Madhyamik hindi Extra questions

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Ans-ईश्वर के नाखून के पसीने से |

Ans-सांस

Ans-पंच विकारों से ग्रस्त जीव अपने मूल उद्देश्य को भूलकर भ्रम के जाल में फँसा हुआ है।इस से हममे अहंकार की भावना आती है|


Ans-गीतांजलि







*16 वर्तमान परिप्रेक्ष्य (प्रासंगिकता) के आधार पर 'दीपदान' शीर्षक एकांकी के उद्देश्य की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर- 'दीपदान' शीर्षक एकांकी एक सोद्देश्यपूर्ण रचना है। लेखक का उद्देश्य है कि पन्ना की ही तरह न्याय कर्तव्य और स्वामिभक्ति की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देना चाहिए। पन्ना के त्याग राजभक्ति और बलिदान के माध्यम से लोगों में त्याग, बलिदान, राजभक्ति, कर्तव्य परायणता, देशभक्ति की भावना को जगाना है। वर्तमान में इन सभी गुणों का लोगों में अभाव देखा जा रहा है।

इस एकांकी के द्वारा लेखक ने राजमहलों में चलने वाले षड्यंत्र और सत्ता के लिए होने वाले खूनी संघर्ष को उजागर किया है। सत्ता प्राप्ति के लिए जघन्य से जघन्य अपराध करना मामूली बात है। ‘दीपदान' एकांकी में लेखक का यह भी उद्देश्य है कि एक तुक्ष्य साधारण व्यक्ति भी बड़ा कार्य कर सकता है। समयानुसार सबका महत्व है। ‘दीपदान' एकांकी इतिहास के प्रमुख घटना को सामने लाने तथा पन्ना के अपूर्व त्याग की कहानी को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से लिखा गया है। व्यक्तिगत हित से राष्ट्र हित ऊँचा होता है, लेखक ने इस एकांकी के द्वारा यह बात बहुत जोरदार ढंग से कही है। कभी-कभी तुक्ष्य व्यक्ति भी महान कार्य और महान त्याग कर जाते हैं अतः किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। इस प्रकार हम देखते हैं कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य (प्रासंगिकता) के आधार पर 'दीपदान' एकांकी उद्देश्य की दृष्टि से सार्थक है।



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