Class-6 Final Math Activity Task solutions

 Class-6 Final Math

 Activity Task solutions







(ii)

4.लघु उत्तरीय प्रश्न: 2 x 3 = 6

(i)आप अपने बड़े भाई से 5 वर्ष छोटे हैं, चल राशि का उपयोग करके तुम्हारे उम्र की सहायता से बड़े भाई के उम्र को लिखें। 
उत्तर:

मान लीजिए, मेरी उम्र = x वर्ष

चूँकि, मैं अपने बड़े भाई से 5 वर्ष छोटा हूँ

तो, हम यह भी कह सकते हैं कि मेरे बड़े भाई मुझसे 5 साल बड़े हैं

अगर हम इसका इस्तेमाल बड़े भाई की उम्र को मेरी उम्र के साथ व्यक्त करने के लिए करते हैं,

बड़े भाई की आयु होगी = x + 5 वर्ष

(ii) 5005005 को स्थानीय मान के अनुसार विस्तार से लिखें।

 उत्तर: संख्या 5005005 स्थानीय अर्थ का विस्तार करके
 लिखा जाता है:- 5000000+ 5000 + 5

(iii) उत्तर:

(iv) किसी परिक्षा में A को 50 में  20 अंक तथा B को 25 में 10 अंक प्राप्त हुए है। प्रतिशत का उपयोग कर बतायें किसे ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं।

उत्तर:

A को हस्त कार्य में 50 में से 20 अंक प्राप्त हुए, 

.:  A को प्रतिशत अंक मिला =

B ने 25 में से 10 अंक प्राप्त किए,

B को प्रतिशत अंक मिले = 

दोनों को 40% अंक मिले, यानी दोनों को प्रतिशत के बराबर अंक मिले

(v) किसी समबाहु त्रिभुज की परिसीमा 14.4 cm है। त्रिभुज के एक भुजा की लम्बाई दशमलव में लिखें। 
उत्तर:

5. (i) 145 और 232 का म. स. ज्ञात करें तथा म. स. की सहायता से इनका ल. स. भी ज्ञात करें।
उत्तर:





(ii) संख्या रेखां में जोड़े: (+7 ) ,( -7 ) 

उत्तर:


(iii) सुजाता द्वारा तैयार किये गये डाटा से एक दंड आरेख बनायें



6. इस साल गणित की परिक्षा में हमारी कक्षा के 60% छात्रों ने 80 से ज्यादा अंक प्राप्त किये है। यदि हमारी कक्षा में 50 छात्र है तो कितने छात्रों ने 80 से ज्यादा अंक प्राप्त किये है?
उत्तर:




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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1×5=5

(क) बादल चले गये वे कविता के रचयिता कौन हैं?
उत्तर:त्रिलोचन
(ख) बुआ का नाम क्या है ?

उत्तर : बुआ का नाम सोमा है।
(ग)घर के बगीचे में किस चीज का पेड़ था?

उत्तर : घर के बगीचे में सहिजन का पेड़ था।
(घ) ''कठोर कृपा' कहानी के लेखक कौन हैं ? 
उत्तर : काका कलेलकर।

(ङ)साईं को कौन पुकार रहा था ?
उत्तर : (ख) मोहन

3. निम्नलिखित पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

2x5-10

(क) निर्झर का जन्म कहाँ होता है? वह अपनी यात्रा में किन-किन अवरोधों का सामना करता है? 

उत्तर- निर्झर का जन्म पर्वत के अन्तस्तल से होता है। वह अपनी यात्रा में अनेक अवरोधों का सामना करता है। उसके रास्ते पर रोड़े आकर बाधा डालते हैं, कठोर चट्टानें पड़ जाती है। जंगल के वृक्ष रास्ते में पड़ जाते हैं। पर वह सभी बाधाओं को पार कर आगे बढ़ता जाता है।
(ख) 'कठपुतली' कविता का उद्देश्य लिखिए।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में कवि ने कठपुतली के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को स्पष्ट किया है। पराधीनता किसी को भी अच्छी नहीं लगती। गुलामी की बेड़ियों को सभी उतार कर फेंक देना चाहते हैं। धागे में बंधी हुई पराधीन कठपुतलो को दूसरों के इशारे पर नाचने से दुःख होता है। वह अपने पाँव पर खड़ा होना चाहती है। गुलामी को दूर करने के लिए वह विद्रोह का स्वर मुखर करती है। स्वाधीनता के महत्त्व को बतलाना ही कविता का उद्देश्य है।
(ग) सुख-दुख जीवन के संगी क्यों कहे गये हैं?

उत्तर- सुख-दुःख व्यक्ति के जीवन में सदा आते-जाते रहते हैं। दुःख भी थोड़े समय के लिए आता है, सुख भी थोड़े समय के लिए आता है। सुख-दुःख के इस मधुर मिलन से जीवन परिपूर्ण होता है। इसीलिए सुख-दुःख जीवन के संगी कहे गए हैं।
(घ) 'अपूर्व अनुभव' कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर- इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि किसी भी प्रकार की दृढ़ इच्छा बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती है। तोत्तो-चान की योजना अपंग यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की थी। यह जोखिम भरा कठिन काम था। पर एक लड़की अपनी तीव्र इच्छा शक्ति और बुद्धि के उपयोग से सफलता प्राप्त कर ली।
(ङ) पेड़ काटने का क्या परिणाम हुआ ?

