेवाले, अग्निशामक, बीड़ी, सिगरेट या तम्बाकू पीने से यह रोग होता है।

Vvi.40. यथास्थल संरक्षण से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by In-Situ conservation?) 

Ans. यथास्थल संरक्षण:-किसी प्रजाति के संरक्षण का सबसे अच्छा तरीका उसके आवास (Habitats) को उन तमाम दूसरी प्रजातियों के साथ सुरक्षित रखना है, जो उसमें प्राकृतिक ढंग (Natural way) से रहती हैं। इसे यथास्थल संरक्षण (In-situ conservation) कहते हैं।


**41.जैव-भू- रासायनिक चक्र किसे कहते हैं? (What is Bio-geo chemical cycle?) 
Ans. जैव-भू रासायनिक चक्र (Bio-geo chemical cycle) :- "वह चक्रीय विधि जिसमें जीवों के शारीरिक गठन तथा पोषण में उपयोगी रासायनिक तत्त्व वातावरण (पर्यावरण) से विभिन्न साधनों द्वारा शरीर में तथा शरीर से विभिन्न चयापचय क्रियाओं (Metabolism) द्वारा पुन: पर्यावरण या स्रोत में मिल जाते हैं, उसे जैव-भू- रासायनिक चक्र (Bio-geo-chemical cycle) कहा जाता है।"

**42. गिर राष्ट्रीय उद्योन में शेर के स्वस्थान संरक्षण (इन-सिटु संरक्षण) हेतु क्या उपाय किये गये हैं, उल्लेख करें। (Mention the in-situ measures adopted for conservation of lion in Gir National Park of India.)

Ans. गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर के स्वस्थान संरक्षण (In-Situ conservation) के लिए किये गये उपाय -
 (i) शेरों के शिकार पर प्रतिबंध लगाकर उनके गैरकानूनी शिकार पर रोक।

(ii) शेरों के वासस्थान के क्षेत्रफल को बढ़ाया गया है।

(iii) बीमार शेरों की पहचान कर सही समय पर उनका इलाज कराना।

(iv) शेरों के शिकार के लिए समुचित जीवों की आपूर्ति करना ।

(v) वन में जन-साधारण का बिना अनुमति का प्रवेश निषेध करना ।

Vi.**43. माइक्रो प्रोपगेशन का दो महत्व लिखिए। (State two importances of micropropagation.)
 Ans. माइक्रोप्रोपगेशन का महत्त्व - 
(i) टिशू कल्चर द्वारा नए उन्नत पौधे विकसित किए जाते हैं। 
(ii) इस विधि से इच्छित प्रजाति एवं किस्म के पौधे तीव्रता से अधिक संख्या में उत्पन्न किए जाते हैं। जैसे - ऑर्किड का पौधा एवं फूलों का पौधा ।

**44. किसी वन के जैव-विविधता सम्पन्न होने के दो कारण बताइए। (Write two criteria of a forest to be identified as Hot spot.)

Ans. . जैव-विविधता संरक्षण के कारण :-
 (i) किसी भी प्रजाति की विलुप्ता सदा के लिए हो जाती है, तब पृथ्वी की जैविक सम्पदा की अपूरणीय तथा अपरिवर्तनशील क्षति होती है। अत: जैविक सम्पदा के क्षतिग्रस्त होने से बचाना।

(ii) कई प्रजातियाँ एक-दूसरे पर निर्भर होती हैं। परन्तु इनकी जैव-विविधता उस क्षेत्र की खास विशेषता होती है। अतः दुर्लभ स्थानिक प्रजातियाँ एक छोटे से क्षेत्र में ही पायी जाती हैं, परन्तु इनकी जैव-विविधता उस क्षेत्र की खास विशेषता होती है। अतः दुर्लभ स्थानिक प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाना एवं उस क्षेत्र की विशेषता को कायम रखना।


Imp.**45. भू-तापीय उष्णता के कारण समुद्र में जल का स्तर यदि अतिरिक्त बढ़ जाये तो मनुष्य तथा सुंदरवन के जैव-विविधता को कौन-सी समस्याएँ होगी ? (If the water level in sea increases enormously due to global warming, what problems the humans and bio-diversity of Sunderbon may face?)

Ans. भूतापीय उष्णता के कारण:- समुद्र के जल में अतिरिक्त वृद्धि से मनुष्य तथा सुन्दरवन की जैव विविधता की समस्यायें समुद्र के जल की उष्णता बढ़ने के कारण तटीय किनारे का निमज्जन हो रहा है। ऐसी स्थिति हिम चादर के पिघलने के कारण होती है। इस स्थिति में तटीय इलाकों में वासस्थान की कमी हो जायेगी जिससे वहाँ का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जायेगा। इससे पीने के पानी की कमी होगी, बिमारियाँ फैलेगी और खेती योग्य भूमि का ह्रास होगा। बाघ, मछली, कछुआ आदि की संख्या में कमी आ जाएगी।

































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