Class 8 Hindi Notes

 Class 8 Hindi Notes

पद्य

पाठ-3

प्रियतम






भाषा बोध-

1)निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह कर समास का नाम लिखिए -
मृत्युलोक - मृत्यु का लोक - तत्पुरुष समास ।
 सज्जन -सत् है जो जन - कर्मधारय समास।
दोपहर - दूसरा पहर - द्विगु समास
नाम स्मरण - नाम का स्मरण - तत्पुरुष समास। 

2)निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कर संधि का नाम लिखिए-

उल्लास - उत् + लास- व्यंजन संधि

प्रात:काल - प्रात + काल - विसर्ग संधि .

 3) निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए-

विष्णु- हरि, नारायण, श्रीपति।

परीक्षा - इम्तिहान, समीक्षा, निरीक्षण।

प्रात:काल - प्रभात, भोर, सबेरा।

इष्ट - इच्छित, अभीष्ट, वांछनीय।

विश्व - संसार, दुनिया, जगत्।
______________________________________________

वस्तुनिष्ठ प्रश्न


1. जन-गीत के रचनाकार है


(क) जयशंकर प्रसाद

(ख) मैथिलीशरण गुप्त

(ग) महादेवी वर्मा

 (घ) सुमित्रानंदन पंत

उत्तर : (घ) सुमित्रानंदन पंत

2. "विषाद की निशा" क्यूँ बीत रही है?

(क) एक प्राण होने से (ख) नई सुबह होने से

(ग) निशान उड़ने से

उत्तर : (ख) नई सुबह होने से

3. "शोषित" का अर्थ है

(क) जो शोषण करता है (ख) जिसका शोषण किया गया हो (ग) जो रस खींचता हो (घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।

उत्तर : (ख) जिसका शोषण किया गया हो।

4. "नवयुग" में नया क्या हैं?

(क) नई सरकार

(ख) नये नेता

(ग) नये प्रशासक

(घ) नये नियम

उत्तर : (घ) नये नियम



लघुउत्तरीय प्रश्न


1. कवि पंत के अनुसार हम एकजुट कब होते हैं? 
उत्तर : कवि पंत के अनुसार विषाद की निशा बीत जाने पर जीवन में नया सबेरा आने पर हम एकजुट होते हैं।

2. भारतवासी किस नींद से जगे हैं?

 उत्तर : भारतवासी शुद्ध स्वार्थ और काम की नींद से जगे हैं।

3. कवि का मन अब क्या नहीं सहना चाहता?

उत्तर : कवि का मन किसी का शोषण किया गया हो तथा पीड़ा और अन्याय नहीं सहना चाहता।

4. पंतजी समाज को किस रूप में देखना चाहते हैं? 

उत्तर : पंतजी संकट, पीड़ा अभाव से मुक्त सुसंगठित समाज को देखना चाहते हैं।

बोधमूलक प्रश्न


1)कवि कैसी निशा के बीत जाने की बात कह रहा है? और क्यों? 
उत्तर : कवि विषाद (दुःख) की निशा बीत जाने की बात कह रहा है क्योंकि दुःख की रात अब बीतने जा रही है। नया सवेरा आ रहा है। सभी निर्भय होकर प्रगति की ओर प्रयाण कर रहे हैं, अब सभी लोग मिलकर समवेत स्वर में जयगान का उच्चारण करेंगे।

2) नवयुग का अब नया विधान हो'- इस पंक्ति के आधार पर बताइए कि कवि नये युग को किस रूप में देखना चाहता है ?

उत्तर : कवि देखना चाहता है कि नये युग के लिए नये नियम कानून बने।जिसमें शोषण पीड़ा, अन्याय के लिए कोई स्थान न हो सद्गुणों की कद्र हो।दुःख रहित सुसंगठित समाज का निर्माण हो। पुरानी परंपराओं के स्थान पर नवीन परंपरा, नवीन विचारधारा के आधार पर नये समाज का गठन हो।

भाषा बोध


निम्नलिखित शब्दों का समास विग्रह कर समास का नाम लिखिए -
अभय - न भय- नञ्  तत्पुरुष समास।

अभिन्न - नहीं है भिन्न जो - बहुव्रीहि समास,

लोककर्म - लोक का कर्म - तत्पुरुष समास। 

जीवन-शिल्पी - जीवन का शिल्पी - तत्पुरुष समास

नवयुग - नया युग - कर्मधारय समास 

2. विशेषण और विशेष्य का मिलान कीजिए :


अभय - निशान

शुद्ध-स्वार्थ

काम - नींद

संगठित - समाज

नव-युग








गद्य

पाठ-3

नीलू





लघुउत्तरीय प्रश्न

1)मन्दिर में कैसे लोग आते हैं?

उ०)मंदिर में सहृदय और श्रद्धालु लोग आते हैं।

2)अंधी को बच्चा कितने वर्ष पहले कहाँ मिला?

उ०)अंधी को बच्चा पाँच वर्ष पहले किसी मेले में मिला था।

3) पैसा माँगने पर सेठ ने अंधी को गुस्से में क्या कहा? 