उत्तर : जीविका के एकमात्र आधार पेड़ के कट जाने से बड़े भाई ने सोचा कि अब आगे गुजारा चलना मुश्किल है। इसलिए हमें अब कहीं न कहीं काम ढूँढना पड़ेगा। बड़े भाई ने धनी व्यक्ति के यहाँ नौकरी पकड़ ली। दूसरे भाई भी कहीं न कहीं काम पर लग गए। एक साल में ही चारों भाइयों की दशा अच्छी हो गई, घर का काम-काज सुचारू ढंग से चलने लगा। अब घर में किसी चीज की कमी न रही। इस प्रकार पेड़ काटने के परिणामस्वरूप उनकी किस्मत ऊँची उठ गई।

(च) साई का स्वभाव कैसा था?
उत्तर : साईं संसार के माया-मोह से विरक्त था। इसमें क्रोध, अहंकार बिल्कुल नहीं था। वह बच्चों को भगवान का ही रूप मानता था। इसलिए उसके दिल में बच्चे के प्रति प्यार तथा ममत्व का भाव था। किसी के डाँटने या तिरस्कार करने का उस पर कोई असर नहीं पड़ता था। वह सदा स्वच्छ पवित्र मन तथा विचार का फकीर था। उसमें सहानुभूति की भावना था। अहंकार करने वालों से भी वह प्यार का बर्ताव करता था।
4. निम्न शब्दों के लिंग बदाइये :

1x5=5

गति-स्त्रीलिंग
 दिन-पुल्लिंग
पानी-पुल्लिंग
इच्छा-स्त्रीलिंग
मन -पुल्लिंग
5. वाक्य में प्रयोग कीजिए:

न्योता-हमें न्योता मिला है|
छुट्टी-सर्दी की छुट्टी है |
 संपत्ति-संपत्ति मेरी है।
 उल्लास-उसके मन में बड़ा उल्लास था।
परिवर्तन-परिवर्तन प्रकृति का नियम है।

6. विलोम शब्द लिखिए:-

ईमानदार-बेईमान
 सुखी-दुखी
 गुण-अवगुण
 निश्चय-अनिश्चय
रोजगार-बेरोज़गार

7. निम्न शब्दों के वचन बदलिए : 
तारों-तार
पेड़ों-पेड़
चट्टानों-चट्टान
बाधा – बाधाएँ
मानव - मानवों

8. घर में रहकर पढ़ाई कैसी चल रही है? इस विषय पर अपने शिक्षक/शिक्षिका को एक पत्र लिकिए।

आदरणीय शिक्षक,

मुझे कक्षा 6 की याद आती है| मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं इन छुट्टियों के दौरान अपनी पढ़ाई का प्रबंधन कैसे कर रहा हूं। मैं अपनी छुट्टियों का उपयोग अपनी अगली पढ़ाई के लिए कर रहा हूँ ताकि बाद में यह मेरे लिए मददगार हो सके। मैं उन विषयों पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं और ज्यादा समय दे रहा हूं जिनमें मैं कमजोर हूं। मैं भाषा के अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए किताबें भी पढ़ता हूं। मैं भी अभ्यास कर रहा हूँ मैं गणित के योगों का भी अभ्यास कर रहा हूं ताकि मैं अगली बार गणित में बेहतर स्कोर कर सकूं। यह देखने के लिए कि मैं किसी भी विषय का अध्ययन करने से नहीं चूकता, मैंने एक टाइम टेबल तैयार किया है और उसके अनुसार अध्ययन किया है।  मुझे आशा है कि मेरी अध्ययन योजना कुशल है और मैं आपसे यह भी अनुरोध करता हूं कि यदि किसी आवश्यक परिवर्तन की आवश्यकता हो तो मेरा मार्गदर्शन करें|

आपका आज्ञाकारी छात्र
सौमेन घोष

9. 'वृक्षारोपन' के ऊपर एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर :   वृक्षारोपन
वृक्ष हमारी मूलभूत जरूरत को पूरा करता है। मानव समुदाय शुरू से ही पेड़-पौधों पर बहुत आश्रित रहा है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या और विकास की दौड़ ने हमें अंधा कर दिया।

पर्यावरण के संतुलन को अनदेखा करते हुए हम सभी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते आ रहे हैं। जिसके गंभीर परिणाम, ग्लोबल वॉर्मिंग के रूप में आज दिखाई पड़ रहे हैं।
वृक्ष जीवन देते हैं, जबकि हमने उसी जीवन को नष्ट करने में अपना योगदान दिया|वृक्षारोपण से तात्पर्य सिर्फ यह नहीं है कि ‘हम वृक्षों को लगाए’, वृक्षारोपण का सही अर्थ यह है कि हम ‘वृक्षों की कटाई को रोके, उसे संरक्षण दे।’ जिससे, प्रकृति का संतुलन बना रहे, और इंसानी जीवन भी इस धरती पर संभव बनी रहे।
 

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