MADHYAMIK HISTORY(HINDI MEDIUM) NOTES

 MADHYAMIK HISTORY NOTES FOR HINDI MEDIUM


Book
Lesson -1




Lesson-2 

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E-(5).स्वामी विवेकानन्द के धार्मिक सुधारों के आदर्शों की व्याख्या कीजिए। (Explain Swami Vivekananda's ideals of religious reform.)

Ans. धार्मिक सुधार के सम्बन्ध में स्वामी विवेकानन्द के आदर्श (Swami Vivekananda's ideals of Religious Reforms) :- विवेकानन्द ने वैदिक एवं पौराणिक परम्परा से अलग हटकर उपनिषदों के आधार पर अपने आदर्श निश्चित किए। उन्होंने नव वेदान्त का प्रचार किया। उन्होंने विचारों के सम्बन्ध में कहा था कि विभिन्न विचारों के वाद-विवाद से कुछ नए विचार निकलते हैं। उन्होंने उपनिषदों की महत्ता को जनमानस के समक्ष लाने का प्रयास किया। सभी धर्मों की एकता के विषय में उन्होंने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म-सम्मेलन में कहा था कि - "जिस प्रकार सभी धाराएँ अपने जल को सागर में ले जाकर मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य के सारे धर्म ईश्वर की ओर ले जाते हैं।" इन्होंने भारत की आध्यात्मिक शक्ति को समस्त विश्व के सामने रखा और कहा कि पूरे विश्व को इस क्षेत्र से कुछ न कुछ सीखना है।

हिन्दू धर्म की महत्ता को सबके सामने साबित करते हुए उन्होंने कहा था – “पृथ्वी पर हिन्दू धर्म के समान कोई भी धर्म इतने उदात्त रूप में मानव की गरिमा का प्रतिपादन नहीं करता।" हिन्दू धर्म एवं वेदान्त दर्शन को उन्होंने लोगों की जरूरत बताया। वे वैदिक धर्म एवं मूर्तिपूजा के भी समर्थक थे। अपने नव वेदान्त आदर्श को मूर्त रूप देने के लिए स्वामी विवेकानन्द ने 1897 ई० में बेलूर में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। रामकृष्ण मिशन के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द ने आध्यात्मवाद का प्रचार किया। उन्होंने वेदों और उपनिषदों के सूक्ष्म ज्ञान को आम आदमी के लिए सुलभ बना दिया।

स्वामी विवेकानन्द ने अवनत हो रहे हिन्दू धर्म को पुनः प्रतिष्ठित किया। हिन्दू आध्यात्मवाद का प्रचार व पश्चिमी देशों में इसकी श्रेष्ठता स्थापित करके स्वामी विवेकानन्द ने न केवल हिन्दू धर्म को उसके अंध विश्वासों और दुर्बलताओं से बचाया, अपितु उसमें एक नवीन प्रेरणा का संचार किया।

Q-1-

Q-2-

















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