उ० पैसा माँगने पर सेठ ने अंधी को गुस्से में कहा -जाती हो या फिर नौकर को बुलाऊँ। 

4. अंधी को किस शब्द ने बेचैन कर दिया?

उ० सेठजी नेकहा कि बच्चा मेरा है, अब मिला है, इसलिए इसे कहीं जाने न दूंगा। सेठजी के ये शब्द सुनकर अंधी बेचैन हो गई।

5)अंधी माँ से मिलने पर वह कितने दिन में ठीक हुआ?
 उ० अंधी माँ से मिलने पर वह दस-पन्द्रह दिन में ठीक हो गया।
 
6)निम्न पंक्तियाँ कौन किससे कह रहा है?

(क) कैसी जमा-पूँजी? कैसे रुपये?'
 उ० सेठजी अंधी भिखारिन से कह रहे हैं।

(ख) 'अच्छा' भगवान तुम्हें बहुत दे। 
उ० अंधी भिखारिन सेठजी से कह रही है।

(ग) 'इसमें तुम्हारी धरोहर है, तुम्हारे रुपये। मेरा वह अपराध..।' 
उ० सेठ जी ने अंधी भिखारिन से कहा।

बोध मूलक प्रश्न

1. काशी के सेठ के बारे में लोग क्या जानते थे? 

उ० काशी के सेठ के बारे में लोग जानते थे कि वे बहुत बड़े भक्त और धर्मात्मा है। धर्म में उनकी बड़ी रुचि है। स्नान-ध्यान में संलग्न रहते हैं। 

2. अंधी भिखारी से पैसे ले उसके साथ क्या व्यवहार किया गया? 

उ० अंधी भिखारी से पैसे लेकर उसके साथ बिल्कुल अन्याय किया। सेठजी बिल्कुल नकार गए कि उसकी पूँजी उनके पास जमा नहीं है। उसे धमकी मिली की कि वह तुरंत वहाँ से चली जाए। उसे मारने का डर दिखाया गया । उसके रोने गिड़गिड़ाने पर भी उसके पैसे उसे न मिले। 

3)अंधी ने ठहाका क्यों लगायी?

उ० सेठजी ने अंधी से कहा कि यह बच्चा उनका है, इसलिए वे इसे कहीं जाने नहीं देंगे और लाख कोशिशें करके भी इसके प्राण बचाएंगे। सेठजी के इसी वचन पर अंधी ने ठहका लगायी और कहा कि बच्चा तुम्हारा है, इसलिए लाख प्रयत्न करके उसे बचाएंगे। यदि मेरा बच्चा होता तो उसे मर जाने देते क्यों? यह भी कोई न्याय है ।

4)सेठ और भिखारिन में किसे महान कहा जा सकता है? और क्यों? 
उ० सेठ और भिखारिन में भिखारिन को महान कहा जा सकता है भिखारिन ने अपनी धरोहर के रुपये भी सेठजी को ही लौटा दिया। सेठजी को भिखारी बना दिया ओर स्वयं को देने वाली। सेठजी ने उससे बेईमानी की, बच्चे को भी छीन लिए, पर वह ममता के कारण बच्चे की सेवा की। स्वस्थ्य हो जाने पर सेठजी के यहाँ रहने को राजी न हुई। सेठ उसके सामने नतमस्तक हो गए।

5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है? 
उ० इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को कभी भी अपना धर्म कर्तव्य, ईमानदारी को नहीं भूलना चाहिए। तुच्छ धन के लिए बेईमान बनना  मानवता के खिलाफ है। सहृदयता, दया, प्रेम के साथ दीनों, अपाहिजों, भिखारियों के प्रति सहृदय होना चाहिए। व्यक्ति को अपने विचारों तथा कर्मों से महान बनना चाहिए। महानता धन में नहीं ममता में ,मानवता में, सहायता में होती है।













निबंध 

महात्मा गाँधी

महात्मा गाँधी जी एक सच्चे भारतवासी होने के साथ-साथ एक महान और उत्कृष्ट व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे जो आज के समय में भी देश और विदेशों के लोगों को अपनी महानता, आदर्शवाद और महान जीवन की वजह से प्रेरित करते हैं।
महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक स्थान पर एक हिंदू परिवार में हुआ था जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। भारत देश के लिए 2 अक्तूबर एक बहुत ही पुन्य तिथि थी क्योंकि आज के दिन महात्मा गाँधी जी का जन्म हुआ था।
गाँधी जी ने ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराने के लिए अविस्मरणीय भूमिका निभाई थी। गाँधी जी ने अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा इंग्लैड से की थी जहाँ से वे एक वकील बनकर लौटे थे जिसके बाद उन्होंने ब्रिटिश शासन द्वारा समस्याओं का सामना करने वाले भारतियों की मदद करने लगे थे।

गाँधी जी ने भारतीय लोगों की मदद करने के लिए सत्याग्रह नामक आंदोलन का शुभारंभ किया। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए गाँधी जी ने बहुत से अन्य आंदोलन भी चलाए थे जिनके बाद भारत को अंत में 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी लेकिन इसके एक साल बाद 30 अक्तूबर, 1948 को दिल्ली में गाँधी जी की मृत्यु हो गई थी।

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