Class 12 Hindi Vyakaran notes
Class 12
Hindi Vyakaran notes
(क) निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध कीजिए (कोई दो)-
(H.S.2020)
*(i) दूब तक सुख गया है।
उत्तर- दूब तक सूख गयी है।H.S.2020
* (ii) तुम्हारी आलोचना क्या फ्राड नहीं है।
उत्तर -तुम्हारी आलोचना क्या फ्रॉड नहीं है।
• (iii) पैसे ईश्वर की जेब से गये।"
उत्तर -पैसे ईश्वरी की जेब से गये।
* (iv) ढाल दो जीवनी रस के उपकरणी में।
उत्तर- ढाल दो जीवनी रस के उपकरणों में।
* (v) लकड़ी बुरी तरह भूरभूरा गई थी।
उत्तर: लकड़ी बुरी तरह भुरभुरा गई थी।
(vi) दूरन्त जीवन शक्ति है।
उत्तर- दुरन्त जीवन शक्ति है।
(vii) मैंने प्रार्थना के स्वर से कहा।
उत्तर - मैंने प्रार्थना के स्वर में कहा।
(viii) पहले कुंवर साहब के पाव दबा
उत्तर - पहले कुंवर साहब के पाँव दबा
(x) बड़े-बड़े शब्द को जाने दीजिए।
उत्तर- बड़े-बड़े शब्दों को जाने दीजिए।
xi) कुटज के ये सुन्दर फूल बहुत बुरी तो नहीं है।
उत्तर - कुटज के ये सुन्दर फूल बहुत बुरे तो नहीं है।
(xii) मेरे मन नाम के लिए व्याकुल है।
उत्तर- मेरा मन नाम के लिए व्याकुल है।
* (xiii) यशराज की आँखें देखने के काबिल था।
उत्तर- यशराज की आँखें देखने के काबिल थीं।
(xiv) मैं बहुत गम्भीरता से उत्तर दिया। उत्तर - मैंने बहुत गम्भीरता से उत्तर दिया।
(xv) कालिदास ऐसा हि कहा था।
उत्तर- कालिदास ने ऐसा ही कहा था।
(xvi) यशराज विजेता का आँख से मुझे देखा।
उत्तर- यशराज ने विजेता की आँखों से मुझे देखा।
(xvii) मेरा लड़का चिरागदीन तुम लोग का दर्जी था।
उत्तर- मेरा लड़का विरागदीन तुम लोगों का दर्जी था।
(xviii) इस गिरिकूट बिहारी का नाम क्या है?
उत्तर- इस गिरिकूट बिहारी का नाम क्या है?
(xix) यशराज का बात अलग है?
उत्तर- यशराज की बात अलग है।
(xx) मैंने मुस्कुराकर कहा हजरत काव्य की प्रक्रिया ज्ञानात्मक प्रक्रिया नहीं है।
उत्तर - मैंने मुस्कराकर कहा, "हजरत, काव्य की प्रक्रिया ज्ञानात्मक प्रक्रिया नहीं है।"
*(xxi) स्मृतीयों की पंख फैलाकर सुदूर अतित में झाँकता रहा।
(xxii) क्या तीर मारा है मैं।
(xxiii) तुम्हें तुम्हारा घर दीखा हूँ।
(xxiv) ऐसा हवा बाँधा कि कुछ न पुछिए।
(xxv) एक दिन सचमुच यही बात हो गया।
(xxvi) फूलों से तो ऐसा लादा है की पूछिए नहीं।
(xxvii) वहाँ पर ठाकूर अक्सर आया करता था।
(xxviii) मुझ पर वर्जपात हो गयी थी।
(xxix) सब कुछ बदल गया, मगर बोलीयाँ नहीं बदली।
* (xxx) उसके पति भी एक देवहितैशी सज्जन हैं।
(xxxi) भुरभुरे किबाढ़ से लकड़ी के रेशे झरते जा रही थी।
*(ख) निम्नलिखित वाक्यों को बदलिए:
1x2=2
* (i) मेरा लड़का चिरागदीन तुमलोगों का दर्जी था। (मिश्र वाक्य में)
[H.S.2020]
* (ii) मैं उठा और दो-तीन तमाचे और जड़ दिया। (सरल वाक्य में)
[H.S.2020]
★ (iii) दोनों भाई-बहिन पिता के दोनों हाथ पकड़कर बड़ी खुशी के साथ जा रहे थे। (संयुक्त वाक्य में)
[H.S.2020]
* (iv) मैंने अपने मन को काफी नसीहत दी। (मिश्र वाक्य में)
* (v) सुंदर देई उदास होकर बड़े भाई को देखने लगी। (संयुक्त वाक्य में)
(vi) वास्तविक प्रेम करने का आत्मबल उनमें बिल्कुल नहीं है। (मिश्र वाक्य में)
* (vii) जो कुरसी थी मैं उस पर पाँव लटकाए बैठा था। (सरल वाक्य में)
(viii) ईश्वरी हार कर भी मुस्कराता रहता था। (मिश्र वाक्य में)
* (ix) यह वो मस्जिद है जो ज्यों की त्यों खड़ी है। (सरल वाक्य में)
(x) वे एक्टर हैं, नट हैं। (संयुक्त वाक्य में)
(xi) साहब की उमर कोई ग्यारह साल की थी पर बहिन की उमर कोई छह सात वर्ष की होगी। (सरल वाक्य में)
***समास विग्रह कीजिए:-
* महोदधि •(HS-2020)
दुतरफा (HS-2020)
• आनन्द्राश्रम (HS-2020)
राजदरबार
त्रिभुवन
देशहितैषी
शोभा निकेतन
कुछ-कुछ
अनाथालय
वस्तुतत्व
झाड़-झंखाड़
धरतीधकेल
बुद्धिहीन
चहल-पहल
• हिमालय *
डॉट-फटकार
चतुर्भुज
***सन्धि-विच्छेद कीजिए : (कोई दो)
अन्तर्निरुद्ध, परमावश्यक, सदगुण, दुर्जन, उल्लास, देशोद्धार, शिवालय, सज्जन, नीरस, नीलोत्पल, अनाथालय, द्वन्द्वातीत, आविर्भाव, कुबेरोचित, निस्संदेह, परमेश्वर, महात्मा, विचारोत्तेजक, उल्लास, संतोष, नीलोत्पल, महोदधि, संशोधित, रत्नाकर, संतुष्ट, कूटोल्लास, अन्तर्भूत, यद्यपि।
मुहावरा
(***) निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखिए (कोई दो):-
ढपोरशंख, जाल-बिछाना, मिट्टी पलीद करना, हाथ-पैर मारना, कान देना, मुट्ठी गरम करना, शनीचरी छाए रहना, वज्रपात होना, आँखें फाड़कर देखना, गला दबाना, तीर मारना, खून चूसना, आँखों में खून उतरना, धाक जमाना, सत्यानाश होना, खून चूसना, गला दबाना, पाताल की दाती चौसा, आकाश को चूमना, जान पर बन जाना, आपे से बाहर होना, चहल-पहल होना, गर्दन उठाना, बंगले में झाँकना, छाती दहल जाना, शिकन न पड़ना, चेहरा पीला पड़ना, तीर मारना, तूफान आना।
उत्तर :-
ढपोरशंख -डींग हाँकने वाला [H.S. 2020)
जाल बिछाना -षडयंत्र करना / फँसाना [H.S. 2020)
मिट्टी पलीद करना- दुर्दशा करना / बेइज्जत करना [H.S. 2020]
हाथ-पैर मारना- प्रयास करना
कान देना -ध्यान देना।
मुट्ठी गरम करना- रिश्वत देना।
शनीचरी छाए रहना- चिन्ताग्रस्त रहना।
वज्रपात होना -विपत्ति आना।
आँखें फाड़कर देखना -चकित होना।
गला दबाना- हत्या करने का प्रयास करना,मार डालना।
तीर मारना- जीत प्राप्त करना / विजयी होना।
खून चूसना- शोषण करना।
आँखों में खून उतरना -बहुत अधिक क्रोधित होना।
धाक जमाना- प्रभाव दिखाना।
सत्यानाश होना- पूरी तरह से नष्ट होना।
पाताल की छाती फाड़ना- अदम्य साहस से अत्यन्त गहराई तक जाना।
जान पर बन आना- जान पर खतरा होना।
आपे से बाहर होना -काफी क्रोधित होना।
चहल पहल होना -रौनक होना।
गर्दन उठाना - विरोध करना।
बगले झांकना -अनदेखा करना, निरूत्तर हो जाना।
छाती दहल जाना- भयभीत होना।
शिकन न पड़ना - चिन्तित न होना।
चेहरा पीला पड़ना- भयभीत होना।
तीर मारना -सफलता प्राप्त करना।
तूफान आना- विपत्ति में पड़ना।
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